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Ramashray Sahani
तेरी यही एक मुस्कुराहट देखने के लिए,, तुझे हर रोज छुप कर खिड़की से देखते हैं,,, ©Ramashray Sahani दीवाने प्यार में # शायरी#
हिमांशु Kulshreshtha
दिल की किताब का एक अनलिखा, कोरा वर्क हो तुम होठों से मेरे बेसबब बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम भरना चाहता हूँ रंग मोहब्बत की स्याही से तुम ही ख़्वाब हो मेरे मेरे जज़्बात हो तुम!!! ©हिमांशु Kulshreshtha किताब ए दिल
Shubham Bhardwaj
White इश्क़ की बीमारी का इलाज कहाँ होता है। दर्दे दिल ही यारों इश्क़ की दवा होता है ।। ©Shubham Bhardwaj #Free #इश्क #की #दवा #दर्द #ए #दिल
Tushar SS Ghardekar
White दिल मांगना और दिल की गली जाना गुनाह हैं एक तरफी ऐसे प्यार को अपनाना गुनाह हैं जन्नत के सारे वादे ये तो साफ झूठ हैं, फिर, अपना कर इस दिल को तोड़ जाना गुना हैं तेरे सामने की तस्वीर में मेरा प्यार हैं लेकिन उस प्यार को तस्वीर में दिखलाना गुनाह हैं मैं लिख दू तेरे नाम के सारे ही खत तो, फिर डाकिया को घर का पता समझाना गुनाह है समझाया हमने खुद को अब तेरे ही नाम से तेरे नाम से ये जिंदगी अपनाना गुनाह हैं ©Tushar SS Ghardekar #Moon #गजल #gazal #शायरी #प्रेम #प्यार #दिल #लव #Love
Shishpal Chauhan
उसकी सिसकती रूह कहती है बार बार, मुझ पर विश्वास तो करो एक बार। दिल के टुकड़े हुए हजार, बेरुखी सी लगे हर बहार। न होश है न खबर है, मिल जाओ एक बार। ओ मेरे प्यारे दिलबर, तेरे बिन बेकार हुस्न की हर बहार। यादों में तेरी बहे अश्रु धार , दिल गया है हार। गले से लगा लो बस इकबार, मिल जाए दिल को करार। न आंखों में नींद है तेरे बिना ज़िंदगी है बेकार, न चेहरे पर खुशी है जमाने की बुरी है नजर। मैं अलबेली नार, तेरी राह देखते देखते आंखें हुई चार। दोनों मिलकर लगाएंगे नैया पार, प्यार करूंगी बेसुमार। ©Shishpal Chauhan # गम ए दिल
Sunil Kumar Maurya Bekhud
वही शाम वही रात वही तारे हैं मगर मायूस दिल वही नजारे हैं लगा था कल जंग जीत कर आए आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं मेरी जहां से खफा हो चांद गया गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #गजल
Dr. Alpana suhasini
न जाने क्या ज़माना चाहता है, मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है। मेरी मासूमियत को छीन कर क्यों, मुझे शातिर बनाना चाहता है. अभी कोई कमी बाक़ी है शायद, जो फिर से आज़माना चाहता है। मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से, उजाले में वो आना चाहता है। निगाहों से लगे सीधा जिगर पर, वो इक ऐसा निशाना चाहता है । परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश, नशेमन फिर बसाना चाहता है। अल्पना सुहासिनी ©Dr. Alpana suhasini #गजल#गजल_सृजन #
Sunil Kumar Maurya Bekhud
गजल करवट बदल बदल कर क्यूं रात बितातें हैं इक नाम क्यों जमीं पर लिखतें हैं मिटाते हैं मालूम है डगर में लुट जातें हैं मुसाफिर गर लुट गए तो फिर क्यों अब शोर मचाते हैं कट कर पतंग कोई आती न लौट करके धागे में बांध फिर क्यूं खुशियों को उड़ाते हैं ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #गजल
Alok Kumar
याद नही मुझे कब मैं रोया था? तकलीफ कम नही हुई है मेरी! बस अब आंखू सुख चुके है हाल-ए-दिल...... ©Alok Kumar हाल-ए-दिल...... #sad_feeling #najoto #viral