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Chandan kumar
*रिश्तों की दलदल से ...कैसे निकलेंगे* , , *जब हर साजीश के पिछे ...अपने निकलेंगे* ",
Danish M
Pandit Anuj dwivedi
हमारा कत्ल करने की उनकी साजीश तो देखो , गुजरे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया । हमारा कत्ल करने की उनकी साजीश तो देखो , गुजरे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया ।
Yudi Shah
इश्क कि साजीस हम सम्झ ना सके इश्क कि बारिष हम रोक ना सके... पिने दे मुझ को पिने दे जिने दे मुझ को जिने दे... ✍️Yudi Shah इश्क कि साजीस हम सम्झ ना सके इश्क कि बारिष हम रोक ना सके... पिने दे मुझ को पिने दे जिने दे मुझ को जिने दे... ✍️Yudi Shah
GURU DAYAL YADAV "ATULYA"
मुक्तक "ठोकर" दिलकी जजबातों ने मेरे हालात बदल दीयें, उसकी गेहरी चाल ने मेरे खयालात बदल दीयें, गुमनाम था मै जीन्दगी के हर उस राह पर जहां उनकी एक साजीश ने मेरे जजबात बदल दीयें । ------------ शब्द रचना :- गुरु दयाल यदुवंशी । मुक्तक "ठोकर" दिलकी जजबातों ने मेरे हालात बदल दीयें, उसकी गेहरी चाल ने मेरे खयालात बदल दीयें, गुमनाम था मै जीन्दगी के हर उस राह पर जहां उनक
Nitesh Prajapati
साजिश तो बहुत की लोगों ने, हमारे प्यार को तोड़ने की, लेकिन हमारे प्यार की नीव ही इतनी मजबूत थी, कि लोगों की एक ना चली। OPEN FOR COLLAB 🌷♥️ चार पंक्तियाँ लिखें. ✍️अपने पोस्ट highlight-share करना ना भूले. “ स्वाती कोरे “ जीने यह विषय सुझाव दिया है, अभिनंदन आप
yogesh atmaram ambawale
तड़पते थे जब, हर पल सनम के दीदार के लिए, साज़िश बहूत की हमनें तब, दीदार ए यार के लिए| OPEN FOR COLLAB 🌷♥️ चार पंक्तियाँ लिखें. ✍️अपने पोस्ट highlight-share करना ना भूले. “ स्वाती कोरे “ जीने यह विषय सुझाव दिया है, अभिनंदन आप
Yudi Shah
हर दिल में एक चोट सामाया हैं कुछ बाते उसकी और एक दर्द ज़माया हैं मुझें नहीं पता आज तक मैंने क्या-क्या कमाया हैं.. भुला तो दिया था उसे फिर आज क्यूँ उसी दिल ने याद दिलाया हैं क्यु खुदा ए क्या चल रहा हैं मैने आप से कभि कुछ मागा हैं... नहीं ना... फिर क्युँ साजीसे मूझसे जो हैं हि नहीं मेरे ख़ुदसे जो हैं हि नहीं मुझसे... ✍️Yudi Shah🇳🇵 हर दिल में एक चोट सामाया हैं कुछ बाते उसकी और एक दर्द ज़माया हैं मुझें नहीं पता आज तक मैंने क्या-क्या कमाया हैं.. भुला तो दिया था उसे फिर