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poetry by heart
पेपर लीक Anshu writer Abhi Sharma Mukesh Poonia MM Mumtaz Sircastic Saurabh #मोटिवेशनल
read moreकाव्यात्मक अंकुर
नातं लिखाणाची आवड मला मनी काही साचवत नाही दडले आहे आत माझ्या दुःख माझ्या लेखणीला सारं काही दाखवत नाही सार लिहीतो भावनांचा मी शब्दांवर खार खात नाही भार आहे जीवनाचा खूप कोणाचा आधार राहत नाही अपार कष्टाची तयारी आहे दिवस की रात्र हे पाहत नाही कोणावाचून कोणाचं राहत नाही असं म्हणून इथे चालत नाही जुळून येते विचारशैली आणि अनुभव त्याशिवाय लिखाणात मी भर घालत नाही कोणीतरी सहजपणे नकळत जोडलं जातं पाणी डोळ्यांतून कोणाच्या उगाच वाहत नाही ©काव्यात्मक अंकुर #नातं #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #लेखणी #MarathiKavita #marathi #writers #Reality #Life #Life_experience
#नातं #अंकुर काव्यात्मकअंकुर🌱 #लेखणी #MarathiKavita #marathi #writers #Reality Life #Life_experience #मराठीकविता
read moreSarfaraj idrishi
अर्ज किया हैं इतना तो मजनू भी नहीं पिटा लैला के प्यार में, जितना ये पेपर लीक हो रह रहा उत्तर प्रदेश BJP की सरकार में!! ©Sarfaraj idrishi #funnyquote अर्ज किया हैं इतना तो मजनू भी नहीं पिटा लैला के प्यार में, जितना ये पेपर र लीक हो रह रहा उत्तर प्रदेश BJP की सरकार में!!Taj Uddi
#funnyquote अर्ज किया हैं इतना तो मजनू भी नहीं पिटा लैला के प्यार में, जितना ये पेपर र लीक हो रह रहा उत्तर प्रदेश BJP की सरकार में!!Taj Uddi #Comedy
read moreSarvesh Kumar Maurya
सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जयंती 2024 | Samrat Chandragupta Maurya Jayanti 2024 | मौर्य उत्सव मौर्य बैशाख कृष्णपक्ष चतुर्दशी तिथि पुष्य नक्षत् #Motivational
read moreDr Wasim Raja
White मौर्य राज वंश के चक्रवर्ती सम्राट की जिंदगी रोचक है। वो रणभूमि में पराक्रम दिखाते दुश्मनों के संहारक है।। इनकी कीर्ति है विराट, मानवता के बने रहे द्योतक है। बौद्ध धर्म के संरक्षक रहे गरीबों बहुजनों के पोषक है।। भारत को विश्व गुरु बनाने वाले बौद्ध धर्म के संवाहक हैं। सदा सत्य ,दया ,करुणा, मैत्री भाव ,प्रेम के उपासक हैं।। सत कर्मों से हमेशा ऊंचा रहने वाला इनका मस्तक है। विश्व में बुद्मम शरणम गच्छामि का देते रहे दस्तक है।। बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के यही समपोषक हैं। धर्म में बाह्य आडंबर का सदा बने रहे अवरोधक हैं।। वसीम राजा की है यही आरजू और है यही कथन। विश्व में गूंजे भाईचारे का स्वर हरसू हो बस अमन।। महान सम्राट अशोक की जयंती पर शत-शत नमन। ©Dr Wasim Raja सम्राट अशोक के जन्मदिन पर समर्पित
सम्राट अशोक के जन्मदिन पर समर्पित #कविता
read moreSangeeta Kalbhor
गोष्ट एका प्रेमाची प्रेमाने मी मांडते प्रेम जोवर लेखणीत लेखणी सुखावते साजरा होतो ऋतू मनामनात काजवा प्रेम भरल्या मनाचा सदैव कौल उजवा नटते धरा नटते अंबर नटते अवघी सृष्टी प्रेम मनात असणाऱ्याची प्रेमळ बनते दृष्टी चराचरात एकची नाद प्रेम पुरुन उरते हाकला कितीही आठवणींना प्रेम स्मरते विठ्ठू माऊलीच्या चरणी प्रेममळा रंगतो वारकरी घेऊनी वीणा जय जय हरीत रंगतो भूक कुठे नि कुठे तहान प्रेम प्रेमात असताना करावी लागत नाही खंत प्रेम शीतलता देताना नात्यांना येते कुंदन रुप बळकटी जाम देते संकट येता एकजूटीने संकटाला दूर नेते लेखणी होती न्हातीधुती साजशृंगार आगळा तो शब्द उमटता काळजावर प्रेमप्रेम सोहळा तो..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor गोष्ट एका प्रेमाची प्रेमाने मी मांडते प्रेम जोवर लेखणीत लेखणी सुखावते साजरा होतो ऋतू मनामनात काजवा प्रेम भरल्या मनाचा सदैव कौल उजवा नटते ध
गोष्ट एका प्रेमाची प्रेमाने मी मांडते प्रेम जोवर लेखणीत लेखणी सुखावते साजरा होतो ऋतू मनामनात काजवा प्रेम भरल्या मनाचा सदैव कौल उजवा नटते ध #शायरी
read moreSarvesh Kumar Maurya
विश्व शासक अखंड भारत के संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जी के पौत्र भारत के महानतम सम्राट अशोक मौर्य महान के जन्मोत्सव राष्ट्रीय #Motivational #विश्व_मौर्य_परिषद #Vishwa_Maurya_Parishad
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की फिर उसी मोड़ पर आकर खड़े हों जाते हैं। कभी कभी तो लगता है अपने हाथ पैर मारना ही छोड़ दे ताकि कुछ पल सुकून के तो मिल सके पर यह भीं इसे मंजूर नहीं होता है, फिर कोई न कोई राह दिखा कर फिर उसी मोड़ पर ले आती है। ना यह चेन से जीने देती है और ना मरने देती है। जब तकलीफ़ का दौर देखा और अपने आप को कोसने लगे तो फिर इसे शख्स को सामने लाकर खड़ा कर देगी। जो हमसे भीं ज्यादा तकलीफ़ मे होगा, उसे देख कर और उनकी तकलीफ़ को सुनकर उनके लिए प्रार्थना करने के लिए अपने आप भगवान के आगे उठ जाते हैं। और आंखो में अश्रु भर जाते हैं। बस और बस केवल उनकी ही पीड़ा मन में रहती है। जब हाथ पकड़ कर कहती हूं सब ठीक हों जायेगा। तो वो जैसे ही ठीक हों जाता था। तो हमे भूल जाता है। और मन में एक ठीस सी उठती है। हमें दुःख किस बात का हुआ वो भूले इस कारण यां उनकी पीड़ा हमारे अंदर आ गई उसके कारण.. समझ नहीं आता की नियति क्या खेल खेलती है। हमारा मन एक कोरा कागज़ है उसपर हर तरह के रंग भर देती है। चाहें हमें पसंद हों यां नहीं। बस भरे जा रहीं हैं, भरे जा रही है। जो देखेगा तो उसका अलग ही मत होगा। कोई अपनी अलग ही राय कायम करेगा। पर इन सब के बीच में पिसता पेपर हैं। अगर रंग अच्छे भरे तो सुंदर चित्र उभर कर आयेगा और उसे साथ ले जायेगा। और किसी को पसंद नहीं आया तो कचरे के डिब्बे में फेका जायेगा, तब वो स्याही भीं ख़राब तो उस पेन की चुबन और वो पेपर भीं ख़राब हों जायेगा। और बाद में हमारी नियति भीं ख़राब बता दी जायेगी क्योंकि सबसे बड़ी कलाकार हमारी नियति है और हम वो प्लेन पेपर है, और दुःख, सुख, शांति, पीड़ा, संघर्ष रूपी कलम सभी हमारी नियति है। और शून्य से बढ़े तो शून्य में ही विलीन हों गए। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #aaina हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की