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Diya
अधूरी सी मोहब्बत है, अधूरा सा साथ है, कैसी यह बेताबी है कैसी ये आस है, तुझसे मिले बिना मिलता नहीं सुकून है , कैसे ये जज्बात है, कैसी ये नाराजगी है, ©Diya #अधूरी सी #मोहब्बत है, #अधूरा सा साथ है, कैसी यह #बेताबी है कैसी ये आस है, तुझसे मिले बिना मिलता नहीं सुकून है , कैसे ये #जज्बात है, कैसी य
हिमांशु Kulshreshtha
White तुम नहीं हो मेरी, फ़िर भी.... सिर्फ तुम्हारा होना भर प्यार है... तुमसे दूर रह कर ... तुम्हारे करीब रहना भी प्यार है..... लाखो चेहरे देखने के बाद भी... तुम्हारे चेहरे को न भूल पाना भी प्यार है... उम्मीदें टूट जाने पर भी... महज़ तुमसे ही उम्मीद रखना प्यार है...... ©हिमांशु Kulshreshtha प्यार है..
प्यार है..
read moreAnamika Raj
White कड़वा है पर सच है लोग आपके बारे में कुछ अच्छा सुनते हैं तो शक करते हैं लेकिन कुछ बुरा सुनते हैं तो एकदम से यकिन कर लेते हैं! ©Anamika Raj कड़वा है पर सच है
कड़वा है पर सच है
read moredilkibaatwithamit
सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं ईश्वर का वास है। तुम्हारे लिए मेरा प्रेम सांसारिक नहीं आत्मिक है। इस प्रेम की अनुभूति नैसर्गिक है, अलौकिक है, अद्भुत है।मेरा ये प्रेम पवित्र है, बिल्कुल तुम्हारी आत्मिक मुस्कान की तरह..!! ©dilkibaatwithamit सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं
सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं
read moreAbdhesh prajapati
White शांत रहने लगा हूं, क्योंकि खुद के गुस्से से डर लगता है...! ©Abdhesh prajapati डरलगता है
डरलगता है
read moreवरुण तिवारी
सर्द रातों की हवाओं ने सताया इस तरह। मैं ठिठुरता रह गया बिस्तर कंटीले हो गए॥ बर्फ से कुछ बात करती चल रही थी ये हवाएं, फिर अचानक सायं से कम्बल के अंदर आ गई। पांव को कितना सिकोड़ूं पांव बाहर ही रहा, अवसर मिला ये फेफड़ों से जाने' कब टकरा गई॥ खाँसियां रुकती नहीं सब अंग ढीले हो गए। कपकपाती ठंड में फैशन हमारा था चरम पर कान के दरवाजों से ये वायु घुसती ही गई। सनसनाती घुस चुकी थी कुछ हवाएं इस बदन में मेरे तन की हड्डियां हर पल अकड़ती ही गई॥ पूस की इस रात सब मंजर रंगीले हो गए। कर्ण में धारण किए श्रुति यंत्र को घर की तरफ, ठंड से छुपते छुपाते गीत सुनते जा रहे थे। पेट में मेरे अचानक दर्द ने आहट दिया, साथ ही संगीत सारे सुर में सहसा बज उठे थे॥ अंततः चुपके से' अंतर्वस्त्र पीले हो गए॥ ©वरुण तिवारी #snow हास्य रचना
#snow हास्य रचना
read moreKiran Chaudhary
अभी भी खामोश हो जाती हूँ तुम्हें देखकर, उम्मीद है कभी तो तुम मेरी खामोशी समझोगे।। ©Kiran Chaudhary उम्मीद है...
उम्मीद है...
read moreसंजय जालिम " आज़मगढी"
ठंड हवाओ का अैसा कहर है बंद कामरो में रहना बेअसर है सर्दी का काम ईमानदारी जारी है "जालिम" कंबल, रजाई की गर्मी भी बेअसर है... ©Sanjay jalim ## बेअसर है ##
## बेअसर है ##
read morepriyanka pilibanga
तेज केशरी पत्रिका मे प्रकाशित रचना 😊😊 https://nojoto.page.link/q5tV4❤️ ©Priyanka pilibanga प्रकाशित रचना 🤗❤️
प्रकाशित रचना 🤗❤️
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