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ब्रJESH Chanद्रा
White मुझे दर्द मिला है पर महसूस नहीं है होश में हूं पर जिंदगी का पता नही ©ब्रJESH Chanद्रा #Animals गुरु देव[Alone Shayar] Santosh 'Raman' Pathak Poetic Mayank sing with gayatri Nitin Kumar
Ezha Valavan
White timeless poems by rabindranaththakur...😇🙃 ©Ezha Valavan #timelesstruth #poems #Emotional
sudheer_sitapuri07
White मै गैरो जैसा नही, अकेला ही रहुगा लेकिन तेरा ही रहुगा , ऐ नौकरी........... ©sudheer_sitapuri07 #love_shayari Ankita Mishra Poetic Mayank Anupriya बाबा ब्राऊनबियर्ड Rameshkumar Mehra Mehra
Prakash Vidyarthi
White "गरीबों के फल " बाढ़ और फसल ।।।।।।।।।।।।।।::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::।।।।।।।।।।।। चित्र में तेरे चेहरे की चंचलता देखकर इस वीरान सी जंगल में नाव खेकर मुझे मरुस्थल की जहाज़ याद आती हैं। मगरूर बेशर्म ज़माना में भी मुझे झूलती नैया ठिठूरती कापती नंगी वृद्ध बदन में भीं एक बेमिसाल ऊर्जा भरी तेरी यौवन्ता भाती हैं।। किसी को लगता है समझ नादानी हैं ये नई जवानी है नई रवानी हैं उमंग भी सयानी हैं । पर कोई क्या जानें ये बुढ़ापे की निशानी हैं कहानी हैं जोश पुरानी हैं ,पेशा खानदानी हैं ।। चारों तरफ बाढ़ बरसात का भरा पानी - ही- पानी हैं दिखता फिर आप ये दुःख कैसे वहन करते हों। आजू बाजू झाड़ीयों में चुभते कांटों के बीच झकझोरती असहनीय पछुआ हवाएं ये सब कैसे सहन करते हों ।। मलिन सा मुख पर तेजता जिगर में साहस और निडरता। चूंगते तोड़ते हुए फलों और पेड़ के पत्तों को निहारता।। बरबाद न हों जाय कहीं सालों की ये कच्ची जमा पूंजी इसलिए शायद कभी कभी ये बात खुद से विचारता।। कड़कती बिजली से भीं भयमुक्त परिवार को भरण पोषण करनेवाले मेंहनतयुक्त आप वीर ही नहीं महावीर लगे। अपने बागों के रखवाले ऐसी बेरहम बेदर्द मौसम में भीं फलचुनने वाले हे दीन महापुरुष आप अधीर लगे।। न खुद की फिकर तुम्हें न ख़ुद की रहतीं कोई खबर कैसे करते हों इतने कठिन काम ये हैं आराम की उमर। आता भीं नहीं बाबा कहीं आपको विषैले जीवजन्तु नज़र। झाँकता हूं जब तेरे अंदर बड़ा मुुश्किल है तेरा गुजर बसर।। मालूम है हमें की तुम ये पके अमरूद खाओगे नहीं। बेच आओगे सस्ते दामों पर बाजारों में शर्माओगे नहीं। तरुवर फल नहीं खात हैं पंक्ति जचता हैं तुम्हारे ऊपर। स्वयं भूखे रह जाओगे किन्तु एक आह तक नहीं करोगे सहोगे ख़ुद कष्ट ओर किसी को कुछ बताओगे भीं नहीं।। कभी कभार हमे मोह लगता हैं तेरी बदनसीबी देखकर धुंधली लकीरी देखकर तरस आता हैं तेरी मशुमियता पर। क्या गरीबों की गरीबी बेची नहीं जा सकती क्या अमीरी खरीदी नहीं जा सकती।। क्या दरिद्रता का कोई मोल नहीं क्या धनवानों के बाजारों में इसका कुछ नहीं शक्ति कोई भटके बंजारे जैसे वन वन को ,शर्म आता है सोचकर आदमी की अदमीयता पर । क्या फलविक्रेता की दुर्दिन व्यथित दशा फलखाने वाले साहब को समझ नहीं आती।। स्वरचित -, प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #sad_shayari #poetylover #poems #कविताएं #थॉट्स #ThoughtsOfTheDay
callmeShravan
ನಿನ್ನ ಕಾಲ್ಗೆಜ್ಜೆಯ ಸಪ್ಪಳ ಕೇಳಿದಾಕ್ಷಣವೇ ನನ್ನೆದೆಯಲಿ ನೂರು ಅನುರಾಗ ಕಂಪನಗಳು ನಿಶ್ಶಬ್ದವಾಗಿದ್ದ ಉಸಿರಾಟದಲ್ಲೀಗ ನವಿರಾದ ಉದ್ವೇಗದೋಟ ನಿನ್ನ ಬರುವಿಕೆಗಾಗಿ ಕಾದು ಸೋತ ನಿಸ್ತೇಜ ಕಣ್ಣುಗಳಲ್ಲೀಗ ನಿರಾಂತಕದ ಶುಭ್ರ ಮೋಡ ನಿನ್ನ ಕೈ ಸೋಕದೆ ಹೊಳಪು ಕಳೆದುಕೊಂಡ ಕವಿತೆಯ ಸಾಲುಗಳಲ್ಲೀಗ ಸಿಂಗಾರಗೊಂಡ ನವವಧುವಿನ ಚೆಲುವು ನಿನ್ನ ಮೊಗವಿನ್ನು ಕಾಣದೆ ನಿನ್ನ ಕಾಲ್ಗೆಜ್ಜೆಯ ನಿನಾದದಲ್ಲೇ ಇದು ನೀನೇ ಎಂದು ಮನದೊಳಗೆ ಮುದ್ರೆ ಮೂಡಿಯಾಗಿದೆ ನಿನ್ನ ಕಾಲ್ಗೆಜ್ಜೆಯ ದನಿಯಿಂದಲೆ ಇಷ್ಟು ಚೇತರಿಕೆ ಕಂಡಿರುವಾಗ ಇನ್ನು ಆ ನಿನ್ನ ದಿವ್ಯವಾದ ಸ್ವರ ಮಾಧುರ್ಯ, ಭವ್ಯವಾದ ಸೌಂದರ್ಯದ ದರುಶನದಲಿ ಅದಿನ್ನೆಂಥ ಚೇತರಿಕೆ, ಚೆಲುವಿಹುದೊ! _ಶ್ರವಣ ©callmeShravan #love#you#poetic
साहित्य संजीवनी
क्यों तकल्लुफ करें ये कहने मे, जो भी खुश हैं हम उससे जलते हैं। -जॉन एलिया ©साहित्य संजीवनी #oddone #Shayari #Shayar #poems