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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
प्यार ? ये क्या होता है मन में अक्सर यही सवाल होता है शब्द भले ही छोटा हो पर एक गहरा सा राज होता है दिल के संदूक में छिपा हुआ सा मीठा मीठा अनुमान होता है इसके भी अपने अंदाज होते हैं। रूप इसके कई हज़ार होते हैं पापा की लाई हुई गुड़िया भी कितनी प्यारी लगती है बड़े होकर भी वो सबसे न्यारी लगती है एक छोटा सा उपहार भी कितना प्यारा होता है वो गुड़िया का घर भी कितना न्यारा होता है बिजली की कड़क में भी उसकी धड़कने सुनाई देती है। बारिश की बूंदे भी याद उसकी दिलाती है शरीर पर मेरे जैसे गुदगुदी सी मचाती है हां है नहीं वो पर एहसास होता है क्या प्यार इतना खास होता है हवा के झोंको में भी एक इजहार है फसलों को बारिश का बेशुमार इंतज़ार है कहीं न कहीं इसमें भी प्यार है साइकिल की टन टन और चूड़ियों की खन खन से भी संगीतकार को प्यार है अनदेखा सा एहसास है जिसके कई अंदाज है शब्द बहुत छोटा है पर दिल के कोने में छिपा गहरा सा राज़ है #HumTum प्यार ? ये क्या होता है मन में अक्सर यही सवाल होता है शब्द भले ही छोटा हो पर एक गहरा सा राज होता है दिल के संदूक में छिपा हुआ स
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat क्या क्या नहीं जमाते बचपन से कभी गुडे गुड़िया का घर जमाते, कभी खेल जमाते , कभी बस्ते जमाते, कभी अलमारी में ख़ुद को कभी बक्सो में सपनों को जमाते, कभी स्नेह जमाते, कभी प्यार जमाते, कभी ख़ुद को जमाते, कभी रिश्ते जमाते, कभी शादी जमाते, कभी घर जो अपना समझ कर स्वर्ग से सुंदर जमाते, कभी नारी बन कर कभी भर्या बन कर फ़र्ज़ जमाते, कभी मां बनकर अमन जमाते ,कभी शूरवीर बन कर्ज़ चुकाते, कभी जवाब जमाते ,कभी सवाल जमाते, कभी ख़ुद को समझने में ख़ुद को जमाते - क्या यही ज़िन्दगी है ना ख़ुद जमती ना हमे जमाती है मेरे नज़रिए से देखते है क्या ज़िन्दगी बताती है जमाना ज़िन्दगी वहीं आइसक्रीम है जो है स्वादानुसार जमाते हैं तलाश वहीं स्वाद करते है जिससे हम अपने सपनों से जमाते हैं SEE CAPTION #lifequotes #realityoflife #relationship #reality #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat क्या क्या नहीं जमाते बचपन से कभी गुडे
Hindi poem the heart of nation
गुड़िया हम बाजार से गुड़िया लाते थे, वो हमें ही गुड़िया समझते थे जब दूर कहीं मेला लगता, तो कंधे चढ़कर जाते थे उन कंधों के किस्से तो , भूले नहीं भुलाते है, गर और कोई गुड़िया देखू, तो पुराने याद नए हो जाते हैं। गुड़िया
दीप बोधि
गुड़िया तूने गलती कर दी शमशान में जाने। ना-ना-ना ये तो बहाने हैं बात दबाना जाने।। पूजारी था फिर भी मिली पास उसके शराब, हां-हां धर्म का ठेकेदार था , हां धार्मिक नवाब, पूजा का भोग देवता को चढाया होगा, जाग गया उसका देवत्व फिर पोर्न देखा होगा, तुझे तो प्यास थी ठंडे पानी की, नहीं जानती होगी उसकी हैवानी की, उसने बहलाया थोड़े है, धमकाया है, अरे!शव मूंह ओंधे जलता पाया है, गुड़िया,बची क्या है निशानी तेरी। -सिर्फ दो पांव, नहीं है देह तेरी। इन पांवो के साथ कभी मत आना इस देश में!! -क्योंकि गुड़िया पैदा होना अभिषप्त है इस देश में!! ©Deep Bodhi गुड़िया
Komal kumari
पता नही क्या रिश्ता हैं तुमसे जीने की वजह भी तुम, जीने की तलप भी तुमसे ही है। ©Guriya kumari #गुड़िया