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Gaurav pawar
White अच्छाई और बुराइ हर इंसान के अंदर होती है। एक बार एक महात्मा ने सफेद पेपर एक दीवार के ऊपर चिपकाया और उस पर एक काली डोट लगा दी और लोगों से पूछा कि बताओ तुम्हें इसमें क्या दिखाई दे रहा है? लोगों ने कहा कि हमें काली डोट दिखाई दे रही है। इस पर महात्मा ने कहा बड़ी अजीब बात है । तुम्हे इतना बड़ा सफेद पेपर नहीं दिखाई दिया जो तुम्हे काली डोट दिखाई दी, लोग बड़े शर्मिंदा हुए, महात्मा से माफी भी मांगी। महात्मा का कहना था यही आज की सच्चाई है। इंसान की अच्छाइयां किसी को नज़र नहीं आती, लेकिन उसकी एक छोटी सी ग़लती उसको पकड़ कर उनमें बुराइयां नज़र आने लगती है और यही आज की वास्तविकता भी है ©Gaurav pawar #Sad_Status अच्छाई और बुराइ हर इंसान के अंदर होती है।
#Sad_Status अच्छाई और बुराइ हर इंसान के अंदर होती है।
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी उनके अमृत काल और गारंटी देना बेचैन अब आमजन को कर रहे है हादसों पर लीपा पोती दबंगई खबरों और सच्चाई दिखाने पर कर रहे है बदइंतजामी के सारे रिकार्ड हो चुके कायम सबक सारे खो चुके है अपनी पीठ थपथपाते विज्ञापनों में मगर दिल्ली जैसे रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ व्यवस्था की पोल खोलते है ट्वीट ट्वीट खेल कर मन्त्री गुमराह देश को करते है कुंभ एक आस्थाओं का संगम है जो हमारी संस्कृति को जिंदा रखते है घटित घटनाओं पर बस किसी का नही है मगर इंतजाम और संवेदना से मरहम भर सकते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Raftaar इंतजाम और संवेदना के मरहम भर सकते है
#Raftaar इंतजाम और संवेदना के मरहम भर सकते है
read moreDivyanjli Verma
छिपे दुश्मनों और आस्तीन के सांपों से बाला जी हनुमान बचाए ©Divyanjli Verma छिपे दुश्मनों और आस्तीन के सांपों से बाला जी हनुमान बचाए
छिपे दुश्मनों और आस्तीन के सांपों से बाला जी हनुमान बचाए
read moreDivyanjli Verma
छिपे दुश्मनों और आस्तीन के सांपों से बाला जी हनुमान बचाए ©Divyanjli Verma छिपे दुश्मनों और आस्तीन के सांपों से बाला जी हनुमान बचाए
छिपे दुश्मनों और आस्तीन के सांपों से बाला जी हनुमान बचाए
read moreTARUN KUMAR VIMAL
White मरने और उम्र ज्यादा होने के बाद जीवन बीमा नहीं होगा, और सेहत बिगड़ने के बाद हेल्थ इन्शुरन्स नहीं होगा. ?? ©TARUN KUMAR VIMAL #Thinking मरने और उम्र ज्यादा होने के बाद जीवन बीमा नहीं होगा, और सेहत बिगड़ने के बाद हेल्थ इन्शुरन्स नहीं होगा. #insurance #tarun_kumar_vima
#Thinking मरने और उम्र ज्यादा होने के बाद जीवन बीमा नहीं होगा, और सेहत बिगड़ने के बाद हेल्थ इन्शुरन्स नहीं होगा. #insurance tarun_kumar_vima
read moregaTTubaba
आंख के सामने कोई आंख में हैं और कोई आइने के बाहर कोई आइने में और कोई समझदार को समझा दो कोई बेवकूफ उसके जैसा नहीं हैं और कोई ©gaTTubaba #skylining आंख के सामने कोई आंख में हैं और कोई आइने के बाहर कोई आइने में और कोई समझदार को समझा दो कोई
#skylining आंख के सामने कोई आंख में हैं और कोई आइने के बाहर कोई आइने में और कोई समझदार को समझा दो कोई
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White लाम्हे कुछ पल के होते है.....! और यादे उम्र भर के लिए होती है....!! ©Rameshkumar Mehra Mehra # लम्हे कुछ पल के लिए होते है,और यादे उम्र भर के लिए होती है....
# लम्हे कुछ पल के लिए होते है,और यादे उम्र भर के लिए होती है....
read moreBachan Manikpuri
Unsplash दिमाग दिमाग मनुष्य का पृथ्वी है वह जमीन है वह मिट्टी होती है जहां पर हम अपनी सोच रूपी बीजों को बोते हैं जिस तरह का बीज हम अपने दिमाग में बोते हैं उसी तरह से हमारा जीवन का निर्माण होता है इसलिए अपने दिमाग में वही बीज बोए जो आपके लिए अच्छा है जो आपकी उन्नति के मार्गों को खोलती है ©Bachan Manikpuri बीज
बीज
read moreश्रद्धा - एक गहरा समुन्दर
सारे पुराने धर्मों ने ईश्वर का भय सिखाया है! और जिसने भी ईश्वर का भय सिखाया है, उसने पृथ्वी पर अधर्म के बीज बोए हैं। क्योंकि भयभीत आदमी धार्मिक हो ही नही सकता। भयभीत आदमी धार्मिक दिखाई पड़ सकता है। ©श्रद्धा - एक गहरा समुन्दर #अधर्म #धार्मिक #“भयभीत” #ईश्वरीयशक्ति #पृथ्वीलोक #बीज #आदमीकाकिरदार #6thdec/12/24 #panchmi_shuklapaksha #margshish #11_12
#अधर्म #धार्मिक #“भयभीत” #ईश्वरीयशक्ति #पृथ्वीलोक #बीज #आदमीकाकिरदार #6thdec/12/24 #panchmi_shuklapaksha #margshish #11_12
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वैज्ञानिकों की कारगुजारियों के चलते मौसम रंग बदल रहे है बायु प्रदूषण में केमिकल्स और वाहनों के अंधाधुंध प्रयोग शामिल हो रहे है कैसे पनपे कोई स्वस्थ्य बीज पौधा बनकर यूरिया और कीटनाशक मिट्टी के कण कण में पनप रहे है जहरीला हर खाद्यान्न भोजन के रूप में है केंसर के रूप में विश्वभर के लोगो को लील रहै है सभ्यताओं के विकास में पागलपन इतना बढ़ गया जीवन हम सब अपना बीमारियों के रूप में ढ़ोह रहे है चिंता शुद्व हवा पानी की करते करते असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #WorldEnvironmentDay असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है
#WorldEnvironmentDay असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है
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