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Dinesh Sharma Jind Haryana
green-leaves प्रेम के बिना न कोई प्रार्थना है न कोई परमात्मा है ©Dinesh Sharma Jind Haryana #प्रेम
theABHAYSINGH_BIPIN
White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
read moreParul Sharma
White लोग प्रेम में पड़कर प्रेम को ही विसर्जित कर देते है प्रेम ईश्वर है कोई मूर्ति नहीं ©Parul Sharma #प्रेम
Avinash Jha
एक प्रेम कहानी ऐसी भी एक प्रेम कहानी ऐसी भी, जहाँ न कोई शोर था, न दीवानेपन की बात। बस खामोशी में कह गए सब कुछ, दिलों के बीच के अनकहे जज्बात। न मंदिर की घंटियाँ गूंजी, न चाँद को गवाह बनाया। साधारण से दिनों में ही, इन्होंने इश्क का रंग चढ़ाया। ना नजरें चुराई उन्होंने, ना वादों के पुल बांधे। बस हर कदम साथ चलते रहे, जीवन को प्रेम से साधे। कभी किताबों के पन्नों में, तो कभी चाय की चुस्की में। उनका इश्क झलकता था, छोटे-छोटे पल की झलकियों में। सूरज की पहली किरण संग, मुस्कान का आदान-प्रदान। और चाँदनी रातों में, सपनों का मधुर बयान। न छत पर चढ़कर पुकारा, न गुलाबों की कोई कहानी। बस हाथों की लकीरों में, सजा ली उन्होंने अपनी जिंदगानी। एक प्रेम कहानी ऐसी भी, जो थी न साधारण, न खास। लेकिन उनकी दुनिया में, बस इश्क ही था हर सांस। ©Avinash Jha #प्रेम
SumitGaurav2005
बहुत ही साधारण दिखता हूँ मैं। बड़ी ही सरल भाषा में लिखता हूँ मैं। मुझे देख कर धोखा मत खाना दोस्तों, तलवार नहीं कलम से प्रहार करता हूँ मैं। ✍
read moreSatish Kumar Meena
Jab Insaan Pyar Mein Hota Hai जब इंसान प्रेम में होता है, अपनों को भूल जाता है। अंधा जीवन जीने वाला,, प्रज्जवलित हो जाता है। सोच रहा होता है कि मुझे, नवजीवन प्राप्त हुआ है। अपने तो कभी अपने ना थे, अब अपना कोई हुआ है। मायावी दुनिया में फिर से, मायाजाल में खो जाता है। जब इंसान प्रेम में होता है, अपनों को भूल जाता है।। ©Satish Kumar Meena प्रेम
प्रेम
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White प्रेम वो नहीं जो एक ग़लती पर साथ छोड़ दे.. प्रेम तो वो है जो सौ गलतियों को भी सुधार कर ज़िन्दगी भर साथ दे.. ©हिमांशु Kulshreshtha प्रेम...
प्रेम...
read moreनवनीत ठाकुर
कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई, हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई। हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान, उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।। अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।। ©नवनीत ठाकुर अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।
अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।
read moreSundaram
White प्रेम तो सिर्फ एक केलिए होता हे, पर हम कोन सा प्रेम से फंसे हुए हे? ©Sundaram #प्रेम