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Raj Kumar Raj
मां 'मां' एक शब्द मात्र नहीं, ईश्वर नहीं, नित्य संसार नहीं, अनंत ब्रह्मांड नहीं, शाश्वत सत्य भी नहीं, 'मां' प्रकृति है, जिसने जन्म दिया उपरोक्त सभी को। ©Raj Kumar Raj #village
Alok
White मुझे याद है आज भी वो बचपन का जमाना दोस्तों के संग खेल कर पूरा दिन बिताना गांव की कच्ची पगडंडियों पर दौड़ लगाना हाथ छोड़कर टूटी सड़कों पर साइकिल चलाना न कर पाती थी कैद हमें घर में वो लू बहना मचलते मन के वश में एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर चढ़ना मुझे याद है आज भी वो बचपन का जमाना वो दोस्तों के संग मिलकर दूसरे के बगिया से आम चुराना पकड़े जाने पर गिर पड़ा था बोलकर बहाने बनाना घरवालों से छुप-छुपाकर तालाब में नहाना नजर आने पर पापा से मार खाना मुझे याद है आज भी वो बचपन का जमाना वो बरसात के मौसम में कबड्डी के खेल का बीच में ही रुक जाना फिर कागज के पन्नों का वो नाव बनाना पकड़ कर चीटियों को उस नाव में सैर करना दिख जाए मेंढक तो उसे बेवजह सताना मुझे याद है आज भी वो बचपन का जमाना वो सर्दियों के दिनों में अलाव जलाना बैठकर दादा दादी को अपने किस्से सुनाना खिली हुई खेतों कि हरियालियों में दौड़ लगाना सरसों के फूलों से अपने मिट्टी के महल को सजाना मुझे याद है आज भी वो बचपन का जमाना जिंदगी के पुराने पन्नों में छुपा है कहीं वो बचपन के यादों का खजाना चलती राहों में कहीं मन के कोने में मिल जाए तो चेहरे का खिलखिलाना मुझे याद है आज भी वो बचपन का जमाना °°°आलोक°°° ©Alok #Memories village life
#Memories village life
read moreAjita Bansal
New Year 2025 नया साल आया है, नई उम्मीदें लेकर, सपनों की दुनिया अब नये रंगों से सजे। हर दिन हो शुभ, हर रात हो रोशन, खुशियों से भरी हो ये नयी शुरुआत। पुरानी यादों को छोड़, चलें आगे हम, नई राहों पर, नए क़दम। सपने हों पूरे, दिलों में हो विश्वास, साल 2025 हो, सफलता से भरा खास। जो बीता, वह सीख है, जो आने वाला है, वो खुशियों का खजाना, जो हमें पाना है। समय की रेत पर लकीरें न छोड़ें, साथ चलें हम, बस यही है शेरों। नववर्ष की शुभकामनाएं, सबको मिले सुख-शांति, हर दिल में हो प्रेम, और जीवन में हो ध्वनि। साल 2025 हो, हम सब के लिए मंगलमय, नई उम्मीदें, नई शुरुआत, हो सभी के लिए सफलाय। ©Ajita Bansal #Newyear2025 poem of the day
#Newyear2025 poem of the day
read moreGnaneshwari