Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ऊड़जा काले कवा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ऊड़जा काले कवा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ऊड़जा काले कवा.

Stories related to ऊड़जा काले कवा

Himanshu Prajapati

#snow पसंद है सबको गोरे गोरे गाल, नागिन से लहराते काले काले बाल, प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल, बस ऐसे ही शुभकामनाएं पसंद आए ये नया

read more
Unsplash पसंद है सबको गोरे गोरे गाल,
नागिन से लहराते काले काले बाल,
प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल,
बस ऐसे ही शुभकामनाएं 
पसंद आए ये नया साल...!

©Himanshu Prajapati #snow पसंद है सबको गोरे गोरे गाल,
नागिन से लहराते काले काले बाल,
प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल,
बस ऐसे ही शुभकामनाएं 
पसंद आए ये नया

theABHAYSINGH_BIPIN

#badal #kavita #barish नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए।

read more
White नभ में काले बादल आये,
अपने संग बारिश लाए।
हवा संग इठलाते बादल,
हवा संग ये पानी लाए।

देखो काले बादल आये,
कहा से और ऊपर जाएं।
कितने पास बादल आये,
हमको छूने बादल आये।

किसने दिया पता मेरा,
मेरे घर को बादल आये।
देखो मुझपे गरज रहे हैं,
संग अपने अंधेरा लाए।

किसने छेद किया इसमें,
जो बूँद-बूँद पानी गिराए।
देखो काले बादल आये,
नभ में काले बादल आये।

इसको किसने बुलाया है,
आंधी संग बिजली लाए।
देखो कितने पास ये बादल,
जैसे देखो पेड़ों को छू जाएं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #badal 
#kavita 
#barish 

नभ में काले बादल आये,
अपने संग बारिश लाए।
हवा संग इठलाते बादल,
हवा संग ये पानी लाए।

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित अनुवाद सहित शीर्षक विचित्रः प्रतिद्वन्द्वी . . विधा गहन विचार भाव वास्तविक

read more

gudiya

#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

read more
Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच 
तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि 

धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता 
और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर 
जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता 


और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती 
यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में 

सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके 
वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह

 घर के आंगन में वह  नवोढ़ा भीगती नाचती और 
काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते 
और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो 

कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ
 आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै 
तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की 
लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में 

खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे
 लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए 
यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां 
धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर 
छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है 
पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर 
सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के 
यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के 

यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ 
उनके माथे पर हाथ फेर दो मां 
इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से 
तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि 
मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं 
नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच।
-अरुण कमल

©gudiya #NatureQuotes 
#मातृभूमि #Nojoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotophoto #nojoyopoetry 
आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित संस्कृत लेख भाग१ अद्यत्वे अपि अग्निप्रवेशम अद्यत्वे अपि स्थितिः प्रत्येकस्य महिलायाः अग्निप्रवेशम अस्ति। प्रतिक्षणं ददाति, जीवनस

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile