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NEERAJ SIINGH
150 सालों की बरबादी को अकेले मोदी जी कैसे ठीक कर देंगे अनपढ़, गलत पॉलिसी , जनसंख्या वृद्धि, और नेताओं के भरे घर और चोर और चोट्टे नेताओं , और भ्रष्टाचारियों के भुगतान , आज भारत, भुगत रहा हैं, लालू यादव के चारा घोटाला और उसके बाद उसी बेरोजगारी और देश के युवाओं के अरमानों का भैसो के में जुगाली वाली सोच को कोई कैसे तुरंत एक स्कीम लाकर , अग्निपथ में बदल सकता है , खुदकी पड़ी है सबको देश की कहां पड़ी है मूर्ख युवाओं को , मोबाइल physco पागल समाज को सम्हालना आसा कहां है इन युवाओं के घर भी बुलडोजर चलवाना ,(हिंदू या मुसलमान नही करना है यहां ) देश की संपत्ति के नुकसान के अपराधी की संपत्ति जब्त करना चाहिए #neerajwrites अकेले मोदी जी क्या करेंगे ? पढ़े लिखे अगर ऐसा करेंगे तो अनपढ़ों से ये देश को नुकसान तो बनता हैं
BRIJESH KUMAR
" वृद्ध आश्रम में ज्यादा पढ़े लिखों के ही मां~बाप हैं, इतिहास गवाह है, अनपढ़ों के घर में आज भी जननी पूजनीय हैं " ©ब्रजेश कुमार ✒ ✒ " वृद्ध आश्रम में ज्यादा पढ़े लिखों के ही मां~बाप हैं, इतिहास गवाह है, अनपढ़ों के घर में आज भी जननी पूजनीय हैं " #विचार #मां
i am Voiceofdehati
हमारे संस्कार तो अनपढ़ों ने सम्भाल रखें हैं, वरना पढ़ें लिखे तो कब से नंगे होने पर तुले हैं।। #संस्कार #संस्कृति #हम #अनपढ़ #मेरेविचार #yqdidi #yqsnatni #yqtales हमारे संस्कार तो अनपढ़ों ने सम्भाल रखें हैं, वरना पढ़ें लिखे तो कब से नं
Parul Sharma
काला अक्षर भैंस बराबर केवल अनपढ़ों के लिये ही नहीं होता बल्की उनके लिये भी होता है जो सदा स्वार्थ का मोटा चश्मा पहने रहते हैं पारुल शर्मा काला अक्षर भैंस बराबर केवल अनपढ़ों के लिये ही नहीं होता बल्की उनके लिये भी होता है जो सदा स्वार्थ का मोटा चश्मा पहने रहते हैं
ROHAN KUMAR SINGH
#इन्हीं जैसे लोगों के लिए हमनें #ताली और #थाली बजाई थी #का_समझें #अनपढ़ों #सलाम है इन जैसे #लोगों को जो दिन रात #
i am Voiceofdehati
छोड़ कर रास्तों को कहां जाओगे एक को छोड़ोगे तो दूसरा अपनाओगे रास्तों से मंजिल पाना लक्ष्य तेरा है रास्ते अन्जान है, घुप अंधेरा है कोई न वहां साथ तेरे,अकेले ही चलोगे तुम जितनी विकट परिस्थिति हो,अकेले लड़ोगे तुम इन चुनौतियों से तुम गर घबराकर मोह पाश की जिंदगी में लौटना चाहोगे क्या खुद के परिश्रम को व्यर्थ गवांवोगे? अब लौटोगे यदि गांव में ताने मिलेंगे खुब सब हंसेंगे कि बस में नहीं है इसके कुछ इतना पढ़ लिख कर मूर्ख बन जाओगे अनपढ़ों के सामने सर झुकाओगे बोलो क्या दो-दो तीर तुम सहने को तैयार हो उस संघर्ष को छोड़,यह संघर्ष करने को तैयार हो या फिर उसी रास्ते को अपनाओगे जिस रास्ते से तुम अमर भी हो जाओगे उस दुर्जेय रास्ते को भी,“विजयंत" कर जाओगे।। छोड़ कर रास्तों को कहां जाओगे एक को छोड़ोगे तो दूसरा अपनाओगे रास्तों से #मंजिल पाना लक्ष्य तेरा है रास्ते अन्जान है, घुप अंधेरा है कोई न वहा
i am Voiceofdehati
//शिक्षा_में_आरक्षण_बंद_हो// आरक्षण के साथ योग्यता की बात करते हो नेता जी ये कैसी मूर्खता की बात करते हो? आरक्षण दे देकर बना दिए हो शिक्षक आखिर किस मुख से अच्छी शिक्षा की बात करते हो? जातियों का मोहर लगाकर देते हो प्रमाण पत्र जातिवाद खत्म करने का क्यों झूठा प्रपंच रचते हो? पढ़ें लिखे बैठे हैं बेरोजगार बन, अनपढ़ों के दम पर राष्ट्रनिर्माण की बात करते हो? जब संविधान बोलता है 14 वर्ष तक निःशुल्क शिक्षा फ़िर क्यों शिक्षा में आरक्षण का रंग भरते हो? जातिविशेष में पैदा होने वाला शिक्षा तो बराबर पता है फ़िर क्यों उन्हें बुद्धिहीन का तमगा दिए फिरते हो? वोट की राजनीति में बने हुए हो चोर राष्ट्र की बुनियाद में अशिक्षा का सीमेंट भरते हो भारत को गर्त में धकेल रहे दिन ब दिन अर्धशिक्षित शिक्षकों से शिक्षा की उम्मीद करते हो? //#शिक्षा_में_आरक्षण_बंद_हो// आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए योग्य शिक्षकों को शिक्षक बनाया गया-- योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री_उप्र) #आ
Pnkj Dixit
मेरा दिल कहां है ? 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' मेरा दिल कहाँ है ? 👰🌷💓 मेरा दिल खो गया है । मुझे कहीं नहीं मिल रहा है । मैंने घर में देखा पर वहां नहीं है ? मैंने छत पर देखा । वहाँ पर नहीं
Pnkj Dixit
मेरा दिल कहाँ है ? 👰🌷💓 मेरा दिल खो गया है । मुझे कहीं नहीं मिल रहा है । मैंने घर में देखा पर वहां नहीं है ? मैंने छत पर देखा । वहाँ पर नहीं है ? मैंने बिस्तर में देखा मैंने तकिया के नीचे देखा । पर यहां भी नहीं है ? मैंने पलंग के नीचे देखा । यहां भी नहीं है । मैंने महफ़िल में देखा हंसी में देखा , उदासी में देखा बूढ़ों में देखा , बच्चों में देखा जवानी में देखा , नादानी में देखा अनपढ़ों में देखा , ज्ञानियों में देखा पर इन सब में भी नहीं ? किताब में देखा कहानी में देखा कविता में देखा पर यहाँ भी नहीं है ? मैंने बगीचे में देखा फूलों में , कलियों में देखा काँटों में , झाड़-झँकडियों में देखा तालाब में भी देखा पर वहाँ भी नहीं है ? मैंने झर-झर झरते झरनों में देखा कल-कल बहती नदियों में देखा सागर की ऊँची उठती लहरों में देखा पर वहाँ भी नहीं है ? मैंने उगते सूरज की किरणों में देखा मोती से चमकते ओस बिन्दुओं में देखा बहती ठंडी-ठंडी हवाओं में देखा चिलचिलाती धूप में देखा ढलती सांझ की तरुणाइ में देखा पर यहाँ भी नहीं है ? मैंने चांद - चांदनी में देखा विस्तृत आकाश में देखा जुगनूओं में देखा , सितारों में देखा पर यहाँ भी नहीं है । मैंने बंद कमरे में देखा अंधेरे सन्नाटे में देखा मुझे अहसास हुआ मैंने महसूस किया अरे ! ये रहा , यहां कोने में , एकान्त में रो-रोकर हँस रहा है । ०२/०६/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' मेरा दिल कहाँ है ? 👰🌷💓 मेरा दिल खो गया है । मुझे कहीं नहीं मिल रहा है । मैंने घर में देखा पर वहां नहीं है ? मैंने छत पर देखा । वहाँ पर नहीं
Pnkj Dixit
#OpenPoetry मेरा दिल कहाँ है ? 👰🌷💓 मेरा दिल खो गया है । मुझे कहीं नहीं मिल रहा है । मैंने घर में देखा । पर वहाँ नहीं है ? मैंने छत पर देखा । मुँडेर पर देखा । बालकोनी में देखा । वहाँ पर नहीं है ? मैंने बिस्तर में देखा मैंने तकिया के नीचे देखा । पर यहाँ भी नहीं है ? मैंने पलंग के नीचे देखा । यहाँ भी नहीं है । मैंने महफ़िल में देखा । हंसी में देखा , उदासी में देखा । बूढ़ों में देखा , बच्चों में देखा । जवानी में देखा , नादानी में देखा । अनपढ़ों में देखा , ज्ञानियों में देखा । पर इन सब में भी नहीं ? किताब में देखा । कहानी में देखा । कविता में देखा । पर यहाँ भी नहीं है ? मैंने बगीचे में देखा । फूलों में , कलियों में देखा । काँटों में , झाड़-झँकडियों में देखा । तालाब में भी देखा । पर वहाँ भी नहीं है ? मैंने झर-झर झरते झरनों में देखा । कल-कल बहती नदियों में देखा । सागर की ऊँची उठती लहरों में देखा । पर वहाँ भी नहीं है ? मैंने उगते सूरज की किरणों में देखा । मोती से चमकते ओस बिन्दुओं में देखा । बहती ठंडी-ठंडी हवाओं में देखा । चिलचिलाती धूप में देखा । ढलती सांझ की तरुणाइ में देखा । पर यहाँ भी नहीं है ? मैंने चांद - चांदनी में देखा । विस्तृत आकाश में देखा । जुगनूओं में देखा , सितारों में देखा । पर यहाँ भी नहीं है । मैंने बंद कमरे में देखा । अंधेरे सन्नाटे में देखा । मुझे अहसास हुआ। मैंने महसूस किया । अरे ! ये रहा , यहां । कोने में , एकान्त में । रो-रोकर हँस रहा है । ०२/०६/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' मेरा दिल कहाँ है ? 👰🌷💓 मेरा दिल खो गया है । मुझे कहीं नहीं मिल रहा है । मैंने घर में देखा । पर वहाँ नहीं है ?