Find the Latest Status about जातक कथाएँ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जातक कथाएँ.
ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
ल ल ल ल लोरी दुध की कटोरी,,,, कटोरी में काजु खाकर सो जा राजु बचपन की कथाएँ,
FRK PATHAN
कुरान (अरबी: القرآن, अल-क़ुर्'आन) इस्लाम की पाक किताब है मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रईल द्वारा मुहम्मद को सुनाया था। मुसलमान मानते हैं कि कुरान ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। हालाँकि आरम्भ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैगम्बर मुहम्मद के विसाल (स्वर्गवास) के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि अल्लाह द्वारा भेजे गए पाक संदेशों के सबसे अन्तिम संदेश कुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहले नबी (पैगम्बर या पयम्बर) थे।। ©FRK PATHAN Quran Stories क़ुरआन की कथाएँ
Mahesh Mohit
जातक कथा: दो हंसों की कहानी | The Story Of Two Swans बहुत पुरानी बात है हिमालय में प्रसिद्ध मानस नाम की झील थी। वहां पर कई पशु-पक्षियों के साथ ही हंसों का एक झुंड भी रहता था। उनमें से दो हंस बहुत आकर्षक थे और दोनों ही देखने में एक जैसे थे, लेकिन उनमें से एक राजा था और दूसरा सेनापती। राजा का नाम था धृतराष्ट्र और सेनापती का नाम सुमुखा था। झील का नजारा बादलों के बीच में स्वर्ग-जैसा प्रतीत होता था। उन समय झील और उसमें रहने वाले हंसों की प्रसिद्धी वहां आने जाने वाले पर्यटकों के साथ देश-विदेश में फैल गई थी। वहां का गुणगान कई कवियों ने अपनी कविताओं में किया, जिससे प्रभावित होकर वाराणसी के राजा को वह नजारा देखने की इच्छा हुई। राजा ने अपने राज्य में बिल्कुल वैसी ही झील का निर्माण करवाया और वहां पर कई प्रकार के सुंदर और आकर्षक फूलाें के पौधों के साथ ही स्वादिष्ट फलों के पेड़ लगवाए। साथ ही विभिन्न प्रजाती के पशु-पक्षियों की देखभाल और उनकी सुरक्षा की व्यवस्था का आदेश भी दिया। वाराणसी का यह सरोवर भी स्वर्ग-जैसा सुंदर था, लेकिन राजा के मन में अभी उन दो हंसों को देखने की इच्छा थी, जो मानस सरोवर में रहते थे। एक दिन मानस सरोवर के अन्य हंसों ने राजा के सामने वाराणसी के सरोवर जाने की इच्छा प्रकट की, लेकिन हंसाें का राजा समझदार था। वह जानता था कि अगर वो वहां गए, तो राज उन्हें पकड़ लेगा। उसने सभी हंसों को वाराणसी जाने से मना किया, लेकिन वो नहीं माने। तब राजा और सेनापती के साथ सभी हंस वाराणसी की ओर उड़ चले। जैसे ही हंसों का झुंड उस झील में पहुंचा, तो अन्य हंसों को छोड़कर प्रसिद्ध दो हंसों की शोभा देखते ही बनती थी। सोने की तरह चमकती उनकी चोंच, सोने की तरह ही नजर आते उनके पैर और बादलों से भी ज्यादा सफेद उनके पंख हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। हंसों के पहुंचने की खबर राजा को दी गई। उसने हंसों को पकड़ने की युक्ति सोची और एक रात जब सब सो गए, तो उन हंसों को पकड़ने कि लिए जाल बिछाया गया। अगले दिन जब हंसों का राजा जागा और भ्रमण पर निकला, तो वह जाल में फंस गया। उसने तुरंत ही तेज आवाज में अन्य सभी हंसों को वहां से उड़ने और अपनी जान बचाने का आदेश दिया। अन्य सभी हंस उड़ गए, लेकिन उनका सेनापती सुमुखा अपने स्वामी को फंसा देख कर उसे बचाने के लिए वहीं रुक गया। इस बीच हंस को पकड़ने के लिए सैनिक वहां आ गया। उसने देखा कि हंसों का राजा जाल में फंसा हुआ है और दूसरा राजा को बचाने के लिए वहां खड़ा हुआ है। हंस की स्वामी भक्ति देखकर सैनिक बहुत प्रभावित हुआ और उसने हंसों के राजा को छोड़ दिया। हंसों का राजा समझदार होने के साथ-साथ दूरदर्शी भी था। उसने सोचा कि अगर राजा को पता चलेगा कि सैनिक ने उसे छोड़ दिया है, तो राजा इसे जरूर प्राणदंड देगा। तब उसने सैनिक से कहा कि आप हमें अपने राजा के पास ले चलें। यह सुनकर सैनिक उन्हें अपने साथ राजदरबार में ले गया। दोनों हंस सैनिक के कंधे पर बैठे थे। हंसों को सैनिक के कंधे पर बैठा देखकर हर कोई सोच में पड़ गया। जब राजा ने इस बात का रहस्य पूछा, तो सैनिक ने सारी बात सच-सच बता दी। सैनिक की बात सुनकर राजा के साथ ही सारा दरबार उनके साहस और सेनापती की स्वामी भक्ति पर हैरान रह गया और सभी के मन में उनके लिए प्रेम जाग उठा। राजा ने सैनिक को माफ कर दिया और दोनों हंसों को आदर के साथ कुछ और दिन ठहरने का निवेदन किया। हंस ने राजा का निवेदन स्वीकार किया और कुछ दिन वहां रुक कर वापस मानस झील चले गये / ©Mahesh Mohit जातक कथा: दो हंसों की कहानी |
Amar Anand
प्यारे इस जहां में तुम किसी के नहीं हो न ही इस जहां में तुम्हारा है कोई ये रिश्ते नाते ये सगे संबंधी जगत के हैं ये सारे झूठे फसाने ये अबतक किसी के न हुए हैं कभी ये तुम्हारे अपने जो पल पल अभी अलग तुमसे कभी रहते नहीं हैं कोई कहते मित्र बन्धु कोई जीवन प्रभु कोई सर्वस्व भी तुमको जता रहे हैं मोक्ष द्वार पलभर को निकल लो यदि देखो जो स्पर्श किये थे तुम्हें एक पल को सभी वो भी गंगाजल से मल-मल के नहा रहे हैं ये माया मोह के सारे खेल बने हैं तुम पश्चात्ताप मोक्ष की अनंत योनियों में सृष्टि में ना जाने कब से भटक रहे हो अफसोस मानव तन में आये तो सिर्फ स्वार्थ में ही रमे हुए हो ये जीवन मृत्यु की कालचक्र से प्यारे अब निकलना तुम्हें है बहुत भटके विषय वासनाओं में अब पल पल प्यारे संभालना भी तुम्हें है मोक्ष की जिम्मेदारी अपने कंधों पर हैं राह भी देखो कितना सुगम व सरल है न कड़ी मेहनत न कोई परिश्रम दूरदर्शी सोच व स्वच्छ विचार के साथ बस योगपथ पर प्यारे चलना तुम्हें है सफर में चलो बनके मस्त मौला साधक हो तुम , ना हो तुम्हें भय भी किसी का अन्तिम मृत्यु ही परम सत्य है प्यारे योगपथ में पल-पल बस प्रतीक्षा उसी का #मेरे एहसास केवल अध्यात्म Note - प्रस्तुत रचना का उद्देश्य किसी भी जातक को वैराग्य के लिए प्रेरित करना नहीं है -परम सत्य योगपथ-
Rishabh Goel
Sanjeev0834
कानून की कुछ नियमित काल्पनिक कथाएँ होती हैं, जिनके ऊपर वह न्याय के सत्य की स्थापना करती हैं। ©Sanjeev0834 #कानून की कुछ #नियमित #काल्पनिक #कथाएँ होती हैं, जिनके ऊपर वह #न्याय के #सत्य की #स्थापना करती हैं। #nawab_saab💗🤞 #sanjeev0834 #Nojoto
Amar Anand
आपलोगों का प्यार व प्रतिक्रिया देखकर मुझे अफसोस होता है कि.. मैंने प्रेम विषय पे लिखना बंद क्यों कर दिया पहली बार कुछ अलग 3 कविता लगातार केवल 3 poetry (जो परम सत्य योगपथ से बिल्कुल भी related नहीं ) मैंने पूर्ण प्रयास किया है कि प्रेम रस शीर्षक को सही मायनों में दर्शा सकूँ... और प्रेम का सही अर्थ आप सभी को बता सकूँ और शायद प्रेम रस शीर्षक-3 प्रेम विषय पे मेरी आखिरी कविता भी हो और फिर पुनः केवल परम सत्य योगपथ धन्यवाद 💐💐💐💐💐 -Amar Bairagi कोई भी जातक गलत सोचकर बीमार न बनें अच्छा सोचें स्वस्थ रहें मैं बस निर्मल प्रेम को शास्त्र निहित सही दर्शाने का प्रयत्न करूँगा #मेरेएहसास केव
Bhakti Kathayen