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Dr.Priyanka Chandra
कसूर तो तेरी मुस्कुराहट का ही था ना जिसपे आ ये मेरा दिल फिसल गया लाख मनाने के बाद भी बस तेरा और तेरी मोहब्बत का गुलाम बन गया ।। quotes on
read moreआधुनिक कवयित्री
White कोई अपनापन दिखा रहा है, पर हम ना अपनाएंगे। अकेले रहना सीख लिया है, अब साथ ना किसी का चाहेंगे। भले ही रस्ते सुनसान हो, हम पार कर जायेंगे। वो इतिहास यादों में मिट गया, दोबारा न दोहरायेंगे। कहानियां चाहे हजारों लिखें, पर किसी को ना सुनाएंगे। जो अपना कहते थे, उनकी यादों में मिट जाएंगे। आजाद हैं अब ख़ुद से, किसी बंधन में न बंध पायेंगे। दुनियादारी सीख ली है, अब खुद संभल जाएंगे। दुनियां लाख बुरा कहे, हम भूल जाएंगे। ©आधुनिक कवयित्री आज़ाद.........
आज़ाद.........
read moreazad satyam
White पूरी दुनियां, तुम्हारी नहीं हो सकती आज़ाद, लेकिन कोई है जो, तुम्हारी पूरी दुनियां हो सकता है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam पूरी दुनियां, तुम्हारी नहीं हो सकती आज़ाद, लेकिन कोई है जो, तुम्हारी पूरी दुनियां हो सकता है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa
पूरी दुनियां, तुम्हारी नहीं हो सकती आज़ाद, लेकिन कोई है जो, तुम्हारी पूरी दुनियां हो सकता है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa
read moreHimanshu Prajapati
संभलते कहां है आज के रिश्ते, लोगों को प्यार नहीं गुलाम चाहिए..! ©Himanshu Prajapati #eternallove संभलते कहां है आज के रिश्ते, लोगों को प्यार नहीं गुलाम चाहिए..! #36gyan #hpstrange
#eternallove संभलते कहां है आज के रिश्ते, लोगों को प्यार नहीं गुलाम चाहिए..! #36gyan #hpstrange
read moreazad satyam
समझ सके जो दिल के जज़्बात, हर कोई शख़्स आज़ाद यहां तुझ सा नहीं होता...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam समझ सके जो दिल के जज़्बात, हर कोई शख़्स आज़ाद यहां तुझ सा नहीं होता...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa love story
समझ सके जो दिल के जज़्बात, हर कोई शख़्स आज़ाद यहां तुझ सा नहीं होता...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa love story
read moreJitendra Giri Hindu
Zipf's Law के आधार पर: 1. केंद्रीय विचार: "कर्म" और "न" जैसे शब्द अध्याय के केंद्रीय विषय (कर्मयोग और निष्काम कर्म) को स्पष्ट करते हैं। यह सिद्ध करता है कि कर्म का महत्व सबसे अधिक है, लेकिन फल की इच्छा (फल) से बचना चाहिए। 2. संस्कृत भाषा में Zipf's Law: बार-बार आने वाले शब्द भाषा के विचारधारा और विषय को स्पष्ट करते हैं। यह नियम वैदिक ग्रंथों में मूल भाव को समझने में सहायक है। ©Jitendra Giri Hindu इस विषय पर, संभवतः देश के लोगों को महर्षि पाणिनि जी के सूत्रों के विषय में स्मरण आएगा अथवा नहीं यह कह पाना कठिन है!😅 #Nojoto #nojotohindi #z
इस विषय पर, संभवतः देश के लोगों को महर्षि पाणिनि जी के सूत्रों के विषय में स्मरण आएगा अथवा नहीं यह कह पाना कठिन है!😅 #nojotohindi z
read moreIG @kavi_neetesh
White एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों देश तोडना चाहते है?। --- सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती, समय की धार में बहती रहती, फिर क्यों उसे अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों? क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के, तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?। ---- क्यों देश को अगड़े पिछड़े और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों? क्यों देश के अपराधियों, आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?। ---- आखिर क्यों नहीं सोचते, ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे, आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें, वही कल हमें विकट संताप देंगे, हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे, हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे। ---- जिन जातियों की राजनीति कर रहें, उन जातियों के निशान भी न रहेंगे, हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे। ---- अभी वक़्त हैं, संभल जाओ, महा विनाश को न बुलाओ आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं, चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं, अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ, तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ। ©IG @kavi_neetesh #love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
read morePoet Maddy
जब से उसकी मोहब्बत के हम गुलाम हो गए हैं, अपने शहर में हम काफ़ी ज़्यादा बदनाम हो गए हैं......... जब से हमने शुरू किया महबूब पर ग़ज़ल लिखना, शायरों की बस्तियों में महंगे हमारे कलाम हो गए हैं........ ©Poet Maddy जब से उसकी मोहब्बत के हम गुलाम हो गए हैं, अपने शहर में हम काफ़ी ज़्यादा बदनाम हो गए हैं......... #Slave#Love#Infamous#Town#Write#Gazal#Word#Ex
Manjeet
जब जब निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता को दबाया गया है, एक भयभीत और गुलाम देश को बनाया गया है!! ✍️Ⓜαทʝεεt✍️ ©Manjeet जब जब निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता को दबाया गया है, एक भयभीत और गुलाम देश को बनाया गया है!! ✍️Ⓜαทʝεεt✍️ #independent #press #media #manjeet
जब जब निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता को दबाया गया है, एक भयभीत और गुलाम देश को बनाया गया है!! ✍️Ⓜαทʝεεt✍️ #independent #Press #Media manjeet
read moreVijay Vidrohi
देश में अपराध ऐसे चल रहे हैं बेगुनाहो के यहां घर जल रहे हैं। लूट लेते दिनदहाड़े राहगीर को हो रहे सरेआम कत्ल रहे हैं फस गया फिरदौस होकर बेगुनाह पुलिस वालों को भी हफ्ते मिल रहे हैं। एक नया रोजगार पैदा कर दिया है देश के युवा पकोड़े तल रहे हैं। रोजगारी न्याय और सुरक्षा के झूठे वादे देकर जान को छल रहे हैं। अर्थव्यवस्था गिरी है धड़ाम से देश के विकास का दावा कर रहे हैं। हो गए हैं एक दो बस अरबपति जिनके खाते विदेशों में चल रहे हैं। ले उड़े हैं देश के धन को भगोड़े माफ कर्जा बार-बार कर रहे हैं भुखमरी महंगाई यूं बढ़ रही है किसान-युवा आत्महत्या कर रहे हैं। ©Vijay Vidrohi देश के हालात #my #new #poem #Poetry #love #India #life #shayri #like #share poetry quotes poetry sad urdu poetry deep poetry in urdu