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Sudha Tripathi
साधना जैसे मन को शांति और स्थिरता देता वैसे ही किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो कि पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो.... जीवन की सुगमता का कारण, पुस्तकों को बतलाकर चरित्र निर्माण हेतु नैतिकता सिखलाकर, रात्रि विश्राम से पूर्व जो स्वाध्याय कर लेता उनको किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो की पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो.... सर्वांगीण विकास है करती, सामाजिकता की राह दिखाकर सुख आनंद भंडार भर देती,ज्ञान सुधा की नित्य बहाकर कठिन सवालों को सुलझाएं जो,नित्य अध्ययनकर्ता उनको किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता कि पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो.... बचपन से आखरी साँसो तक, राह हमें दिखाती राष्ट्र निर्माण कर पुनर्जागरण कर, संस्कृति संरक्षित करती नवचेतना का संचार कर, युग परिवर्तन कर देता वैसे ही किताबों का अध्ययन, ज्ञान से भर देता पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो.... ©Sudha Tripathi #BooksBestFriends 31. साधना जैसे मन को शांति और स्थिरता देता वैसे ही किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता पढ़ो प
Rj Kant krishn kant
Vishnu Bhagwan भास ? भास से भाषा, भाषा से विचार, विचारो से चिंतन, और चिंतन में सिर्फ कलिकाल। राधा राधा ©Rj Kant krishn kant स्वाध्याय
Salim Saha
मेरी तकदीर में जलना है तो जल जाऊँगा, मैं कोई तेरा वादा तो नहीं जो बदल जाऊँगा, मुझको न समझाओ मेरी ज़िन्दगी के उसूल, मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा। ©Salim Saha #ठोकर खाके हम तो समज जायेंगे#
Dr.Vinay kumar Verma
digital creator
ब्रह्मचारणी की शक्ति, आत्मा का अनमोल रत्न, इंद्रियों का संयम, और आत्मा का निरंतर उत्थान। स्वयं को समर्पित करें, ब्रह्मचारणी के रूप में, ऊंचाइयों को छूने की दिशा, और अपने लक्ष्य की प्राप्ति करें। ©digital creator #navratri #ब्रह्मचारणी #आत्मसंयम #ब्रह्मचरण #सन्यास #आत्मा #ब्रह्मचर्यशक्ति #ब्रह्मचारणीशक्ति #स्वाध्याय
YumRaaj ( MB जटाधारी )
**यदि कश्चित् कथमपि अन्यस्य विषये अत्यन्तं उत्साहितः, प्रसन्नः, क्रुद्धः, दुःखितः वा भवति । अतः तस्य वा केनचित् कारणेन तस्मिन् व्यक्तिना क्रुद्धः, यदि च सुखी तदा केनचित् प्रकारेण वा, तदेव तस्य सुखस्य कारणं, यदि सः भावविक्षिप्तः अस्ति तर्हि सः अपि क्रुद्धः भवति, यदि च सः is sad then it is due to कारणं तस्य व्यक्तिस्य प्रति अत्यन्तं आसक्तिः। तथा च आसक्तिः आसक्तिः वा कस्यचित् व्यक्तिस्य दुःखस्य मूलकारणं भवति!** ©YumRaaj YumPuri Wala #Dhund #स्वाध्याय
KK क्षत्राणी
कुछ दिन जब वक़्त नहीं मिलता कुछ सोचने का भी.. दिन बहुत भारी होते हैं फिर ©KK क्षत्राणी समज नहीं सकते दिन निकल जाते हैं
KK क्षत्राणी
हमे पता है हमरा समय हमेशा साथ नहीं.. समय ना हाथ में ना साथ मे.. छूट जाय तो बीत जाय.. वापस कहा से लाय ©KK क्षत्राणी समज लो समय का साथ नहीं रहता
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 सत्संग , स्वाध्याय , चिंतन और अनुभव के आधार पर व्यक्ति को सद्ज्ञान प्राप्त करने का निरंतर प्रयास करते ही रहना चाहिए !.i. j ©Motivational indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 सत्संग , स्वाध्याय , चिंतन और अनुभव के आधार पर व्यक्ति को सद्ज्ञान प्राप्त करने का निरंतर प्रयास करते ही रहना चाहिए !.i. j
GRHC~TECH~TRICKS
जानिए? हर धर्म का इन्सान स्वयं का शत्रु कैसे बन रहा हैं?(A) 1.अपने शरीर की क्रियाऔ का हमेशा एक जैसा कार्य का समझने के कारण भी एक उदाहरण है शत्रु बनने का। 2.आलस्य और निद्रा के अति पल पर नियंत्रण नहीं कर पाना। 3.अपनी शक्ति के बारे में और संस्कारो का निरंतर लुप्त होना। 4.अपने माता -पिता के अमृत ज्ञान को तुच्छ ज्ञान समझना और माता- पिता को अपने स्वाध्याय ज्ञान से रू ब रू नहीं कराना भी एक बड़ा उदाहरण है। 5. संसारिक मोह-माया, अधर्म,तुच्छ संगत से संग्रह ज्ञान पर शीघ्र ही विश्वास करना अपना विध्वंस करने का । यह भी एक गुप्त उदाहरण हैं। 6.धैर्य न होने और परिश्रम नहीं करने के साथ -साथ अज्ञान रुपी अंधकार को न त्यागनाअर्थात स्वयं को भी नहीं जानने का एक कटु उदाहरण है । अपने शत्रु होने का। 7. खुद को परम का अंश नहीं मानना इस संसार में और अज्ञान रुपी स्वार्थ से जानने पर सो अहम् खुद के द्वारा होना समझना प्रत्येक कार्यो में। 8. भगवान को स्वयं के हृदय में होते हुएं भी उसको संसार में निरंतर दुढनां का कारण शत्रु बन रहा हैं इंसान के लिए। 9. स्वयं को ही करना पड़ेगा उद्धार अपना हर धर्म के इन्सान को पाखण्ड और अधर्म पर चलने से खुद का वह अपने पुर्वजोंं का मान-सम्मान को भ्रष्ट करने का कारण बनेगा। 10.ह्रदय से आयें प्रत्येक एक -एक संदेश को समझना सीखिएं, हर इन्सान को उसको इग्नोर करना और उसे लेखनी प्रकाश से अपना ह्रदय प्रकाश से छुपाकर रखना शत्रु का महान उदाहरण है इस पृथ्वी पर। शेष जानकारी अगली पोस्ट(B) में मिलेगी . ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #mohabbat #New #treanding #Trading #viral जानिए? हर धर्म का इन्सान स्वयं का शत्रु कैसे बन रहा हैं?(A)