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Ek villain
बंगाल के बीरभूम में 8 लोगों को जिंदा जलाकर मारने की घटना बेहद नंदिनी है इस कृति की जितनी भरत सेन की जाए वह कम है बंगाल में लेफ्ट के शासनकाल से अब तक ऐसी हिंसक घटनाएं होती रही है परंतु लेफ्ट के शासन के बाद बंगाल की जनता ने पूर्ण बहुमत से ममता बनर्जी को जनादेश इस उम्मीद के साथ दिया कि अब राज्य में हिंसा शांति और कानून-व्यवस्था कायम रहेगी हालांकि लोगों की अपेक्षा पर सरकार अभी भी तक खरी नहीं उतरी है बंगाल में हुई इस ताजा घटना का पूरे देश में विरोध हो रहा है इंटरनेट मीडिया पर देश के नागरिक बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगने की मांग करने लगे हैं जिम्मेदारी राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना है लोगों के मन में कानून का कोई डर नहीं है इसलिए जरा सी बात के फैसले करने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं यह कानून व्यवस्था का स्पष्ट प्रमाण ©Ek villain #कानून व्यवस्था दुरुस्त करें #Hope
Ash Jain
कुछ लोग आपके सबसे कठिन पलो में आपका साथ नही बल्कि आपको फोकट का ज्ञान देते है वो भूल जाते है कि दुनियादारी का ज्ञान आपको उनसे ज्यादा है बस हमने गलती से उन्हें दिल मे जगह देदी थी खैर देर आये दुरस्त नही भी आये तो क्या हुआ दुबारा कोई मौका ही नही देंगे ©Ash Jain दुरुस्त #Journey
सतीश तिवारी 'सरस'
डॉ. प्रकाश जी डोंगरे की पंक्तियाँ जलती सड़कों पर जो एक अकेला आदमी गुलमोहर की तलाश में नंगे पाँव जा रहा है व्यवस्था का सूरज सबसे अधिक उससे ही घबरा रहा है। ''बूढ़ा पिता और आम का पेड़'' काव्य संग्रह से साभार ©सतीश तिवारी 'सरस' #व्यवस्था
Author Harsh Ranjan
दुनिया के कानूनों ने मुझे ये सिखाया है कि घोड़ा और गधा एक है, व्यवस्था की नजर में! या कहें कि घोड़ापन अथवा है। दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है। सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है! भूख और भूख का डर जल और वायु से भी पर्याप्त है। कमाने वालों को कम खाने के गुण बताए जा रहे हैं और लोग उनकी रसोई के आटे-दाल से भंडारे करवाये जा रहे हैं। किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है, एक किसान दो फसल काटकर भी आयु में उतना कमाता है कि उसके तीन पुश्त एक भी रात भूखे न गुजारें! पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं कि बेरोजगारी के दिन-रात बिस्तर पर न गुजारें! अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था
Author Harsh Ranjan
दुनिया के कानूनों ने मुझे ये सिखाया है कि घोड़ा और गधा एक है, व्यवस्था की नजर में! या कहें कि घोड़ापन अथवा है। दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है। सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है! भूख और भूख का डर जल और वायु से भी पर्याप्त है। कमाने वालों को कम खाने के गुण बताए जा रहे हैं और लोग उनकी रसोई के आटे-दाल से भंडारे करवाये जा रहे हैं। किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है, एक किसान दो फसल काटकर भी आयु में उतना कमाता है कि उसके तीन पुश्त एक भी रात भूखे न गुजारें! पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं कि बेरोजगारी के दिन-रात बिस्तर पर न गुजारें! अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था
somnath gawade
प्रचलित व्यवस्थेविषयी 'व्यवस्थित' बोलले नाहीतर 'व्यवस्था' आपल्याला व्यवस्थित जागी पोहचविते. 🤣😂 #व्यवस्था
Mahesh Kumar
जब तक देश के गद्दारों को कानून का डर नहीं होगा । तब तक देश की समस्याओं का कोई भी हल नहीं होगा । कानून व्यवस्था
Satendra gupta
शिक्षा मे इतनी बदहाली क्यों है, पद गुरु का सारा खाली क्यों है? एक - एक कर टूट रहे है हम, शिक्षा के नाम पर थाली क्यों है? योजनायें जो भी निकलती है अब, सारी की सारी जाली क्यों है? गर पूछ लो अधिकारी से बात, तो निकलता मुँह से गाली क्यों है? इस बार हो जायेगी सबकी भर्ती, कह - कह कर टाली क्यों है? सतेन्द्र गुप्ता शिक्षा व्यवस्था
Deepa Didi Prajapati
खुशनसीब होगी उस रोज धरा, वास्तविक खुशी से खिलखिलाएगी। कानून व्यवस्था कर सके ऐसी, सरकार कभी गर मिल पाएगी। ©Deepa Didi Prajapati # कानून व्यवस्था
Godambari Negi
रहें सदा व्यवस्थित, बनी रहेगी व्यवस्था। दूर रहता संकट, बुरी न आये अवस्था।। अच्छा करो प्रबंध, रखें व्यवहार स्व कोमल। जीवन में मिले सुख, भाव जब रहता निर्मल।। ©Godambari Negi #trafficcongestion व्यवस्था