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Pushpa Chhetri
छुआछूत की भावना मिलकर करें सामना नहीं है अब पीछे हटना आओ,हम हक ले अपना आखिरी मेरी यही तमन्ना। ©Pushpa Chhetri छुआछूत
छुआछूत
read morekavi Hemant Lohiya
थैला देकर मालिक बोला सब्जी ले आवों। छूना नहीं तुम इस थैले को डोर से लटकावों। बोला, स्वामि मेरे हाथों में ज़हर नहीं है। मैं नीची जाति का हूँ बस बात यहीं है।। #छुआछूत #कविता #शायरी #nojoto#hindi pooja negi#
छुआछूत कविता शायरी nojotohindi pooja negi#
read moreShradha Rajput
Vote केवल एक दिन की बात नहीँ हम सदियों से सताये गये हमेशा ऊंच नीच जाति पाती के फंदों मे फँसाये गये जिसने भी सर उठाने की कोशिश की वो मारे गये, पीटे गये और जिन्दगी भर रूलाये गये । ***********************। ***************** हमे पाप पुण्य की दरिया मे कुदाया गया हमेशा स्वर्गनर्क का पाठ पढाया गया ये मै नहीँ कहती वो लोग कहते है! कि गंगा मे नहाने से पाप धूल जाते है! तो फ़िर क्यों? छुआ छूत का दाग लगाया गया । *************** .....स्वरचित ©Sharda Rajput छुआछूत# #voting
Himshree verma
पहले के लोगों में बहुत छुआछूत था लो आज बिमारी भी छुआछूत की आ गयी जिसका नाम है ( कोरोना ) इसलिए कहते है जैसे कर्म करोगें वैसा ही फल मिलता है ©Himshree verma #छुआछूत #मेरे_अल्फाज #BuddhaPurnima2021
#छुआछूत #मेरे_अल्फाज #BuddhaPurnima2021 #Life
read moreaviwrites_
है ऊँच-नीच का रोग जहाँ, मैं उस देश की गाथा गाता हूँ। भारत में रहने वालों की, मैं दोगली बात बताता हूँ।। भगवानों के नाम यहाँ, मूर्ति पूजी जाती है। मन्दिर में जाने वालों की, जाति पूछी जाती है।। शूद्रों से दूर जहाँ, भगवान को रखा जाता है। जहाँ इंसानों से भेदभाव, पशु को कहते माता हैं ।। ऐसे पाखण्डी लोगों का, पाखण्ड मैं बताता हूँ। है ऊँच-नीच का रोग जहाँ, मैं उस देश की गाथा गाता हूँ।। नाम धर्म का लेकर जहाँ, लोगों का शोषण होता है। कर्महीन इंसान जहाँ, भगवान भरोसे सोता है।। भगवानों के नाम जहाँ, डर फैलाया जाता है। पढ़ा लिखा इंसान जहाँ, विवेकहीन हो जाता है।। विश्व को कूटुम्ब कहने की, हक़ीक़त मैं बताता हूँ । है ऊँच-नीच का रोग जहाँ, मैं उस देश की गाथा गाता हूँ।। दूल्हा नहीं बैठे घोड़ी पर, इस पर अगड़ी जाति अड़ती है। बारात निकासी ख़ातिर जहाँ, पुलिस बुलानी पड़ती है।। विद्या के घर में भी जहाँ, जाति से पंक्ति लगती है। दान पुण्य के नाम यहाँ, एक ही जाति ठगती है।। धर्म भीरू हैं लोग जहाँ, मैं उसके किस्से बताता हूँ। है ऊँच-नीच का रोग जहाँ, मैं उस देश की गाथा गाता हूँ।। शादी की ख़ातिर जहाँ, जाति देखी जाती है। जाति का लेकर नाम जहाँ, गाली बोली जाती है।। अगर *अछूत* प्रेम करे तो, मौत दे दी जाती है। नीची जाति वालों में, दहशत फैलायी जाती है।। परम्पराओं के नाम जहाँ, स्वार्थ का पोषण बताता हूँ। है ऊँच-नीच का रोग जहाँ, मैं उस देश की गाथा गाता हूँ II ©realarvind #भेदभाव #जातिवाद #India #छुआछूत
Sangeeta Gupta
भरोसा तो एक ऐसी चीज है जिसके टूटने पर कोई आवाज नहीं होती मगर उसके गूंज जीवन भर सुनाई देती है ©Sangeeta Gupta #कविता भरोसे पर
कविता भरोसे पर
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