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Naveen Ojha
वक्त की बारीकिया बदल न दे इन्तकाम को मेरे ,, यूं ही चला गया तो खुद का गूनहगार लगूंगा में ।। इन्तकाम
Rajesh Ahirwal
दोस्त मेरे हाथ की हथकड़ियां तो टूट गई परंतु मुझे मेरे फर्ज ने रोक लिया इन्तकाम
अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
पहले ये फ़ैसले अगर लिए होते ख़ुदा कसम फिर गुनाह़ें न होते...... ना रोती किसी के आंखें ना छुपता कोई महफूज़ सलाखें सिसकिती नहीं किसी की डोली ना होता "डिबेट" और बढ़ बोली पहले ये फ़ैसले अगर लिए होते ख़ुदा कसम फिर गुनाहें न होते...... #इन्तकाम
sandeep ajanavii
इन्तकाम मोहब्बत भूल बैठे हैं हम चाहत भूल बैठे हैं नफरत हो गयी है अब बगावत हो के रहेगी हजारों कोशिशें कर लें लगा लें लाख तू पहरे तेरी भी जिंदगी में अब कयामत हो के रहेगी उजाड़ा था कभी जिसने हमारे आशियाने को उसी तूफान का रूख़ तेरी तरफ है आहट हो के रहेगी बचा क्या पास मेरे क्यूं करें परवाह हम इतना गमों की बाढ़ में तेरी इमारत ढह के रहेगी दिया है जो कुछ भी तुने तुझे वापस करूंगा अब जो तेरी है वो तेरी ही अमानत हो के रहेगी मोहब्बत में जुदाई एक पल भी ना होगी बर्दाश्त मरेगा अजनबी पर तेरी भी हिफाजत हो न सकेगी ©sandeep ajanavii इन्तकाम #NirbhayaJustice
sandeep ajanavii
इन्तकाम जिन्दगी पर खुद की किताब लिखूंगा सारे जख्मों का उसमें हिसाब लिखूंगा प्यार को वक्त गुजारी लिखकर चाहतों के दर्द का अल्फाज लिखूंगा हुई बर्बाद मोहब्बत दिल टूटे कैसे कैसे टूटे हैं मेरे ख्वाब लिखूंगा अपनी मोहब्बत को कुछ पल भुला के बेवफाओं में तेरा भी नाम लिखूंगा मैं तुझसे जुदाई का पल याद करके अपनी भी क़िस्मत खराब लिखूंगा कितने वादे किए कितने धोखे दिए सारी बातों का अब तो ज़बाब लिखूंगा एकतरफा मोहब्बत में कैसे लुटे हम अजनबी का कैसा है हाल लिखूंगा चाहत ने कब क्यूं बनाया है बागी मोहब्बत का पूरा इतिहास लिखूंगा दिए हैं ज़माने ने जो दर्द मुझको वही दर्द उनके भी नाम लिखूंगा हमारी खुशी छीनने वालों सुन लो तुम्हारा क्या होगा अंज़ाम लिखूंगा ©sandeep ajanavii इन्तकाम #NirbhayaJustice
Shahana Parveen
अभी तेरी और मेरी मोहब्बत का अंजाम बाक़ी है..... कुछ अन किये गुनाहों का इंतेकाम बाक़ी है. #मोहब्बत #अंजाम #गुनाह #इन्तकाम #YQBaba #YQDidi
Deepak Sisodia
सबको यहाँ, बस अपने ही, मतलब से मतलब हैं जो था यहाँ कल, आज हैं, और बस वहीं अब हैं मण्डी फकीरों की लगी , बिकता ख़ुदा देखा अब तो दुआओं में भी, उनके उनका मतलब हैं रिक्शे चलाने वाले भी , बाबा थे बचपन में बच्चों को भी क्या इल्म, के क्या अदब अब हैं दौलत की चम चम में, यहाँ सब चमचमाता हैं सिक्कों की ये आवाज़ हमदम , क्या गज़ब ढब हैं अब तो यहाँ हर बात में, बस आप दिखता हैं ख़ुद के ख़ुदा हम आप हैं, और आप ही रब हैं दीपक सिसोदिया मतलब ही मतलब....