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नवनीत ठाकुर
तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
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सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
read moreChaurasiya4386
Unsplash दिसंबर की सर्द शाम ... इस साल का ख़त्म होना ... और तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के मौसम में धूप का आना सा लगा… मेरी शायरी में... तुम थे, तुम हो, तुम ही रहोगे ...❤️💔 ©Chaurasiya4386 #दिसंबर की #सर्द शाम, इस साल का ख़त्म होना और #तुम्हारा आना सच कहें तो #जाड़ों के #मौसम में #धूप का आना सा लगा… मेरी #शायरी में.
दिसंबर की सर्द शाम, इस साल का ख़त्म होना और तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के मौसम में धूप का आना सा लगा… मेरी शायरी में.
read moregumnaam_shayra
करती है राधा आज भी यमुना किनारे माधव का इंतजार हे माधव जल्दी आना प्रेम विरह में निकल न जाए प्राण!!❣️ शायरी लव रोमांटिक
read moreSarfaraj idrishi
किसी को पसंद आना बहुत आसान है... लेकिन हमेशा उसकी पसंद बने रहना बहुत मुश्किल है...!! ©Sarfaraj idrishi #Likho किसी को पसंद आना बहुत आसान है...!! लेकिन हमेशा उसकी पसंद बने रहना बहुत मुश्किल है...!! Islam Sarfraz Ahmad pinky masrani Sofia Gup
#Likho किसी को पसंद आना बहुत आसान है...!! लेकिन हमेशा उसकी पसंद बने रहना बहुत मुश्किल है...!! Islam Sarfraz Ahmad pinky masrani Sofia Gup
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} अगर भक्त प्रहलाद जैसा विस्वास हो, भीलनी की जैसी आस हो, दरोपति की जैसी पुकार हो, मीरा के जैसा इंतजार हो, तो भगवान श्री कृष्ण जी को आना ही पड़ता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अगर भक्त प्रहलाद जैसा विस्वास हो, भीलनी की जैसी आस हो, दरोपति की जैसी पुकार हो, मीरा के जैसा इंतजार
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अगर भक्त प्रहलाद जैसा विस्वास हो, भीलनी की जैसी आस हो, दरोपति की जैसी पुकार हो, मीरा के जैसा इंतजार
read moreAnuradha T Gautam 6280
#कठपुतली अज्ञात लोक में आना और जाना है दुनिया है रंगमंच और हम हैं कठपुतली यही रही जीवन की परिभाषा..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ ०५/१२/२४
read moreRAVI PRAKASH
White लगता है आना पड़ेगा पूराने अंदाज में कुछ लोग हल्के में ले रहे है ©RAVI PRAKASH #sad_quotes लगता है आना पड़ेगा पूराने
#sad_quotes लगता है आना पड़ेगा पूराने
read moreSarfaraj idrishi
White कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो ©Sarfaraj idrishi #milan_night कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो Islam gaTTubaba Sethi Ji Ankita Tantuway
#milan_night कमज़र्फ लोगों के साथ कमज़र्फी से पेश मत आना बस ख़ामोश रहो मज़बूत रहो और आगे चलते रहो Islam gaTTubaba Sethi Ji Ankita Tantuway
read moreनवनीत ठाकुर
मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं, हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है। कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर, मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।। वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं, हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है। बीते वक्त को कभी रोक न सके हम, मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।। बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है, यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है। भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए, ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।। खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है, हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है। ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर, बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर #उसका आना बाकी है
#उसका आना बाकी है
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