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***** चोथा कारण***** समस्त अठारह अक्षौहिणी में 44 करोड़ के लगभग वीरों में एक को छोड़कर कोई ऐसा योद्धा नहीं था जिसने ह्रदय से ये चाहा हो कि मुझे भी श्री कृष्ण और अर्जुन के सवांद का एक भी शब्द भी सुनने को मिले केवल भीष्म पितामह ने ही इच्छा की थी परन्तु उस समय तो उनकी इच्छा पुरी नहीं हुई 29 दिसम्बर 2010 को उनकी श्री गीता जी पाठ सुनाकर और हृदय से स्पर्श कराकर इच्छा अवश्य पुर्ण हुईं थी। ,समस्त पृथ्वी वासियों भीष्म पितामह को इस जन्म में पिछले यादे जैसे मां गंगा जी याद और समस्त कौरवों का भार अपने सिर पर रखे रहना इस जन्म में उनकी चिंता का कारण बना हुआ था। आएं सुनाता कैसे - *** सो मन का लकड़ उसके ऊपर बैठा एक मकड़**** वह एक रति रोज खाएं तो उसको कितने दिन में खा जाएगा यह सवाल भीष्म पितामह की आत्मा जो इस जन्म में रतिराम (मामा) के शरीर रुप में आईं थीं और उनका मेरे से बारे बार -बार पुछने क्या कारण था । मेरे ह्रदय से सोचने समझने से इसका दो उत्तर हे- 1-भीष्म पितामाह के ऊपर 100 कोरवौ का मृत्यु का बार था । स्वयंबर में सबसे बड़े होने पर लाचार रहे कुछ नहीं कर सके। खुद भीष्म पितामह ने अन्त मरते समय कबूल भी किया । इसलिए उनकी आत्मा को यह सवाल बार-बार परेशान कर रहा था। 2- उस पाप को पचाने के लिए रति भर हर रोज खाकर ख़त्म करना पड़ेगा क्योंकि 100कोरवो का भार खुद पर उठाए हुए थे भीष्म पितामह जी। दावा कैसे सिद्ध हुआ कि भीष्म पितामह की आत्मा है मेरे मामा शरीर में। प्रमाण - रोटी खाते समय मां गंगा को याद करना और मेरे जन्म के समय से ही मुख से गंगा मां का नाम लेना शुरु किया। और मरते समय वचनों को याद दिलाया इस आत्मा और अपनी माता का जल पिलाकर वचन लिया आपके इच्छा मृत्यु का वरदान है जो वरदान भी अब जीवित हैं वो और आपका जन्म क्यु हुआ शरीर से उन अर्जुन के तीरों की याद । अन्तिम इच्छा के बारे पुछने पर मना करने दो दिन समय लेने पर । वे इस पृथ्वी पर से चले गये। अब कल्कि अवतार के जन्म काल में उनकी आत्मा उस वंश में पहचान मिलेगी हमें ऐसा विश्वास है प्रकृति से प्रेम से करेंगे वो इस कलयुग तब वह भारत कम नहीं हो जाता उनका पीपल और बड़ की छाया से वह रति भार भार नहीं खाएगी उनकी आत्मा । यह मेरी आत्मा का चौथा कारण है जन्म लेने का इस धरती पर। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #Ne #viral #treanding #Sachin SHAYAR ANHAR Advocate MD Aalmeen Khan Sujata jha vishwadeepak Anjali Maurya ***** चोथ
MANJEET SINGH THAKRAL
vandana,s hobby & crafts
Ravendra
Arti Upadhyay
ये रात जैसे , मेरे दबे हुए गहरे जख्मों को, फिर से जगाने आई है । मेरे जीवन के अंधकार को , फिर से बढ़ाने आई है । ये रात तन्हाइयों का एहसास, कराकर मुझे तन्हा करने आई है । ये रात नहीं काली घटाओं की परछाई हैं ।। ©Arti Upadhyay मेरे दबे हुए गहरे जख्मों को, फिर से जगाने आई है । मेरे जीवन के अंधकार को , फिर से बढ़ाने आई है । ये रात तन्हाइयों का एहसास,
MANJEET SINGH THAKRAL
*मंदिर-मस्जिद बंद कराकर ,* *लटका विद्यालय पर ताला !* *सरकारों को खूब भा रही ,* *धन बरसाती मधुशाला !!* 😐 *डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी ,* *लाकडाउन को धो डाला !* *भक्तों के व्याकुल हृदयों पर* *रस बरसाती मधुशाला ।।* *बन्द रहेंगे मंदिर मस्ज़िद ,* *खुली रहेंगी मधुशाला।* *ये कैसे महामारी है ,* *सोच रहा ऊपरवाला ।।* ©MANJEET SINGH THAKRAL *मंदिर-मस्जिद बंद कराकर ,* *लटका विद्यालय पर ताला !* *सरकारों को खूब भा रही ,* *धन बरसाती मधुशाला !!* 😐 *डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी ,*
Divyanshu Pathak
परम् आदरणीय श्रीमती उषा शर्मा जी के लेखन में क़माल की धार है।पिछले एक साल से मैंने आपकी रचनाओं को पढ़ा एक से एक बेहतरीन रचना देने के साथ ही आपके व्यवहार का माधुर्य यौर्कोट पर बिखरता गया और आपकी रचनाओं की महक़ ने सबका मन मोह लिया। प्रशस्ति-पत्र तो हमेशा बड़ों के द्वारा दिया जाता है मैं आपके इस अमूल्य साहित्यिक योगदान का बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूँ।और आशा करता हूँ कि आपका आशीर्वाद युहीं सभी साहित्य प्रेमियों को मिलता रहे। Dedicating a #testimonial to Usha Sharma जी आज से ठीक एक साल पहले मैंने आपके लिए प्रथम प्रशस्ति-पत्र में लिखा था कि----- "सहज सत्य का भान कर
Vikas Sharma Shivaaya'
'ॐ वक्रतुण्डाय हुं-'यह मंत्र शत्रुओं से बचाता है। अरी अनोखी बाम तू आई गौने नई ! बाहर धरसि न पाम है छलिया तुव ताक में !! इस दोहे में रसखान जी गोपियों से कहते है – अरी अनुपम सुंदरी तुम नई नवेली गौना द्विरागमन कराकर ब्रिज में आई हो , क्या तुम्हे कन्हैया का सवभाव मालूम नहीं है ! अगर तुम घर से बाहर निकली तो वह तुम्हे अपने प्रेम जाल में फंसा लेगा ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 'ॐ वक्रतुण्डाय हुं-'यह मंत्र शत्रुओं से बचाता है। अरी अनोखी बाम तू आई गौने नई ! बाहर धरसि न पाम है छलिया तुव ताक में !! इस दोहे में रसखान
परवाज़ हाज़िर ........
पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। यह भारतीय इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई चाह कर भी नहीं भूल सकता। आतंकियों के हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए और 300 ज्यादा लोग घायल हुए थे। ©G0V!ND DHAkAD #26/11 26 नवंबर की रात में ही आतंकियों ने अपना रुख पूरी तरह से ताज होटल की तरफ कर दिया था . यहां आतंकियों ने कई मेहमानों को बंधक बना लिया
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राहु ग्रह के बीज मन्त्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का 108 बार रोजाना जाप करना चाहिए। - व्यक्ति को हनुमान जी या सरस्वती माता की पूजा करनी चाहिए। - ससुराल पक्ष से व्यक्ति संबंध अच्छे रखने चाहिए। - व्यक्ति को बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए। - जन्मकुंडली का विश्लेषण कराकर गोमेद धारण करना चाहिए। - व्यक्ति को तिल और जौ किसी हनुमान मंदिर में दान करने चाहिए। - राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को दुर्गा चालीसा का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए। - लाल किताब अनुसार पक्षियों को रोजाना बाजरा खिलाना चाहिए। - भोलेनाथ का हर सोमवार रुद्राभिषेक करना चाहिए। - तामसिक आहार व मदिरापान ना करें। - प्रतिदिन सुबह के समय चंदन का टीका लगाएं। ©KP TAILOR HD राहु ग्रह के बीज मन्त्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का 108 बार रोजाना जाप करना चाहिए। - व्यक्ति को हनुमान जी या सरस्वती माता की पूजा