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बेजुबान शायर shivkumar
चेहरे जमाने में मैंने तो बहुत से देखे है पर कोई चेहरा तुझ सा बेवफ़ा न निकला... चलो न एक झूठ ही कह दो तुम्हे भी प्यार है हमसे हमे भी सांस लेने का कोई झूठा बहाना दो....!! ज़रा सा एक झूठ ही कह दो मेरे बिन तुम अधूरे हो, तुम्हारा क्या बिगड़ता है ज़रा सी बात कहने को..!! ज़रा सा एक झूठ ही कह दो, कि तुम बिन दिल नहीं लगता, हमारा दिल बदल जाए, तो तुम फिर से मुकर जाना,,,, अपने दिल से एक झूठ ही कह दो की किसी ओर से मोहब्बत का ना सोचे। एक में ही काफ़ी हुं तुम्हे सारी उम्र चाहने के लिए...❤️ एक ही शब्द काफी है मेरे सुकून के लिए... अगर तुम कह दो दिल से कि तुम ख़ास हो मेरे लिए... ©बेजुबान शायर shivkumar चेहरे जमाने में मैंने तो बहुत से देखे है पर कोई चेहरा तुझ सा बेवफ़ा न निकला... चलो न एक झूठ ही कह दो तुम्हे भी प्यार है हमसे हमे भी सांस ले
चेहरे जमाने में मैंने तो बहुत से देखे है पर कोई चेहरा तुझ सा बेवफ़ा न निकला... चलो न एक झूठ ही कह दो तुम्हे भी प्यार है हमसे हमे भी सांस ले
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White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी, जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान। भाईचारे की भावना एक हस्ती थी, अब भाई को नहीं मिलता सम्मान। अब किराए का शहर छोड़कर, उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान। खो दिया है सबका अपमान कर, अब गैरों में ढूंढता है सम्मान। ये कैसा दौर चला है कलयुग का, देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान। मुकर जाता है एक मदद के नाम से, अभय से ना रखता है जान-पहचान। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
read moreनवनीत ठाकुर
"तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी दिल दर्द से भर गया, हर बार तुमसे जो उम्मीदें थीं, इस बार भी ख्वाबों की तरह बिखरा। "तेरी कसमों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
#नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
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