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gaTTubaba
Unsplash वाकई में तुम बेमिसाल हो ? या फिर ये गलतफहमी हैं क्या सच में भगवान मिल गया हैं या फिर ये गलतफहमी हैं ? यकीन को यकीन पर इतना यकीन क्यों हैं या फिर ये गलतफहमी हैं कितनी खूबसूरत हैं चाहे फिर भी अगर ये गलतफहमी हैं ©gaTTubaba #lovelife वाकई में तुम बेमिसाल हो ? या फिर ये गलतफहमी हैं क्या सच में भगवान मिल गया हैं या फिर ये गलतफहमी हैं ?
#lovelife वाकई में तुम बेमिसाल हो ? या फिर ये गलतफहमी हैं क्या सच में भगवान मिल गया हैं या फिर ये गलतफहमी हैं ?
read moreनवनीत ठाकुर
कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब खुद को समझ लिया, तो फिर ताल्लुुक़ में क्या है। ज़िंदगी के मोड़ों पे, ग़म और खुशी की छाँव मिली, मगर जब हकीकत सामने आई, तो फिर ख्वाबों में क्या है। तोड़ने चले थे हर तारा, अपने आसमान से, मगर जब खुदा मिला, तो फिर इस तलाश में क्या है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
#नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
read moreusFAUJI
White हाल ही में "अष्टलक्ष्मी महोत्सव" 6 से 8 दिसंबर 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित किया गया। यह महोत्सव पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, और सिक्किम) की समृद्ध सांस्कृतिक, आर्थिक और कारीगर परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। मुख्य आकर्षण: 1. ग्रामीण हाट: इसमें 300 से अधिक कारीगर, जैविक उत्पादक और किसान अपनी स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए शामिल हुए। 2. हस्तशिल्प और हथकरघा प्रदर्शन: मूगा और एरी सिल्क जैसे पूर्वोत्तर के पारंपरिक वस्त्र और 34 जीआई-टैग उत्पादों की प्रदर्शनी। 3. सांस्कृतिक कार्यक्रम: बिहू नृत्य (असम) और नागालैंड के लोकनृत्य जैसे प्रदर्शन। 4. निवेशक गोलमेज सम्मेलन और बैंकर्स शिखर सम्मेलन: पूर्वोत्तर में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए। 5. डिज़ाइन कॉन्क्लेव और फैशन शो: पूर्वोत्तर की हस्तशिल्प परंपराओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाने की कोशिश। इस महोत्सव का उद्देश्य पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक अवसरों को देश और दुनिया के सामने लाना था, साथ ही इसे "भारत के विकास का इंजन" बनाने की दिशा में काम करना था। ©usFAUJI अष्टलक्ष्मी ग्रामीण हाट दिल्ली #अष्टलक्ष्मी #उत्तरीभारती#india #VAIRAL #Nojoto
अष्टलक्ष्मी ग्रामीण हाट दिल्ली #अष्टलक्ष्मी #उत्तरीभारती#India #VAIRAL
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं... आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
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वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं.. आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी छाया है पूरा शहर,धुंध के आगोश में अफरातफरी का आलम है चेतती नही सरकारे दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है पाबंदिया के साये में पब्लिक है मगर प्रदूषण के बचाव में वाहनों से बसूली के फंड कहा पर है सब जिमेदारी का दामोदर पब्लिक पर है तो फिर रोल किया सरकारों का है इनकी बेतुकी हरकतो से दिल्ली आज दम तोड़ रही है बीमारियो की जद में बच्चों बुजुर्गों को ले रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Yaari दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है
#Yaari दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुला जहर हवाओ में दिल दिल्ली का प्रदूषित है थम रही है सांसे इसकी धुंधलापन और जलन आँखों में है लाखो बहाने सरकारों पर है हर साल का वो ही रोना है चालान और जुर्माने बढ़ा देना ही शासन प्रशासन का आपदा को अवसर बनाना है टूट रहे है दिल दिल्ली वालों के रोग मुफ्त में बट रहे है दर्द अंग अंग में एलर्जी से शरीर कट रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #InspireThroughWriting दिल दिल्ली का प्रदूषित है
#InspireThroughWriting दिल दिल्ली का प्रदूषित है
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