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K K Joshi
वो तुम्हारे और मेरे बीच के शून्य में जो था तरंगित बहुत गहरी थी छुअन उसकी किन्तु था सब कुछ अस्पर्शित उसी कोमल भाव की स्मृति शेष हृदय में अनुभव नए कुछ बो रही हैं शब्द गूंगे पड गए हैं किन्तु ये आंखें मौन अपना खो रही हैं । #दीक्षा
Jagmohan Jaiswal
नजरों से नजरे मिली, नजरें हो गई चार। नजरे झुकीं फिर उठी, नजरों की दरकार। नजरों से नजरों ने कहा, नजरें न मिलाओ। नजरें जब मिल जाए तब हो जाएगी तकरार।। इसलिए हे प्रभु! मैं आपके सामने शीश झुका लेती हूँ । --वंदना दीक्षा
दीक्षा
read morediksha tripathi
जैसे भी हालात रहेंगे आप दोनों जीवन भर साथ रहेंगे सागर पार करेंगे दोनों यदि हाथों में हाथ रहेंगे दीक्षा त्रिपाठी
दीक्षा त्रिपाठी
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फूलों से भी पावन मुझको दोनो की मुस्कान लगे। गंगा सागर के संगम सी दोनो की पहचान लगे। जीवन का आनंद प्रगति के पथ पर सुगम सार्थक हो, एक निशा के चाँद सी और एक दिवा दिनमान लगे। दीक्षा त्रिपाठी
दीक्षा त्रिपाठी
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शब्द बहुत हैं लेकिन माँ के सामने छोटे हैं माँ शब्दों के भण्डार मे शब्दों का रोना है माँ के निश्छल प्रेम की तुलना नामुमकिन है माँ हर बच्चे के लिए मलमल का बिस्तर है माँ से बढाकर इस धरा पर नही कोई दूजा भगवान है माँ के चरणों में जन्नत होती है माँ पावन गंगाजल की धार है दीक्षा त्रिपाठी
दीक्षा त्रिपाठी
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जैसे भी हालात रहेंगे आप दोनों जीवन भर साथ रहेंगे सागर पार करेंगे दोनों यदि हाथों में हाथ रहेंगे दीक्षा त्रिपाठी
दीक्षा त्रिपाठी
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सूर्य उदय होता है और ढलता भी है जीवन का क्रम यूँ ही तो चलता है इरफान खान को भाव सुमन अर्पित है पर उनका यूँ निर्वाण बहुत खलता है दीक्षा त्रिपाठी
दीक्षा त्रिपाठी
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मैं घूघंट हूँ या जीन्स हूँ कमी मेरे संस्कारो में नही परिवर्तन मेरे वस्त्रो में है विचारो में नही दीक्षा त्रिपाठी
दीक्षा त्रिपाठी #विचार
read moreNadeem Haidar
हाँ मै अपनी बात को सलीके से बयां नही कर पाता। इसका ये मतलब बिलकुल भी नही है कि मुझे प्यार करना नही आता।। तेरी मोहब्बत का कायल हूँ, आवारा ना समझना। तेरी सोहबत मे जीना पसंद है, तो बेचारा ना समझना।। हाँ मुझसे मोहब्बत बयान करी नही जाती। लेकिन तेरी मोहब्बत से निकली कोई बात टालि भी नही जाती।। रहा साथ जिंदगी भर का तो ये जिंदगी बन जाएगी। नही तो ये जिंदगी ही मुझ पर भारी पढ़ जाएगी।। तेरी निगाहे बहुत कुछ कहती हैं। तेरी तरस्वीर मुझे यूँ ही मोहब्बत से देखती रहती है।। तेरी जिंदगी पर मेरा कोई ज़ियाति हक तो नही है। पर क्या करूँ मेरी ज़िंदगी तेरे इर्द गिर्द ही रहती है।। मोहब्बत करना मैने तुझसे ही सीखा है। इसलिए ये मोहब्बत किसी और से होती ही नही है।। दीक्षा साह
दीक्षा साह
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