Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सांसें अटकी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सांसें अटकी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सांसें अटकी.

Prem Kashyap

जब तक तुम्हारी सांसें चल रही हैं,🍃 #viral #Trending #motivate #Money

read more
White 
जब तक तुम्हारी सांसें चल रही हैं, तब तक कुछ भी संभव है। 🍃

©Prem Kashyap 
जब तक तुम्हारी सांसें चल रही हैं,🍃
#viral #Trending #motivate #Money

theABHAYSINGH_BIPIN

#बंदिशेंऔरख्वाब बंदिशें और ख्वाब दिन कट जाते हैं हंसते-गाते, कटती नहीं हैं ये लंबी रातें। उसके ख्वाबों में जागता रहता हूं, पर साथ देती नहीं

read more
बंदिशें और ख्वाब

दिन कट जाते हैं हंसते-गाते,
कटती नहीं हैं ये लंबी रातें।
उसके ख्वाबों में जागता रहता हूं,
पर साथ देती नहीं हैं सांसें।

याद आती हैं उसकी बातें,
पर अब धीमी हैं ज़ज़्बातें।
मैं बुलाने की कोशिश करता हूं,
पर सुनती नहीं वो मेरी बातें।

कितना लंबा वक्त गुज़र गया,
देखे बिना सूनी हैं ये आंखें।
किसी बहाने से ही आ जाओ,
तुमसे करनी, तुम सी बातें।

कितने दूर चली गई हो तुम,
और कब से सुनी मेरी ये बाहें।
प्यार न सही, लड़ने ही आओ,
तेरे बिना भारी रहती हैं आंखें।

नहीं जानता कितना कसूर था,
सुकून न सही, देने आओ तकलीफें।
सज़ा मुकर्रर करने ही आ जाओ,
लेकर आना तुम  वक्त सी ज़ंजीरें।

क्या पता आज़ाद हो जाऊं,
और खत्म हो जाए मेरी बंदिशें।
छुपा कर रखूंगा जख्म सारे,
तुम लेकर आना अपनी शमशीरें।

©theABHAYSINGH_BIPIN #बंदिशेंऔरख्वाब
बंदिशें और ख्वाब

दिन कट जाते हैं हंसते-गाते,
कटती नहीं हैं ये लंबी रातें।
उसके ख्वाबों में जागता रहता हूं,
पर साथ देती नहीं

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर खुदा ने दी है ये सांसें तो बस जी लो, क्या पता ये पल आखिरी सलाम हो। ख्वाहिशें कम कर, दिल को थोड़ा आराम दे, हर चाहत का पूरा होना

read more
खुदा ने दी है ये सांसें तो बस जी लो,
क्या पता ये पल आखिरी सलाम हो।

ख्वाहिशें कम कर, दिल को थोड़ा आराम दे,
हर चाहत का पूरा होना न कोई इनाम हो।

बस सच और मोहब्बत का दामन थाम ले,
सफर का यही असली अंजाम हो।

ग़म और खुशियों को बराबर समझ लो,
हर लम्हा जीने का मुकम्मल मुकाम हो।

जो है आज, वही  सब कुछ है यार,
किसे पता, कल का क्या इंतज़ाम हो।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
खुदा ने दी है ये सांसें तो बस जी लो,
क्या पता ये पल आखिरी सलाम हो।

ख्वाहिशें कम कर, दिल को थोड़ा आराम दे,
हर चाहत का पूरा होना

Sushma

#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

read more
Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी
कुछ उलझी थी बालों में
गर्दन के पीछे चिपकी मिली
कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली
कोई बेशर्मी से भरी हुई
ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें
पर इतना अंतर क्यों है?
मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ
कुछ न चिपका मिले मुझ पर
जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से ,
वैसे साफ सुथरी आऊं वापस
मगर ऐसा हो पाता नहीं
बोझ उठाये नजरों का हरदम
चलते रहना नियति है मेरी, शायद।

©Sushma #Ladki  शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile