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अज्ञात
White जब जुबां तक आते आते ठहर जाते हो तुम.. शायद जमाने के डर से सिहर जाते हो तुम.. तब लगता है दिल में ही महफूज हो तुम इसी इत्मीनान पर सब कुछ वार जाते हो तुम.. ©अज्ञात #दिल से दिल तक
K L MAHOBIA
White सांस लेकर आया बंदा तू सांस छोड़ जाएगा। जिंदगी का नहीं भरोसा यूं आप छोड़ जाएगा। दुनिया में धन दौलत के दीवानो ये सुन लो जरा जग में खाली हाथ आया है खाली हाथ जाएगा । पल दो पल का जीवन है पंछी आप छोड़ जाएगा दौलत पे भरोसा करने वालों साथ नहीं जाएगा जग को भूल से अपना कहने वाले जानो तो जरा पंछी एक अकेला आया अकेला छोड़ जाएगा। ©K L MAHOBIA #दिल से
K L MAHOBIA
White रास्तों के पत्थरों मुझको डराना छोड़ दो। जानकर कमजोर तुम मुझको डराना छोड़ दो। फूल सा कोमल समझ कितने दिनों से छेड़ ते सोच ले अंजाम को तुम फिर सताना छोड़ दो। ©K L MAHOBIA #दिल से
K L MAHOBIA
White यह दुनिया नहीं होती तो दीवाने कहां जाते। गर तुम नहीं होती कहने अफसाने कहां जाते। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #दिल से
K L MAHOBIA
White समय ही मेरे जीवन का हस्ताक्षर है, के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #दिल से
K L MAHOBIA
White हुनर क्या है हमारे बोलते है। नज़र के ये सितारे बोलते हैं। गरीबों के हुनर अपने यहां है जला है दीप प्यारे बोलते है। मुझे ये जख्म देने की सजा है खता सचमुच नजारे बोलते है। बुरी लत है छुपाना सीख जाते इधर मुश्किल लचारे बोलते हैं। जमा पूंजी उड़ा कर बैठ जाते निकम्मे आंख मारे बोलते है। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #दिल से
K L MAHOBIA
White तेरे प्यार की हम दुआ ही करेंगे। तेरा साथ है तो जफा ही करेंगे। तेरा साथ है तो हमें हर यकीं है, वादे आशिकी के सदा ही करेंगे। जैसा आप चाहें मुझे हर खुशी है ऐसा वापसी से नज़ा ही करेंगे। तुम्हें क्या पता है जुदाई सज़ा है चाहा तो नहीं था दवा ही करेंगे। कोई रोक लेता जहां में हमें भी तेरी आशिकी में खता ही करेंगे। ✍️के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #दिल से।
K L MAHOBIA
White दिल इश्क में डूबा कभी वो दौर ही कुछ और था। फ़ुर्सत रहा दिन भर सभी वो दौर ही कुछ और था। लगती नहीं कुछ और वो फिर भी सजा सपने लिए फितरत हमें इक इश्क में फिर चाहना पुर जोर था। तय कर लिया हमने वफ़ा में आशिकी करना यही उसके बिना महफ़िल कहीं वो देखना मुखचोर था। उसके बिना सुहरत नहीं अच्छी भली लगती कहां जहमत उठा आखिर चले जाते रहे दिन शोर था। किसको पता चलते कहां दिखते नहीं पथ आदमी मुश्किल बड़ी रजनी चली रौशन हुए दिन भोर था। गुनगुन किया सुन शोरसे कलियां खिली फूली हुई गुलशन महक अपना नजर आ गया इक भौर था ©K L MAHOBIA #दिल से
RjSunitkumar
मुझे वहा ले चलो uncle ji जहा उसके दिल तक पहुंचने का कोई रास्ता जाता हो। ©RjSunitkumar दिल से
दिल से #પ્રેમ
read moreK L MAHOBIA
चूम लेता और सूंघ लेता दिलवर तुम्हें तुम कोई खिले फूल बाग़ ए गुलाब होती। दिल से तुम्हें लगाता और उतार लेता जहां दिल से सचमुच नूरी गुल शबाब में होती। लोग जानते है कि मैं कोई शराबी नहीं यूं पी लेता दिल से मयकश शराब होती। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #दिल से