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theABHAYSINGH_BIPIN
Unsplash प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है। मोहब्बत सच्ची हो, मगर विश्वास बनाना पड़ता है। मोम सा है रिश्ता प्यार का, ख़ुद को पिघलाना पड़ता है। उस चाँद के दीदार में, नींदें गवानी पड़ती हैं। आसान नहीं है मोहब्बत, इंतेहा से गुजरना पड़ता है। जो खो गए हैं मैं की आड़ में, मैं' से 'हम' में बदलना पड़ता है। इश्क़ का हाल बुरा है, आँखों को सुँझाना पड़ता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Book प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है।
#Book प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है।
read moreParul Sharma
दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर मिठाई की जगह केक चाकलेट नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स Fastival or birthday पर gift परोसने वाले santa हम लोग --- मकरसंक्रांति पर तिलकुट खिचड़ी बसंत पंचमी पर पीले वस्त्र चावल होली पर गुजिया इनरसा एकादशी पर घड़ा पंखा खरबूज शरबत गणतंत्र दिवस पर बूंदी रक्षाबंधन पर घेबर जन्माष्टमी पर पंजीरी चरणामृत नौ दुर्गा में पूरी हलुआ शरद पूर्णिमा पर खीर महिलाओं के त्योहार पर श्रंगार के सामान दशहरा दिवाली पर खीर खिलौने बताशे बाँटते और दान करते है हम गिफ्ट नहीं लेते List में कुछ और रह गया है तो Santa आप भी बता सकते हैं कुछ ले भी जा सकते हैं हमारे त्योहारों पर मित्रों आप ही बताइए लगता है बहुत कुछ रह गया है ©Parul Sharma दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर मिठाई की जगह केक चाकलेट नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स Fastival or birthday पर gift परोसने वाले santa हम लोग -
दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर मिठाई की जगह केक चाकलेट नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स Fastival or birthday पर gift परोसने वाले santa हम लोग -
read moreनवनीत ठाकुर
जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ, हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता। न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का, हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता। परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी, हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता। अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के, हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता। तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस, हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ
#नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ
read moreKrisswrites
मकान मालिक ने सड़क पर फेंक दिया किराएदार का सामान... बल्लभगढ़ जेसीबी चौक, संजय कॉलोनी नजदीक रेलवे पावर हाउस.. #FaridabadNews #Ballabhgarh J
read moreDeepika
Unsplash Deepika jadhav Work from home (only for female) जो भी महिलाएं घर बैठे अनलिमिटेड पैसे कमाना चाहते हैं। या अपने सपने पूरे करना चाहते हैं। या फिर अपनी खुद की पहचान बनाना चाहते है। वह comment में yes type कर दीजिए। Only female .... Housewife Students Job person women..... ©Deepika Work from home (only for female) जो भी महिलाएं घर बैठे अनलिमिटेड पैसे कमाना चाहते हैं। या अपने सपने पूरे करना चाहते हैं। या फिर अपनी खुद की
Work from home (only for female) जो भी महिलाएं घर बैठे अनलिमिटेड पैसे कमाना चाहते हैं। या अपने सपने पूरे करना चाहते हैं। या फिर अपनी खुद की
read moreनवनीत ठाकुर
सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए। बरसों बरस का सामान किस काम आएगा, जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा। जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई, और मौत ने आते ही कहानी बदल गई। साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या, पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स
#नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स
read moreनवनीत ठाकुर
White कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान। खुदा और भगवान तो एक ही हैं, फिर ये दीवारें क्यों दिलों में खड़ी हैं? इबादत का मकसद था दिलों को मिलाना, तुमने मजहब को हथियार ही बना दिया। जिक्र था मुहब्बत का हर इबारत में, तुमने इसे नफरत का कारोबार बना दिया। ©नवनीत ठाकुर #कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।
#कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।
read moreRaju Saini
White आहिस्ता आहिस्ता गुजर ऐ जिन्दगी, कुछ अपनों को अपना बनाना है। ©Raju Saini #GoodNight #आहिस्ता आहिस्ता गुजर ऐ #जिन्दगी, कुछ #अपनों को अपना बनाना है। #Rajusaini #raju #Saini #sainishayri
#GoodNight #आहिस्ता आहिस्ता गुजर ऐ #जिन्दगी, कुछ #अपनों को अपना बनाना है। #Rajusaini #raju #Saini #sainishayri
read moreबेजुबान शायर shivkumar
इश्क़् क बजर् ©बेजुबान शायर shivkumar " #इश्क़ का #बाजार " में #दुकानदार बहुत से है मुझे समझ नहीं आता कि कौन #सही और कौन #गलत । मैंने तो बाहर से #सामान खरीदना ही बंद कर दिया