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रंगरेज़
White 🔱🕉️🔱 हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्। ©रंगरेज़ हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्। #mahadev #Mahaparv #mahashivratri #Love #Life #
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्। #mahadev #Mahaparv #mahashivratri #Love Life #
read moreanmol khede
say saheb ji ©anmol khede फजाईले आमाल मुसलमानों की एक विश्वसनीय पवित्र पुस्तक है जो हदीसों में से चुनी हुई हदीसों का प्रमाण लेकर बनाई गई है। हदीस मुसलमानों के लिए पवि
फजाईले आमाल मुसलमानों की एक विश्वसनीय पवित्र पुस्तक है जो हदीसों में से चुनी हुई हदीसों का प्रमाण लेकर बनाई गई है। हदीस मुसलमानों के लिए पवि
read moreN S Yadav GoldMine
White श्रीगीताजी का माहात्म्य:-इदं ते नातपस्काय नाभक्ताय कदाचन । न चाशुश्रूषवे वाच्यं न च मां योऽभ्यसूयति ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} भावार्थ :-तुझे यह गीत रूप रहस्यमय उपदेश किसी भी काल में न तो तपरहित मनुष्य से कहना चाहिए, न भक्ति-(वेद, शास्त्र और परमेश्वर तथा महात्मा और गुरुजनों में श्रद्धा, प्रेम और पूज्य भाव का नाम भक्ति है।)-रहित से और न बिना सुनने की इच्छा वाले से ही कहना चाहिए तथा जो मुझमें दोषदृष्टि रखता है, उससे तो कभी भी नहीं कहना चाहिए ॥67॥ ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes श्रीगीताजी का माहात्म्य:-इदं ते नातपस्काय नाभक्ताय कदाचन । न चाशुश्रूषवे वाच्यं न च मां योऽभ्यसूयति ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} भा
#sad_quotes श्रीगीताजी का माहात्म्य:-इदं ते नातपस्काय नाभक्ताय कदाचन । न चाशुश्रूषवे वाच्यं न च मां योऽभ्यसूयति ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} भा
read morePrakash writer05
White मैं बेचना चाहती हूँ, बस माला के मनके , पर यहाँ आये हैं , सब लोग अलग-अलग मन के , इन्हें कहाँ खरीदने हैं , मेरी माला के मनके , ये निहारना चाहते हैं , मेरे नयनों के मनके , कोई बस मेरी , तस्वीर लेना चाहता है , कोई मुझ से अपनी , दिल की बातें कहना चाहता है , पर जो मैं बेच रही हूँ , उसके ख़रीददार कम हैं , अब इस दुनियां में , इज्जतदार कम हैं ! ©Prakash writer05 Monalisa मैं बेचना चाहती हूँ, बस माला के मनके , पर यहाँ आये हैं , सब लोग अलग-अलग मन के , इन्हें कहाँ खरीदने हैं , मेरी माला के मनके , ये नि
Monalisa मैं बेचना चाहती हूँ, बस माला के मनके , पर यहाँ आये हैं , सब लोग अलग-अलग मन के , इन्हें कहाँ खरीदने हैं , मेरी माला के मनके , ये नि
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