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Diwan G
हिंदी दिवस पृथ्वी की कक्षा,चंद्रमा की कक्षा मुझसे दूर थी, हर शब्द,हर अर्थ मैंने हिंदी की कक्षा में सीखा। सिर्फ शायरी ही ऐसी है,जो मैंने वहाँ न सीखी, शायरी लिखना मैंने,प्यार की कक्षा में सीखा।। FantasyWriter _Diwan G_ पहली कक्षा #कक्षा #हिंदी #प्यार #अर्थ #nojoto
Prince Verma
मैं आस्तिक हूं? मैं नास्तिक हूं? पर जो भी हूं वास्तिविक हूं। वास्तविक
Naresh K Chouhan
दोस्तों के संग कोई ट्रिप वैसे दोस्तों के संग तो बहुत सी ट्रिप है पर हमेशा रोंगटे खड़े करने वाली तो एक ही है जब हम 10-12 मित्र पहाड़ी छेत्र में घूम रहे थे तभी अचानक गुफा में बब्बर शेर ने हमको देखा और हमारे पीछे लग गया फिर हमने वहा सूखे 20 फिट गहरे झरने में कूदकर जान बचाई वो दिन कभी नहीं भूल सकते। #कक्षा 8 कि घटना
rajkumar shastri
कद्र कर लो उन लोगों की जो वेवजह आपको चाहते है क्योंकि दुनिया में ख्याल करने वाले कम और तकलीफ़ देने वाले लोग बहुत होते है । वास्तविक पहलू
Damodar prasad Raj
प्यार वो नहीं जो दिखाया जाए प्यार वो हे जो निभाया जाए सचाई वो नहीं जो छुपाई जाए सच्चाई वो हे जो बताई जाए प्यार का बंधन वो नहीं जिसमे आजादी न हो प्यार का बंधन वो सही जिसमें आजादी हो ©Damodar prasad Raj वास्तविक mahobbat
~आचार्य परम्~
।।नारी दशा।। 1.) स्त्रीयस्तेश् पत्रपण कर्मणः । अर्थ:-- जो पाप से लज्जा करे उसे स्त्री कहतें हैं 2.) लजन्ति हिता नित्यं स्वैरेष्वपि पुंभ्यैः अर्थ :-- जो पुरुषों के हित के लिए लज्जा करे वो स्त्री है स्त्री केवल शरीर के बनावट मात्र को नहीं कहा जाता है . एक आदरणीया और जगत्पूज्या स्त्री बनने के लिए त्याग, शालीनता, मर्यादा आदि कठोर नियमों से समन्वित होना पड़ता है. ऐसी स्त्रियों के लिए तो कहा गया है "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता " । स्त्री योनी में जन्म लेने के पश्चात तदनुकूल आचरण न करके मनमाना आचरण करने वाली नारीयों के प्रति संवेदना रखना व्यर्थ है ये नारी के रूप में राक्षसी हीं है. जिस प्रकार ताड़का, सूर्पणखा, पूतना आदि नारी होते हुये अपूज्या हैं वैसे हीं मनमाना करने वाली नारीयों को इनके सदृश हीं मानना चाहिये।स्वधर्म का पालन करने वाली माताओं बहनों के प्रति मेरे हृदय में आपार आदर सम्मान हैं 🙏 नारी तो हैं पर नारीत्व नहीं है। नारी तो है पर लज्जा नहीं है । नारी तो है पर शीलता नहीं है। अपने मूलभूत गुणों के त्याग के कारण हीं स्त्रियों का सम्मान कम होते जा रहा है ।। ©परम् वै वास्तविक स्त्रीत्व