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कपिल भाऊ खरात संस्थापक अध्यक्ष विद्रोही पँथर सामाजिक वि संघटना महाराष्ट्र राज्य
Pradyumn awsthi
जीवन का सबसे मधुर,आनंददायक,यादगार और सबसे ज्यादा खुशी देने वाला समय - बचपन,बचपन की यादें और नानी दादी की वो मजेदार कहानियां जिनको सुनकर मन आनंद की मस्ती में झूम उठता था ©"pradyuman awasthi" #मधुर बाल्यावस्था
krishna kumar
कहने से हर शख्स अच्छा नही होता, अच्छा बनने के लिए अपनी ही अच्छाई से लड़ना पड़ता है। कभी समाज से, कभी बंधु बांधव से, और तो और कभी कभी खुद से लड़ना पड़ता है। सीमा से परे प्रेम के लिए ©krishna kumar सामाजिक बन्धन में तपड़ता प्रेम #PrideMonth
Ek villain
हरियाणा सरकार के निजी क्षेत्र के उधम में हरियाणवी युवाओं के लिए 75% आरक्षण का कानून को लागू कर दिया है लेकिन यह केवल नई भर्तियों पर ही लागू हुआ है जो काम कर पहले से ही कार्य करते उनको रोजगार नहीं खेलेंगे वह अपने संस्थान पर स्थानों के पूर्व तक कार्य करते रहेंगे और यह तो पहले से ही तय था कि प्रदेश के युवाओं के लिए उन्हें पदों पर आरक्षण रहेंगे जिन पदों पर ₹30000 तक का वेतन निर्धारित है एक अच्छी बात यह भी है कि यदि किसी आदमी को उसकी आवश्यकता के अनुसार प्रदेश से कुशल व्यक्ति नहीं मिलता तो उन्हें अन्य प्रदेशों के लोगों को नियुक्ति कर सकेगा लेकिन इसके लिए अन्य जिला इस्तर बनाई गई कमेटी में नियुक्ति नहीं होगी तो इसलिए अवश्य किया जाएगा कि हरियाणा के कुशल युवा मिलने का तर्क देकर अन्य प्रदेशों के लोगों की भर्ती कर सके उत्तर प्रदेश की व्यवस्था के स्वागत योग्य जो ने 2 वर्ष से नियम से छूट मिलेगी स्पष्ट है कि उद्योगों की आवश्यकता होती है इसी तरह का संकट नहीं उठा सकते रही बात की तो उसके बाद जो भर्तियां होंगी उन पर आरक्षण का नियम लागू होगा क्योंकि पुराने कर्मियों को ना निकाले जाने का प्रावधान है स्थानीय युवाओं को आरक्षण का नए नियम लागू होंगे जिन कर्मचारियों की संख्या 10 अथवा उससे अधिक है प्रदेश सरकार के इस नियम पर उसकी नियति पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता क्योंकि हर प्रदेश में युवाओं और रोजगार युक्त देखना चाहता है हर हाथ को काम देकर प्रदेश का विकास किया जा सकता है ©Ek villain # युवाओं में कौशल विकास #hills
Premsukh
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक AC ट्रेन की शुरुआत 1 सितंबर 1928 को हुई थी जिसका नाम था- पंजाब मेल और 1934 में इस ट्रेन में AC कोच जोड़े गए और इसका नाम फ्रंटियर मेल रख दिया गया. उस समय में ट्रेनों को फर्स्ट और सेकेंड क्लास में बांटा गया था, फर्स्ट क्लास में केवल अंग्रेजों को सफर करने की अनुमति थी। इसी कारण इसे ठंडा रखने के लिए AC बोगी में बदला गया था। अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए ये सिस्टम बनाया था, जिसमें AC की जगह पर बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता था, जो फ्लोर के नीचे रखी जाती थी. यह ट्रेन 1 सितंबर, 1928 को मुंबई के बैलार्ड पियर स्टेशन से दिल्ली, बठिंडा, फिरोजपुर और लाहौर होते हुए पेशावर (अब पाकिस्तान में) तक शुरू हुई थी, लेकिन मार्च 1930 में इसे सहारनपुर, अंबाला , अमृतसर और लाहौर की ओर मोड़ दिया गया। इसमें पहले बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल करके बोगी को ठंडा रखने का काम नहीं किया जाता था, लेकिन बाद इसमें AC वाला सिस्टम जोड़ दिया गया. इस ट्रेन का नाम फ्रंटियर मेल था, जो बाद यानी 1996 में गोल्डन टेम्पल मेल के नाम से संचालित की जाने लगी। फ्रंटियर मेल को ब्रिटीश काल की सबसे लग्जरी ट्रेनों में से एक कहा जाता था। पहले यह भाप से 60 किमी की रफ्तार से चलती थी, लेकिन अब इसे इलेक्ट्रिक से चलाया जाता है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, यह ट्रेन 1,893 किमी की दूरी तय करती है, 35 रेलवे स्टेशनों पर रुकती है और अपने 24 डिब्बों में लगभग 1,300 यात्रियों को ले जाती है। यह टेलीग्राम ले जाने और लेकर आने के लिए भी चलाई जाती थी. इस ट्रेन को करीब 95 साल हो चुके हैं। ©Premsukh भारत में रेलवे का विकास
एक इबादत
शब्द और भाषा की मुझे मर्यादा ना सिखाना, मै सत्य और सामाजिक हूं... तुम मेरे समाज, संस्कार, सभ्यता का मान रखिए, मै भी तुम्हारे इज्ज़त का मान रखूंगा... #सामाजिक