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Expressive ladki
Ramjaan Khan
Mahesh Yogi
बस एक बात जाननी है तुमसे कि क्या कसूर था हमारा जो हमसे दूरी बनाली, हमारी वफा रास नहीं आई या फिर हमारी गरीबी अच्छी नहीं लगी...!! ©Mahesh Yogi बस एक बात जाननी है तुमसे कि क्या कसूर था हमारा जो हमसे दूरी बनाली, हमारी वफा रास नहीं आई या फिर हमारी गरीबी अच्छी नहीं लगी...!!
Neelam Meena
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 आपको लगता है आपके पास समय बहुत है , यही सब से बड़ी गलतफहमी है , मिलता तो फ्री में किमत आपको जाननी है !.i. j ©Indra jeet #जीवन दर्शन 🌹 आपको लगता है आपके पास समय बहुत है , यही सब से बड़ी गलतफहमी है , मिलता तो फ्री में किमत आपको जाननी है !.i. j #Butterfly
Vipin Kumar
shaimee oza lafz
Hindi shayari quotes जरा मुझे चोट खाने की वजह दो, मुजे जाम की एक घुंट तो दो...... तुमे भुलकर भी भुल न पाये यार इस दिल को तुम्हारी याद तो देदो..... एसा तो कैसा दर्द है,की तुम इसका हमसे भी जीक्र नहीं कर शक्ते..हमको दर्द छुपाकर हसना तो सिखावो...... ये क्या बात हुई की तुमने अपनी भोली शी मुस्कान की वजाह भी न बताई, हमको भी यु ही मुस्कुराने की वजह तो देदो..... तुजमे कुछ तो था,की हम सब कुछ छोडकर तुम्हारे पास खीचे चले आये,मुझे ए आवारा पन की वजा भी जाननी है...... हम बच्चो सा मुह बना कर बैठे थे तो हमको भी जरा पता चले की हम क्युं एसे मायुस बनके आये है,जरा हमे भी तो बतावो वजह........ शैमी ओझा...... #NojotoQuote yaade जरा मुझे चोट खाने की वजह दो, मुजे जाम की एक घुंट तो दो...... तुमे भुलकर भी भुल न पाये यार इस दिल को तुम्हारी याद तो देदो..... एसा
FIROZ KHAN ALFAAZ
Hindi shayari quotes तेरी दलील में वज़न कम क्यूँ लगता है, क्या तेरा ज़मीर भी खोखला हो गया ! -1 जब मैं नींद से जागा तो आग़ोश तन्हा था, रात भर ख़्वाबों में तू रही हो जैसे ! -2 मुझको भी जाननी है, ईमां की मेरे क़ीमत, किस सम्त है ज़मीर का बाज़ार तू बता ! -3 भला हम रब्त क्यूँ रखें उन सितारों से, अब मेरी रातों में वो कामिल क़मर आती है ! -4 सुना है रात भर जागते हैं इश्क़ करने वाले, नींद से रब्त न हो तो इश्क़ कर के देखिये ! -5 प्यार के साथ हर झगड़ा भी ख़त्म हो गया, और उसको लगा कि उसने मुझे हराया था ! -6 ज़ुल्म देखकर भी खिड़कियाँ बंद कर लेते हैं, रवादारी नहीं बाक़ी इस शहर के मिजाज़ में ! -7 तेरी मुट्ठी से भी फिसलेगी ये दुनिया एक दिन, ख़ाली हाथ ही वो भी गए, जो सिकंदर हो गए ! -8 इनके कान होते हैं, लेकिन ज़ुबां नहीं होती, रुसवाइयों का किस्सा, दीवारों को सुनाया जाए -9 ये ज़माना एक दिन तुझको भी दीवाना कहेगा, मैं भी इश्क़ करके एक इल्ज़ाम ख़रीद लाया हूँ ! -10 ©® फिरोज़ खान अल्फ़ाज़ नागपुर प्रोपर औरंगाबाद बिहार स0स0-9231/2017 तेरी दलील में वज़न कम क्यूँ लगता है, क्या तेरा ज़मीर भी खोखला हो गया ! -1 जब मैं नींद से जागा तो आग़ोश तन्हा था, रात भर ख़्वाबों में तू रही हो