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Stories related to सीना ३० च

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Omprakash Bhati

घडग च #लव

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Mohan raj

Life Lessons Motivational My Voice अन्धकारमार्गे गमनात् प्रकाशमार्गे गमनं जीवनं प्रकाशयितुं च श्रेयस्करम्।

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White अंधकार के मार्ग पर चलने से बेहतर है कि प्रकाश के मार्ग पर चलें और अपने जीवन को प्रकाशित करें
अन्धकारमार्गे गमनात् प्रकाशमार्गे गमनं जीवनं प्रकाशयितुं च श्रेयस्करम्।
It is better to walk on the path of light and illuminate your life than to walk on the path of darkness
Dhanyawad Har Har Mahadev

©Mohan raj #Life Lessons Motivational My Voice अन्धकारमार्गे गमनात् प्रकाशमार्गे गमनं जीवनं प्रकाशयितुं च श्रेयस्करम्।

Mohan raj

Life Lessons Shiv Bhakti योगिनः योगे सिद्धः भवितुम् अधिकारः अस्ति तथा च सः योगे सिद्धः योगी भवितुम् प्रयत्नः करणीयः।

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एक योगी को योग में निपुण होने का अधिकार है और उसे योग में सिद्ध योगी बनने का प्रयास करना चाहिए।
A yogi has the right to become perfect in yoga and he should strive to become a perfect yogi in yoga.
योगिनः योगे सिद्धः भवितुम् अधिकारः अस्ति तथा च सः योगे सिद्धः योगी भवितुम् प्रयत्नः करणीयः।
Dhanyawad Har Har Mahadev

©Mohan raj #Life Lessons Shiv Bhakti योगिनः योगे सिद्धः भवितुम् अधिकारः अस्ति तथा च सः योगे सिद्धः योगी भवितुम् प्रयत्नः करणीयः।

Ganesh joshi

#story #status #motivatation #mtivational #Animals अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभः । अर्थ : #अप्रिय #हितकर #वचन बोलनेवाला और #Motivational

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N S Yadav GoldMine

#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति

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N S Yadav GoldMine

#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति

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Mohan raj

#Life Lessons Shiv Bhakti समर्पणं प्रेमवर्धनं भक्तिश्रद्धां च जागरयति।

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समर्पण से भक्ति में प्रेम बढ़ता है और विश्वास जागता है
समर्पणं प्रेमवर्धनं भक्तिश्रद्धां च जागरयति।
With dedication, love increases in devotion and faith awakens
Dhnyvaad Har Har Mahadev

©Mohan raj #Life Lessons Shiv Bhakti समर्पणं प्रेमवर्धनं भक्तिश्रद्धां च जागरयति।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- वो रहते कहाँ हैं पता जानते हैं । कि उनकी सभी हम अदा जानते हैं ।।१ लगा जो अभी रोग दिल को हमारे ।। न मिलती है इसकी दवा जानते हैं ।।२ मन #शायरी

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ग़ज़ल :-
वो रहते कहाँ हैं पता जानते हैं ।
कि उनकी सभी हम अदा जानते हैं ।।१
लगा जो अभी रोग दिल को हमारे ।।
न मिलती है इसकी दवा जानते हैं ।।२
मनाएं उन्हें हम भला आज कैसे ।
जिन्हें आज अपना खुदा जानते हैं ।।३
मिटेगा नहीं ये कभी रोग दिल का ।
यहाँ लोग करना दगा जानते हैं ।।४
मुझे बस है उम्मीद अपने सनम से ।
कि देना वही इक दुआ जानते हैं ।। ५
न रहता मेरा दिल कभी दूर उनसे ।
मगर लोग सारे  जुदा जानते हैं ।।६
ठहरती नहीं है नज़र उन पे कोई ।
तभी से उन्हें हम बला जानते हैं ।।७
नही प्यार तू उस तरह कर सकेगा ।
वो करना हमेशा जफ़ा जानते हैं ।।८
न पूछो प्रखर तुम हँसी वो है कितना ।
कहूँ सच तो सब अप्सरा जानते हैं ।।९
३०/०४/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
वो रहते कहाँ हैं पता जानते हैं ।
कि उनकी सभी हम अदा जानते हैं ।।१
लगा जो अभी रोग दिल को हमारे ।।
न मिलती है इसकी दवा जानते हैं ।।२
मन

Shaarang Deepak

Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (29 & 30) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #भक्ति #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल:- ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई  । मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।। प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो । इस जहाँ की प #शायरी

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ग़ज़ल:-
ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई  ।
मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।।

प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो ।
इस जहाँ की प्रीति तो अब आसुओं में बह गई ।।

कल तलक जो थी मदद अब तो वही व्यापार है ।
स्वार्थ के इस दौर में वो भी दीवारें ढह गई ।।

देखता हूँ मैं यहाँ बूढ़े कभी माँ बाप जो ।
मान लेता देवियाँ औलाद का दुख सह गई ।।

दिख रहे थे सब मुझे दुर्बल इसी संसार में ।
एक ये दुर्लभ प्रखर था  देख लो वो पह गई ।।
३०/०३/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल:-
ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई  ।
मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।।

प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो ।
इस जहाँ की प
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