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swati
छोड़ तो सकती हूँ मगर छोड़ नहीं पाती उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है...!!! 😒☺️ छोड़ तो सकती हूँ मगर छोड़ नहीं पाती उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है...!!!
Prakash Kumar viswkrma
@tul maurya(IT)
छोड़ तो सकता हूँ, मगर.. छोड़ नहीं पाता उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई.. आदत की तरह है.. मेरी बिगड़ी हुई.. आदत की तरह है.. #Nojoto801
OMG INDIA WORLD
“छोड़ तो सकते हैं मगर उसे छोड़ नहीं पाते, वो शख़्स मेरी बिगड़ी हुईं आदत की तरह है। ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD “छोड़ तो सकते हैं मगर उसे छोड़ नहीं पाते, वो शख़्स मेरी बिगड़ी हुईं आदत की तरह है। 😘😘😘😘
Khushboo Nama
एक शख्स ऐसा भी है मेरी जिंदगी में, जो मेरी आँखों को पढ़ तो पाता है, मगर समझ नहीं पाता। -Khushi एक शख्स ऐसा भी है मेरी जिंदगी में, जो मेरी आँखों को पढ़ तो पाता है, मगर समझ नहीं पाता। #Love #alon #Shayari #Dard
Ajay Chadar
Dharminder Dhiman
"माना भूलने की आदत तो है मेरी, मगर तुम कौन हो..? तुम्हें तो मैं जानती ही नहीं." अच्छा फील कर रहा हूं मैं, जब से मेरी पत्नी ने अचानक मुझे ऐसे कहा..! 😂😂😂😂😂😂😂😂😂 "माना भूलने की आदत तो है मेरी, मगर तुम कौन हो..? तुम्हें तो मैं जानती ही नहीं."
Yaadein_aur_vo_baatein
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे मगर कह कहाँ पता हूँ सच है की जीना है तेरे बगैर मगर एक पल भी रह नहीं पाता हूँ कहना तो बहुत कुछ है तुझसे मगर कह कहाँ पता हूँ सच है की जीना है तेरे बगैर मगर एक पल भी रह नहीं पाता हूँ!!!
Masood Musa (Hilal Khan)
किस तरह छोड़ दूँ तुम्हें जाना तुम मेरी जिंदगी की आदत हो
SHAYARI BOOKS
लहरों की तरह उठ सकता हूँ लहरों की तरह झुक सकता हूँ। चलना ही मुझको गवारा तो है गर लाज़िम हुआ,उड़ सकता हूँ। बंद हूँ इक दरवाजे की तरह इक दस्तक पे खुल सकता हूँ। माना सख़्त हूँ , मगर पानी में मिश्री की तरह घुल सकता हूँ। बिखर कर ही निखरता तो हूँ निखर कर फ़िर जुड़ सकता हूँ। खुदाओं का भ्रम तो टूट गया इक इंसान की सुन सकता हूँ। खुद को आसाँ जो कर लिया है अब तुमको मैं चुन सकता हूँ। लहरों की तरह उठ सकता हूँ लहरों की तरह झुक सकता हूँ। चलना ही मुझको गवारा तो है गर लाज़िम हुआ,उड़ सकता हूँ। बंद हूँ इक दरवाजे की तरह