Find the Latest Status about author of bhagavad gita from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, author of bhagavad gita.
sudesh tomar
Unsplash किसान की आय में बिचौलिए ज्यादा टैक्स चोरी कर रहे हैं और क्लेम ले रहे हैं ? भारतीय किसान की निश्चित सीमा तक टैक्स फ्री करना चाहिए ? उसके बाद टैक्स लगना चाहिए किसानों पर ? क्योंकि किसान को फायदा नहीं हो रहा है बिचौलिए खा रहे हैं किसान की इनकम ? जागो ग्राहक जागो ! ©sudesh tomar #traveling #kishan #farmersprotest #farmer #pukarskilldevelopmentfoundation #authorsudeshtomar #author www.facebook.com/authorsudeshtomar
#traveling #kishan #farmersprotest #farmer #pukarskilldevelopmentfoundation #AuthorSudeshTomar #author www.facebook.com/authorsudeshtomar
read moreDr O L Daksh
Aatma Amar h... Deh, nashean h... Karma is Dhatma... ©omlata ##Gita Sar## Krishna##❤🔥Parth##
##gita Sar## Krishna##❤🔥Parth##
read moresudesh tomar
#HeartfeltMessage #Trending #youth love #AuthorSudeshTomar #author www.facebook.com/authorsudeshtomar
read moreAnil gupta
"घड़ी की सुइयां बस वक्त नहीं दिखातीं, यह हमें हर गुजरते सेकंड की अहमियत समझाती हैं। ठहरकर सोचो, क्या तुम अपना हर पल वैसे जी रहे हो जैसा जीना चाहते थे? क्योंकि समय लौटकर नहीं आता, लेकिन तुम्हारे फैसले तुम्हारा भविष्य बदल सकते हैं।" ©Anil gupta(Storyteller) #samay Prashant Dadsena Author kunal Satyam Singh
#samay Prashant Dadsena Author kunal Satyam Singh
read moresudesh tomar
#love_shayari wquotes on love wquote of love #author #lifestyle #AuthorSudeshTomar #pukarskilldevelopmentfoundation www.facebook.com/authorsu
read moresudesh tomar
#sad_quotes #author #lifestyle #AuthorSudeshTomar www.facebook.com/authorsudeshtomar
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
#संशय Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
read more