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Rajkumar Siwachiya
जो साथ निभादे साथन वाए चोखी होया करय ना मन की चाही मिलनी साथन ओखी होया करय कृष्ण भी राधा बिन जिया था रय घूट सब्र का पिया था छोड़ तख्त हजारा बनकय पाली रांझा भी हिर बिना जिया था 👩❤️👨✨🥺📿🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ♠️ ©Rajkumar Siwachiya जो साथ निभादे साथन वाए चोखी होया करय 👩❤️👨✨🥺📿🔭📙🖋️ #Holi #rajkumarsiwachiya #haryanvi #oyedesi #JhumpaKalan
N S Yadav GoldMine
इस मंदिर के पास का वातावरण बेहद ताजा और आकर्षक है जानिए इस मंदिर के इतिहास के बारे में !! 🔱🔱 {Bolo Ji Radhey Radhey} सुंधा माता मंदिर :- 🎪 सुंधा माता मंदिर राजस्थान के जालौर जिले में स्थित सुंधा नाम की एक पहाड़ी पर स्थित चामुंडा देवी को समर्पित एक 900 साल पुराना मंदिर है। आपको बता दें कि यह मंदिर राजस्थान के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू से 64 किमी और भीनमाल महानगर से 20 किमी दूर है। अरावली की पहाड़ियों में 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चामुंडा देवी का यह मंदिर भक्तों के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है। 🎪 गुजरात और राजस्थान के बहुत से पर्यटक इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर के पास का वातावरण बेहद ताजा और आकर्षक है। जैसलमेर के पीले बलुआ पत्थर से निर्मित यह मंदिर हर किसी को अपनी खूबसूरती से आकर्षित करता है। आपको बता दें कि इस मंदिर के अंदर तीन ऐतिहासिक शिलालेख हैं जो इस जगह के इतिहास के बारे में बताते हैं। यहां का पहला शिलालेख 1262 ईस्वी का है जो चौहानों की जीत और परमार के पतन का वर्णन करता है। दूसरा शिलालेख 1326 और तीसरा 1727 का है। सुंधा माता मंदिर का इतिहास :- 🎪 प्राचीन दिनों में इस मंदिर में पूजा नाथ योगी द्वारा की जाती थी। सिरोही जिले के सम्राट ने सोनाणी, डेडोल और सुंधा की ढाणी गाँवों में से एक नाथ योगी रबा नाथ जी को दी थी, जो उस समय सुंधा माता मंदिर में पूजा करते थे। नाथ योगी में से एक अजय नाथ जी में मृत्यु के बाद मंदिर में पूजा करने के लिए कोई नहीं था, इसलिए इसलिए राम नाथ जी (मेंगलवा के अयस) को जिम्मेदारी लेने के लिए वहां पर भेजा गया था। मेंगलवा और चितरोडी गाँवों की भूमि, नाथ योगी को जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह द्वारा दी गई थी। इसलिए मेंगलवा के नाथ योगी को अयस कहा जाता था। 🎪 आपको बता दें कि राम नाथ जी की मृत्यु के बाद उनके शिष्य बद्री नाथ जी सुंधा माता मंदिर में अयस बने और पूजा की जिम्मेदारी ली। इसके अलावा उन्होंने सोनानी, डेडोल, मेंगलवा और चितरोडी की भूमि की भी देखभाल की। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, वहां पर सभी प्रबंध करने के लिए कोई नहीं था, इसलिए मंदिर की देखभाल और पर्यटन का प्रबंधन करने के लिए एक ट्रस्ट (सुंधा माता ट्रस्ट) बनाया गया। सुंधा माता मंदिर जालोर में मेले का आयोजन :- 🎪 नवरात्रि के समय यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है जिस दौरान गुजरात और आसपास के क्षेत्रों से पर्यटक बड़ी संख्या में सुंधा माता की यात्रा करते हैं। बता दें कि इस समय गुजरात द्वारा पालनपुर, डीसा और अन्य जगहों से नियमित बसें चलाई जाती हैं। सुंधा माता मंदिर खुलने और बंद होने का समय :- 🎪 सुंधा मंदिर खुलने का समय हर दिन सुबह 8 बजे है और बंद होने का समय शाम 6 बजे है। सुंधा माता मंदिर रोपवे की जानकारी :- 🎪 सुंधा माता मंदिर के दर्शन करने के लिए आप पैदल भी जा सकते है नही तो आप रोपवे की सर्विस भी ले सकते है। यह रोपवे 800 मीटर लम्बा है और खरीब 6 मिनट में आप को पहाड़ी पर बने मंदिर तक ले जायेगा, एक समय में एक ट्राली में 4 ही लोग जा सकते है। उड़न खटोले के टिकेट की कीमत 50रु है जिस में आने और जाने की सुविधा उपलब्द करायी जाती है । सुंधा माता मंदिर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय :- 🎪 जो भी पर्यटक सुंधा माता मंदिर जाने की योजना बना रहें हैं। उनके लिए बता दें कि इस मंदिर के लिए यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है। सर्दियों का मौसम इस क्षेत्र की यात्रा करने के लिए अनुकूल समय है। रेगिस्तानी क्षेत्र होने की वजह से राजस्थान गर्मियों में बेहद गर्म होता है जिसकी वजह से इस मौसम में यात्रा करने से बचना चाहिए। बारिश के मौसम में यहां की यात्रा करना सही नहीं है क्योंकि ज्यादा बारिश आपकी यात्रा का मजा किरकिरा कर सकती है। इसलिए सर्दियों के मौसम में ही आप इस मंदिर की यात्रा करें। सुंधा माता मंदिर कैसे जाये :- 🎪 सुंधा मंदिर के लिए कोई भी भारत के प्रमुख शहरों से परिवहन के विभिन्न साधनों से यात्रा कर सकते हैं। आपको बता दें कि सुंधा माता मंदिर जाने के लिए जालौर का निकटतम हवाई अड्डा 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जोधपुर में हैं। यह हवाई अड्डा मुंबई, दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख महानगरों अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा पर्यटक सड़क मार्ग द्वारा सुंधा माता मंदिर की यात्रा करने वाले पर्यटक पर्यटक जोधपुर, जयपुर, अजमेर, अहमदाबाद, सूरत और मुंबई जैसे शहरों से आसानी से इस पर्यटन शहर तक पहुँच सकते हैं। ट्रेन द्वारा सुंधा माता मंदिर की यात्रा करने वाले पर्यटक जालौर रेलवे स्टेशन के लिए जोधपुर डिवीजन नेटवर्क, मुंबई और गुजरात से ट्रेन ले सकते हैं। ट्रेन से सुंधा माता मंदिर कैसे पहुंचें :- 🎪 सुंधा माता मंदिर की यात्रा ट्रेन द्वारा करने वाले पर्यटकों के लिए बता दें कि जालोर रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम रेलवे लाइन पर पड़ता है। समदड़ी- भिलडी शाखा लाइन जालौर और भीनमाल शहरों को जोड़ती है। इस जिले में 15 रेलवे स्टेशन हैं। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जालौर के प्रतिदिन कई ट्रेन उपलब्ध हैं। सुंधा माता मंदिर सड़क मार्ग से कैसे पहुंचें :- 🎪 अगर आप सड़क मार्ग सुंधा माता मंदिर जाना चाहते हैं तो बता दें कि राजमार्ग संख्या 15 (भटिंडा-कांडला राजमार्ग) इस जिले से गुजरता है। यहां के लिए अन्य शहरों से कोई बस मार्ग उपलब्ध नहीं हैं। जालौर का निकटतम बस डिपो भीनमाल में है जो लगभग 54 किमी दूर है। ©N S Yadav GoldMine #TechnologyDay इस मंदिर के पास का वातावरण बेहद ताजा और आकर्षक है जानिए इस मंदिर के इतिहास के बारे में !! 🔱🔱 {Bolo Ji Radhey Radhey} सुंधा
Tushar Jangid
"पधारो म्हारो प्यारो निरालो जयपुर" कुछ दिनों पहले एक शख्स से मुलाकात हो गई जो बातों बातों में यह कह गए कि जयपुर में ऐसा है ही क्या है फिर क्या था। एक जयपुर प्रेमी के बदन में च
Anita Saini
पोथी पढ्यां आँक आवैं पोथी पढ्यां जाण पावै आपणां देस दुनिया नै पोथी ज्ञान बढ़ावै बुद्धि बढ़ावै पोथी पढ्यां पण्डत कोणी कहावै पोथी री सिकस्या संस्कार कोणी देवै चोखी पोथी पढ्यां आछी सीख आवै पोथी पढ्यां आँक आवैं पोथी पढ्यां जाण पावै आपणां देस दुनिया नै पोथी ज्ञान बढ़ावै बुद्धि बढ़ावै पोथी पढ्यां पण्डत कोणी कहावै पोथी री सिकस्या सं
Anita Saini
झरोखो घर हूवै चोखो न तो साँस लेणों हो ज्यासी ओखो बात ध्यान राखज्यो पर-झरोख झाँकणों कोनी हूवै चोखो! खम्मा घणी सा 😊 झरोखों= मतलब खिड़की इण शब्ध माथै थे थारी रचणा करा अर चोखी रचणा को हाइलाइट करी जावैली। रचणा लिखणे रे पाछै इ पोस्ट माथै done ल
Anita Saini
जी जान सै जुटस्या सगळा भाई अर भाण! संविधान मै आपणी भाषा,रो हक दिळाण।। इत्तो गौरवशाळी राजस्थान रो इतिहास । फेर बी म्हारी भाषा पर कोनी करो विश्वास ।। कित्ती मिठ्ठी कत्ती चोखी,राजस्थान री बोली। कोयळ की सी कूक लागै,जैद बी सूणा आपणी बोळी। #राजस्थानी_भासा_म्हारो_स्वाभिमान #अंतर्राष्ट्रीय_मातृभाषा_दिवस जी जान सै जुटस्या सगळा भाई अर भाण! संविधान मै आपणी भाषा,रो हक दिळाण।। इत्
Anita Saini
छोरी नै बी अापणा मन री हर बात केवैण री आज़ादी होवै.... बानै बी छोरा री जियाँ अापण मन सू काम करबा की आज़ादी होवै.... समाज री सारी परम्परा की बंदिशा सू छोरयाँ नै आज़ादी होवै.. बै बारै जावै तो उना सू करया जाबाळा सवाळा सू आज़ादी होवै ... खम्मा घणी सा🇮🇳🇮🇳🇮🇳 आज रे Collab रे मांय थे अपणे नीजर सूं आजादी रो मतलब बतावो📮✒️ स्वतंत्रता दिवस बेगा ही आबाळो है, या वास्ते YourQuote काकासा
Suman Rakesh Shah
.... बचपण में एक गुल्लक ही म्हारे कन्ने गुल्लक ही नहीं पूरी तिजोरी ही बा म्हारै वास्ते जट्ठूं भी रूपिया पिसा मिलता बी में जमा कर ने रख लेवती पूर
Suman Rakesh Shah
सुणा करती थी मैं अक्सर, खामोशियां और थोडो मिजाज मिनखां री थोड़ी कीमत बढ़ा दिया करती हि पण महने तो प्यार रे अलावा कुछ करणो आयो ही नहीं कदैई प्यार ही जिंदगी प्यार ही म्हारी दुनिया रिश्तों री क़ीमत लगाणो आयो ही नहीं अब सुं थांके द्वारा रची रचनाएं होवेली YourQuote काका सा रे मुख्य पाने माथे रोजीना Feature। सब सूं चोखी रचना ने मिलेगो मोको Feature होबा को,