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अखण्डेश ओझा
धर्मसंकट तो शब्द ही गलत प्रतीत होता है, क्योंकि धर्म कभी संकट नहीं हो सकता है| वही तो संकटमोचन है🙏 ~~~ अखण्डेश ओझा संकटमोचन
DishaAgrawal
भय हो या संकट सबसे लढने का साहस हो, होथों पर जब बजरंगबली का नाम हो|| #Hanuman पवनसूत संकटमोचन श्री बजरंगबली की जय|
Vikas Sharma Shivaaya'
Kindly like subscribe & share my you tube channel. https://youtu.be/jfn0f8ytmdA संकटमोचन हनुमानाष्टक हर संकट से मुक्ति के लिए संकटमोचन हनुमानाष्टक का करें पाठ: किसी भी प्रकार का कैसा भी बड़ा और भीषण संकट हो संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अत्यंत प्रभावकारी है। हनुमान जयंती पर इस पाठ से हर बाधा का नाश होता है और संकटों का अंत होता है। बाल समय रबि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारो । ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो ॥ देवन आन करि बिनती तब, छांड़ि दियो रबि कष्ट निवारो । को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ 1 ॥ बालि की त्रास कपीस बसै गिरि,जात महाप्रभु पंथ निहारो । चौंकि महा मुनि शाप दिया तब,चाहिय कौन बिचार बिचारो ॥ के द्विज रूप लिवाय महाप्रभु,सो तुम दास के शोक निवारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥2॥ अंगद के संग लेन गये सिय,खोज कपीस यह बैन उचारो । जीवत ना बचिहौ हम सो जु,बिना सुधि लाय इहाँ पगु धारो ॥ हेरि थके तट सिंधु सबै तब,लाय सिया-सुधि प्राण उबारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥3॥ रावन त्रास दई सिय को सब,राक्षसि सों कहि शोक निवारो । ताहि समय हनुमान महाप्रभु,जाय महा रजनीचर मारो ॥ चाहत सीय अशोक सों आगि सु,दै प्रभु मुद्रिका शोक निवारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥4॥ बाण लग्यो उर लछिमन के तब,प्राण तजे सुत रावण मारो । लै गृह बैद्य सुषेन समेत,तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ॥ आनि सजीवन हाथ दई तब,लछिमन के तुम प्राण उबारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥5॥ रावण युद्ध अजान कियो तब,नाग कि फांस सबै सिर डारो । श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,मोह भयोयह संकट भारो ॥ आनि खगेस तबै हनुमान जु,बंधन काटि सुत्रास निवारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥6॥ बंधु समेत जबै अहिरावन,लै रघुनाथ पाताल सिधारो । देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि,देउ सबै मिति मंत्र बिचारो ॥ जाय सहाय भयो तब ही,अहिरावण सैन्य समेत सँहारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥7॥ काज किये बड़ देवन के तुम,वीर महाप्रभु देखि बिचारो । कौन सो संकट मोर गरीब को,जो तुमसों नहिं जात है टारो ॥ बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,जो कछु संकट होय हमारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥8॥॥ दोहा : ॥लाल देह लाली लसे,अरू धरि लाल लंगूर । बज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर ॥ ॥ इति संकटमोचन हनुमानाष्टक सम्पूर्ण ॥ ©Vikas Sharma Shivaaya' संकटमोचन हनुमानाष्टक #Mic