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ENGLISH POET SADDAM KALAMKAR
जब मिलेगी तो हम चश्मा लगाए रखेंगे, उनसे देखा ना जायेगा मेरे आंसुओ का समुंद्र होना सददाम कलमकार हाजिरीन,
Faiz Attari
कुछ एसी कशिश तुझ में है शहरे मदीना हाजिरी 100 बार हो मगर हसरत नहीं जाति ©Faiz Ahemad कुछ एसी कशिश तुझ में है शहरे मदीना हाजिरी 100 बार हो मगर
Jaat Jaat Boy
इस दुनिया में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता लोग जनाजे के साथ भी होते हैं तो सिर्फ अपनी हाजिरी गिनवाने के लिए । ©Jaat Jaat Boy इस दुनिया में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता लोग जनाजे के साथ भी होते हैं तो सिर्फ अपनी हाजिरी गिनवाने के लिए ।
Self Made Shayar
हंसते हुए चेहरे का अर्थ ये नहीं होता की इनके जीवन में दुःखों की गैर हाजिरी है, बल्कि इनके अंदर परिस्थितियों को संभालने की क्षमता है। ©Raj thakur हंसते हुए चेहरे का अर्थ ये नहीं होता की इनके जीवन में दुःखों की गैर हाजिरी है, बल्कि इनके अंदर परिस्थितियों को संभालने की क्षमता है। #life
Ladla Khatu Wale Ka
वक्त गुजरता है गुजरने दो मैं श्याम दरबार में आता रहुँ वो नाम पुकारे जब भी मेरा मैं हाजिरी अपनी लगाता रहुँ ।।जय श्री श्याम।। ©Ladla Khatu Wale Ka वक्त गुजरता है गुजरने दो मैं श्याम दरबार में आता रहुँ वो नाम पुकारे जब भी मेरा मैं हाजिरी अपनी लगाता रहुँ
Imran Shekhani (Yours Buddy)
जो शख्स आपकी गैर हाजिरी में किसी से भी आपकी बुराई सुन लेता है, समझ लो कि वह आपका अपना कभी नहीं होता! वह किसी और का भी नहीं हो सकता। Imran Shekhani ©Imran Shekhani (Yours Buddy) जो शख्स आपकी गैर हाजिरी में किसी से भी आपकी बुराई सुन लेता है, समझ लो कि वह आपका अपना कभी नहीं होता! वह किसी और का भी नहीं हो सकता। Imra
Imran Shekhani (Yours Buddy)
YoursBuddy ©Imran Shekhani ( Yours Buddy ) जो शख्स आपकी गैर हाजिरी में किसी से भी आपकी बुराई सुन लेता है, समझ लो कि वह आपका अपना कभी नहीं होता! वह किसी और का भी नहीं हो सकता। Imra
Mahadev Son
झुका दो सिर जहाँ तहाँ इसका अर्थ यह नहीं की हाजिरी लग गई या मुराद हो जायेगी पूरी तेरी जिस दर पे झुक जाये सिर तेरा खुद ब खुद आशीर्वाद भी वहाँ अपने आप मिल जाता ©Mahadev Son झुका दो सिर जहाँ तहाँ इसका अर्थ यह नहीं की हाजिरी लग गई या मुराद पूरी हो जायेगी दर कहते उसको जिस दर पे झुक जाये सिर खुद ब खुद तेरा आशीर्वा