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Stories related to घोर कष्ट धारण स्तोत्र

Vikas Sahni

#बारह_बजे_की_बेचैनी हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट फिर भी नहीं आयी नींद की आहट कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा- यही सोच कर दिल में है अकुलाहट।

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White _____बारह_बजे_की_बेचैनी_____



हो  चुके  हैं  बारह बजकर बाईस मिनट
फिर  भी  नहीं  आयी  नींद  की  आहट
कि   आखिर  कब ‌ उसे   न्याय  मिलेगा-
यही  सोच  कर  दिल‌  में  है  अकुलाहट।
निराकार होकर भी आनंद जल रहा,
हल्का हौसला देती है जिसकी लपट
म्हारी महफ़िल लूटेरों से भर गयी है
तुम आओ, कष्ट मिटाओ मेरे नटखट!
कविता जो दिया है,मुझे मालूम है यह
तुम इक और उपहार दो, वह संसार दो,
जिसमें लालच न हो, न ही कोई कपट।
मेरे माधव मुझको तुम जल्दी जिता दो
तुड़वा-तुड़वाकर प्रत्येक घोटाले का घट।
यही सोचते-सोचते अब बज चुके हैं एक 
शुरू हुई बारह-बाईस पे कविता की टेक।।
                           ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni #बारह_बजे_की_बेचैनी
हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट
फिर भी नहीं आयी नींद की आहट
कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा-
यही सोच कर दिल में है अकुलाहट।

Mohan raj

#Life Lessons एक ओर हरि हैं, तो दूसरी ओर घोर अंधकार, काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार। चुनाव मेरा है, और मुझे हरि को चुनना है, क्योंकि मैंने स

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset एक ओर हरि हैं, तो दूसरी ओर घोर अंधकार, काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार। चुनाव मेरा है, और मुझे हरि को चुनना है, क्योंकि मैंने सुना है कि हरि की भक्ति के बिना ज्ञान नहीं होता।
एकतः हरिः, अपरपक्षे च अत्यन्तं तमः कामः क्रोधः, लोभः, आसक्तिः, अहंकारः च मम एव, मया हरिः चिन्वितव्या, यतः मया श्रुतं यत् हरिं विना स्यात् न भक्तिः विवेकः वा।
On one side is Hari, and on the other side is deep darkness, lust, anger, greed, attachment and ego. The choice is mine, and I have to choose Hari, because I have heard that without devotion to Hari there is no wisdom.
Dhanywaad Har Har Mahadev

©Mohan raj #Life Lessons एक ओर हरि हैं, तो दूसरी ओर घोर अंधकार, काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार। चुनाव मेरा है, और मुझे हरि को चुनना है, क्योंकि मैंने स

Mohan Sardarshahari

# RSEB और कष्ट अभियंता

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कुछ लोग कड़वी यादें देकर सीखा जाते हैं तो कुछ मीठास के साथ सीखा जाते हैं। चूंकि मानव स्वभाव मीठास को लालायित रहता है। इसलिए हमें वही बातें याद‌ रहती हैं जो हमें किसी ने प्रेम से सीखायी होती हैं।
      लूणकरणसर के बाबूलालजी नौलखा ऐसे ही व्यक्ति हैं जिनसे मैंने विभागों में ठेकेदारों की भूमिका की ए, बी, सी, डी सीखी थी। वह बात, काम और वक्त के पक्के थे। आने वाले और जाने वाले हर आदमी का एक समान आदर करना उनके व्यवहार में शामिल था। N.H.15 पर उनकी दुकान पर हर आदमी को विश्राम मिलता था और सामान आदि रखने की व्यवस्था मौजूद थी। शीतल जल पिलाकर 100 ग्राम गर्म पकोड़े और चाय हर कैडर के लिए उपलब्ध रहती थी। शाम को घंटों कार्य की चर्चा और दिन भर की कोई कठिनाई हो तो उसका समाधान यथा संभव निकाल लिया जाता था। शहरी और देहात दोनों क्षेत्रों की उनके पास कुंडली थी। हर एस्टीमेट के फोर्मेट भी मिल जाते थे। उन दिनों एक फोर्मेट के नीचे तीन कार्बन लगाकर एस्टीमेट बनाने पड़ते थे और गांवों में रुककर एस्टीमेट लाने, लाईन फाल्ट निकालने पड़ते थे इसलिए कनिष्ठ अभियंता को उन्होंने कष्ट अभियंता नाम दे रखा था😀।

©Mohan Sardarshahari # RSEB और कष्ट अभियंता

royal_shetkari

#snow तुला बुडणे कुठे नवीन आहे, संकटाना तुडविणे कुठे नवीन आहे कधी नशिबी कोरडा 🌾 कधी ओला दुष्काळ आहे तुझ्या अश्रूंना कुठे ओलावा नवीन आहे 🌱नश

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Unsplash तुला बुडणे कुठे नवीन आहे, संकटाना तुडविणे कुठे नवीन आहे कधी नशिबी कोरडा 🌾 कधी ओला दुष्काळ आहे तुझ्या अश्रूंना कुठे ओलावा नवीन आहे 🌱🌿

©royal_shetkari #snow तुला बुडणे कुठे नवीन आहे, संकटाना तुडविणे कुठे नवीन आहे कधी नशिबी कोरडा 🌾 कधी ओला दुष्काळ आहे तुझ्या अश्रूंना कुठे ओलावा नवीन आहे 🌱#नश

Asheesh Mishra

बदलाव कष्ट देता है लेकिन जरूरी है #Life

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Jitendra Giri Hindu

अर्थात्: व्यक्ति को सदा सत्य बोलना चाहिए और धर्म की मर्यादा में रहना चाहिए। जो मोह या लोभवश सत्य को छोड़ देता है और झूठ बोलता है, वह पाप करक

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Devanand Jadhav

#Shani #shanidev Hinduism भक्ति सागर भक्ति वीडियो शनि स्तोंत्र ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम | छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश

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नवनीत ठाकुर

एक बार प्रण कर लिया जो धारण, हर मुश्किल हो फिर बस साधारण। फूंक दो जुनून में वो जान, हर राह बने खुद-ब-खुद आसान।

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एक बार प्रण कर लिया जो धारण,
हर मुश्किल हो फिर बस साधारण।
फूंक दो जुनून में वो जान,
हर राह बने खुद-ब-खुद आसान।

©नवनीत ठाकुर एक बार प्रण कर लिया जो धारण,
हर मुश्किल हो फिर बस साधारण।
फूंक दो जुनून में वो जान,
हर राह बने खुद-ब-खुद आसान।
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