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Mukesh Poonia
White एक आरामपूर्ण और सुविधाजनक जीवन वास्तविक जीवन नहीं है- जितना ज्यादा आरामपूर्ण, उतना कम जीवंत। सबसे ज्यादा आरामपूर्ण जीवन कब्र में होता है। . ©Mukesh Poonia #life_quotes एक #आरामपूर्ण और #सुविधाजनक जीवन #वास्तविक जीवन नहीं है- जितना ज्यादा #आरामपूर्ण, उतना कम #जीवंत। सबसे ज्यादा आरामपूर्ण #जीवन #कब्र में होता है। अच्छे विचारों आज शुभ विचार हिंदी छोटे सुविचार नये अच्छे विचार अनमोल विचार
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read moreR...Khañ
White इस आज को कल बेहतर बनाएंगे जब सपनों की नगरी से उठकर 'वास्तविक' की ओर हम कदम बढ़ाएंगे ©R...Khañ #वास्तविक motivational shayari Suja kurmi Sudha Tripathi gudiya Anwesha Rath Ramjan Ali
#वास्तविक motivational shayari Suja kurmi Sudha Tripathi gudiya Anwesha Rath Ramjan Ali
read moreRadheshyam
जिस रंग में तुम, उस रंग में हमने बस तुमसे प्यार किया हैं,, ना कुछ सोचा, ना कुछ जाना बस अपना दिल, तुम पर हार दिया हैं,, हमें लेना नहीं, तुम्हारे रंग-रूप से कुछ ना जाननी हैं, तुम्हारी कोई योग्यता,, मेरे निगाहों में, तो ऐ मेरे मनमोहन तूं ही हमेशा, सर्वोपरि रहा,, तेरा श्याम रंग हीं मुझे भाने लगा, तूं ऐसे पसंद मुझको आने लगा,, अगर अब कोई पूछता हैं, आखिरी ख्वाहिश मेरी मेरा मन, बस श्याम नाम बताने लगा,, ©Radhika #NojotoHindi #वास्तविक सौंदर्य
Hindi #वास्तविक सौंदर्य
read moreकवि मनोज कुमार मंजू
न आस्तिक हूँ... न नास्तिक हूँ... मैं जो हूँ... वास्तविक हूँ... ©कवि मनोज कुमार मंजू #वास्तविक #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #Ocean
#वास्तविक #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #Ocean
read moreSitesh Singh
बड़े ही खुशनुमा वहम थे कि हम उसके जिंदगी मे अहम थे ©Sitesh Singh #वास्तविक#
संजीव चाहर
किसी ने कहा कि "कभी आप आस्तिकों जैसे बोलते-लिखते हो", "कभी आप नास्तिकों जैसा व्यवहार करते हो", समझ में नहीं आता कि ऐसा क्यों करते हो...? मैंने कहा *संजू* कि "हमेशा वास्तविक बने रहने के लिए किसी एक विचारधारा में बंधे रहना मेरे लिए पूर्णतया उचित नहीं"!!🕉️🙏🏻🤔🙄👀🔱🙏🏻 ©संजू ध्यानी #आस्तिकता #आस्तिक #नास्तिक #वास्तविक #ZeroDiscrimination komal sindhe Tanu pal banjaranheartbeat Pallavi Srivastava Namrata Tripathi
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read moreShivraj Solanki
दुष्ट सियार एक अंधेरवन नाम का जंगल था जिस जंगल में सीताराम नाम का भेड़िया राज किया करता था उस भेड़िए के दरबार में बहुत से जानवर राजा के सलाहकार थे परन्तु एक चतुर सियार भी था जो राजा को कुछ समझने ही नहीं देता था। राजा उस सियार की बातो पर ही अमल किया करता था। सियार के दिन राजा की छत्र छाया में बढ़िया से कट रहे थे। जो राजा के लिए आता उसमे से उसका भी गुजर बसर हो जाता और उसने जंगल के दो चार बड़े बड़े जानवरों को अपनी तरफ मिला लिया था। अब राजा जब भी उसकी बात नहीं मानता तो वो उनका डर दिखा देता और अपनी बात मनवा लेता ।राजा के दरबार का कोई मंत्री राजा को कोई बात समझने की कोशिश करता तो वह उनको बड़े जानवरो से पिटवा देता इस प्रकार सभी इस आस में बैठे थे कि कैसे भी ये राजा चला जाए और नया राजा आ जाये तो इनकी सारी परेशानियां ख़तम हो जाएगी। भगवान उनकी बात सुन लेता है और वहां का राजा परेशान होकर वहां से भाग कर दूसरे जंगल में चला जाता है और फिर राज्य में एक शेरनी आती है वहां पर राजा नहीं होता है तो वह वहां की रानी बन जाती है। सियार को इस बात की खबर लगते ही वह दौड़ा दौड़ा चला आता है और साथ में जंगल के बड़े जानवरो को भी लाता हैं । रानी को एक एक कर सब से परिचित करवाता है । इस तरह वह रानी पर भी अपना दबाव बना लेता है । अपने शासन के शुर में रानी सब की बात सुनती थी परन्तु अब केवल सियार की बात सुनती है ……………………… शिव सुन्दर सोलंकी #वास्तविक कहानी दुष्ट सियार इसमें पात्रों को बदल दिया गया है एक अंधेरवन नाम का जंगल था जिस जंगल में सीताराम नाम का भेड़िया राज किया करता था उस भेड़िए के दरबार में बहुत से जानवर राजा के सलाहकार थे परन्तु एक चतुर सियार भी था जो राजा को कुछ समझने ही नहीं देता था। राजा उस सियार की बातो पर ही अमल किया करता था। सियार के दिन राजा की छत्र छाया में बढ़िया से कट रहे थे। जो राजा के लिए आता उसमे से उसका भी गुजर बसर हो जाता और उसने जंगल के दो चार बड़े बड़े जानवरों को अपनी तरफ मिला लिया था। अब
#वास्तविक कहानी दुष्ट सियार इसमें पात्रों को बदल दिया गया है एक अंधेरवन नाम का जंगल था जिस जंगल में सीताराम नाम का भेड़िया राज किया करता था उस भेड़िए के दरबार में बहुत से जानवर राजा के सलाहकार थे परन्तु एक चतुर सियार भी था जो राजा को कुछ समझने ही नहीं देता था। राजा उस सियार की बातो पर ही अमल किया करता था। सियार के दिन राजा की छत्र छाया में बढ़िया से कट रहे थे। जो राजा के लिए आता उसमे से उसका भी गुजर बसर हो जाता और उसने जंगल के दो चार बड़े बड़े जानवरों को अपनी तरफ मिला लिया था। अब
read moreशून्य(ब्राह्मण)
जो चलते थे कभी साया बनकर आज बदले बदले से लगते हैं क्या बदलना जरूरी है आखिर क्यों लोग ये बदलते है ? क्या मोल रह जाता है जज्बातों का शहर में बोलो कल मिले थे जो अज़ीज़ बनकर आज भूलने लगते हैं! कहानी नहीं है ये कोई हकीकत का हिस्सा है लिख रहा हूं मैं मगर किसी और का किस्सा है! क्या मिलता है तोड़कर यकीं किसी अपने का ये कौन सा रास्ता है जिस ओर सभी चलने लगते हैं! मैं गांव में जब रहता था वहां का एक रिवाज़ था बच्चे बड़ों के पीछे मिलों तलक संग चलते थे! आज के चर्चे किसी से छिपे हुए तो हैं नहीं आज अपने ही अपनों को पहचानने से मुकरने लगते हैं! रब ही संभाले ऐसे लोगों की कश्ती को यहां जो बिना यकीं के सागर में कदम रखते हैं! ज़रा फूंक कर है रखिए अपने पैरों को यारों.. सुना है यहां अपने ही अपनों से जलने लगते हैं! #ज़िंदगी_का_आइना #वास्तविक #प्रमाणिक #अभिव्यक्ति #शायरी
#ज़िंदगी_का_आइना #वास्तविक #प्रमाणिक #अभिव्यक्ति #शायरी
read moreHiren. B. Brahmbhatt
मुस्कान में अभिनय है, और वास्तविक आंसू हैं , बस इतना सीधा सा , परिचय है जीवन का .... #मुस्कान #अभिनय #आंसू #वास्तविक #जीवन #परिचय
Paramjeet kaur Mehra
पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ।दुर्गा का वास्तविक साधना का मंत्र सिर्फ तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी के ही पास है। विश्व में अन्य किसी गुरु के पास मोक्ष मार्ग, वास्तविक मंत्र नहीं है।
पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ।दुर्गा का वास्तविक साधना का मंत्र सिर्फ तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी के ही पास है। विश्व में अन्य किसी गुरु के पास मोक्ष मार्ग, वास्तविक मंत्र नहीं है।
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