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Amazing Viral
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read moreNandu V
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read moreBca Mca
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read moreMona a
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read moreKhalil Siddiqui
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White aj night ager sukun ki gai to samjho ki tum sahi nhi to aj ki rat kayamt ki rat h wait karna mere coll ka good night ghanti to bajegi cunfarm ©Nojoto for you #sad_quotes urdu poetry kug db dp
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read moreVk Virendra
चलती फिरती आंखों से हमने अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी पर इक मां देखी है।!! ©Vk Virendra #KhoyaMan punjabi poetry sad urdu poetry urdu poetry love poetry in hindi love poetry for her
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read moreluv_ki_lines
White अब तो खुद से भी नफरत होने लगी है मुझे , के मैं तुमसे नफरत क्यू कर ना पाया । तुम घंटों खड़ी देखती रही मुझे , मैं इज़हार ए मोहब्बत क्यू कर ना पाया। अब कहता हूं तो तुम सुनती नहीं हो , जब सुनती थी तो क्यू कह ना पाया। इतनी भी क्या जिद्द थी आवारगी की , के अपने ही काबू में क्यू रह न पाया । आगाज़ से ही निभाया इस मरियल ताल्लुक को , किसी और मर्ज से अपने घाव , क्यू भर न पाया। सालों बसर किए सहरा में तन्हा यूं ही , इतनी तिश्नगी के बाद भी क्यू मर न पाया। ©luv_ki_lines #Sad_Status love poetry for her urdu poetry sad urdu poetry hindi poetry deep poetry in urdu
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read moreqais majaz,dark
White तगाफुल ए मगरूर मैंने देखा तुम्हें पाने का ख़्वाब लेकिन हमेशा मिले मुझे काले गुलाब दूर तेरी सोने के पानी चढ़ी महफ़िल से हम चले जब हसीन ख़्वाबों से आँखें खुली कीचड़ में फ़िर थे फंसे जज़्बातो ने कि है ख़ुशी से ख़ुदकुशी चाहा जब तुमसे इकरार करना ,मिली सिर्फ बेरुखी मैं बदल गया हूँ इतना अब खुद को भी जनता नहीं अब ना तुम रखना राब्ता कभी बेरुखी खामोशी अश्क़ मुफ़्लिसी जिंदगी में सबसे बड़ा हादसा यही माना थी अजब दीवानगी लब सिले थे तुम्हारे थी तुम्हें तलब ए खामुशी हार गए हम हम सारी बाज़ी जला दिया है मैंने दफ़न कर दिया वो माज़ी अब उम्र भर के लिए तेरे मेरे दरमियाँ रह जाएगी बस ये ख़ामोशी समझा देना अपने चाहने वालों को,जो तंज़ कसते है मुझपे इस कलम में है अब वो कुव्वत ज़हर भरे तीर से तेज़ अल्फाज़ फेकूंगा सोचा भी नहीं होगा मिलेगा नहीं इलाज ज़ख्म होंगे ला इलाज आ रहा है इंकलाब तेरे लिए इस कलम में सिर्फ़ भरा है तेज़ाब एक बार होता है इश्क़ दोबारा नहीं तेरे उस गुनाह का होगा कफ़्फ़ारा नहीं मोहबत क्या तुम मेरी नफरत के क़ाबिल नहीं ऐसे के साथ जोड़ दूँ मुस्तकबिल मैं ऐसा पागल नहीं अब मोहबतो कि महफ़िल में हम बिल देके बैठे हैं तेरे जैसे जाने कितने मुझे दिल देके बैठे हैं ©qais majaz,dark #sad_dp love poetry for her sad urdu poetry deep poetry in urdu
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