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Alka pandey
White जिन्दगी की ट्रेन को चलाने के लिए सुख दुख, अमीरी गरीबी दोनों को व्यवस्थित तरीके से चलाने मे ही नौका पार होती है 💓 ©Alka pandey #Thinking of people Anil Ray Hardik Mahajan हिमांशु Kulshreshtha Ravi vibhute kasim ji, Anil Kumar Ray, ambika jha, Rakesh Srivastava
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read moreOsM_pAGE
Never forget those who have fought for this day. I am proud to be an Indian. ©OsM_pAGE HAPPY INDEPENDENCE DAY. life quotes images life quotes in english positive life quotes Extraterrestrial life
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read moreIshu Gamer
White happy independence day ♥️🇮🇳🇮🇳 ©Ishu Gamer happy independence day ♥️♥️🇮🇳🇮🇳 God bless
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read moreMohanLal
White GOOD THE DAY ©MohanLal #GoodNight HII a great day to day to day
#GoodNight HII a great day to day to day
read moresamandar Speaks
White अब क्या बताऊं ये क्या हैं इक सपना है हिंदी में, या उर्दू में ख्वाब है, चाँद का आइना, सूरज का नक़ाब है। बारिशों की छन-छन, जैसे सितारों की सरगोशी, हवा की सरसराहट, मानो ज़ुबां पर कोई नज़्म रुकी हो। लहरों की हलचल, जैसे धड़कता हो समंदर का दिल, भँवरों की गुनगुनाहट, जैसे मौन की गहराई में छुपा एक गीत। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये सुबह का आँचल, जिसमें रौशनी का जादू सिमटा है, ये शाम का सन्नाटा, जैसे थककर कायनात खुद को सुला रही हो। जंगलों की फुसफुसाहट, जैसे पेड़ आपस में राज़ बांट रहे हों, पहाड़ों की बुलंदी, जैसे किसी दुआ की सदा आसमान को छू गई हो। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये बूँदें, जो धरती की प्यास बुझाकर मुस्कुराती हैं, ये मिट्टी की ख़ुशबू, जैसे कुदरत का इश्क़ ज़मीन से लिपट गया हो। ये फूलों का खिलना, जैसे हर सुबह एक नया अफ़साना लिखती हो, ये तितलियों का नृत्य, जैसे रूहानी ख़्वाबों का रंगीन कारवां। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये बादलों का आग़ोश,जैसे किसी मां ने अपने बच्चे को छुपा लिया हो, ये झील का सुकून, जैसे किसी सूफी का दिल। कुदरत का हर रंग, हर सुर, हर अंदाज़, जैसे खुदा ने अपने दिल के सबसे गहरे कोने में हमारे लिए एक नज़्म लिख छोड़ी हो। अब क्या बताऊं ये क्या हैं राजीव@samandar speaks ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा bewakoof
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Unsplash नीली आँखों का जादू और पलकों का पहरा गुलाबी ये आलम और दिल ठहरा ठहरा तब्बसुम मोतियों सा लबों पे है छाया और सुर्खी ए महरो है पसरा पसरा काले बादलों का घेरा ,और बारिश की बुँदे, चाँद हो जैसे की ,नहाया नहाया इस्लाम सी है ,लाम लट गेसुओं की अदा पे खुदा का ,है नूर, पसरा पसरा सांसो की ताज़गी में, कुदरत, की ख़ुशबू, एक जाम हर अदा जैसे हो छलका छलका Rajeev ©samandar Speaks #camping Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा Anant bewakoof
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Unsplash मन खफा है, गुमशुदा है, ग़म का साया है, अजनबी-सा कोई दर्द, बेवजह भीतर पला है। राहें भी चुप हैं,मंज़िलें धुंधली, कदम रुक-रुक से,जैसे कोई थका कारवां। आसमान बेरंग है,सितारे कहीं खो गए, चाँदनी भी अब,अंधेरों में घुल गई है। अश्क हैं, मगर बहते नहीं, जख्म हैं, पर दिखते नहीं, जैसे कोई राज़ छुपा है, सांसों की खामोशी में। खुशियां अधूरी,सपने बेमानी,हर चाहत जैसे खो गई ज़िंदगी की भीड़ में। रूह में शोर है, मन की परतों में ख़ामोशी, सवालों की कैद में कोई जवाब नहीं मिलता। शायद ये ग़म ही मेरा हमसफ़र है, या खामोशियों में बसी एक उलझन, लेकिन कहीं…धुंध के उस पार एक किरण बाकी है। राजीव ©samandar Speaks #camping Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Anant bewakoof
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Unsplash आईना मुझसे मेरे वक़्त का हिसाब मांगता है, अक्स पे बेजान अदावत का जवाब मांगता है। धूल चेहरे पे, या ख़्वाबों में भटकती है कहीं, हर परत मुझसे छुपे राज़ का नक़ाब मांगता है। वो जो गुज़रा है कभी ख़्वाब सा लम्हा बनकर, अब वही बीते हुए लम्हों का हिसाब मांगता है। जिनको देखा था ख़ुदा का ही करम समझ कर, वो मेरा टूटता ईमान बेहिसाब मांगता है। आईने के उस पार मैं भी कहीं ग़ुम सा हूँ, और वो मुझसे मेरी रौशन किताब मांगता है। सोचता हूँ कि ये आवाज़ है दिल की या वक़्त, हर सदा जैसे मुक़द्दर का मिज़ाज मांगता है। ख़ुद को पहचान सकूँ, इतनी भी मोहलत दे दे, ये जहाँ मुझसे हर एक हाल का जवाब मांगता है। Rajeev ©samandar Speaks #library Mukesh Poonia Anant Radhey Ray Sandeep L Guru bewakoof
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