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Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ
White कौन फिरता है अब गली मोहल्लों में इश्क अब डिजिटल हो गया है। कौन करता है अब बाते रूह की इश्क अब फिजिकल हो गया है।। ©Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ इश्क अब डिजिटल हो गया है। #love_qoutes #Love #my_feelings
इश्क अब डिजिटल हो गया है। #love_qoutes Love #my_feelings
read moreSANIR SINGNORI
'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀 . ©SANIR SINGNORI 'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀
'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀
read moreMahesh Patel
White सहेली..... दिल की चोट किसी को ना दिखाई दे.. यही मेरे लिए अच्छा है.. वरना लोग पूछेंगे.. अरे पागल है यह कैसे हो गया.. लाला....... ©Mahesh Patel सहेली... पागल... लाला....
सहेली... पागल... लाला....
read moreMahesh Patel
White सहेली..... उनकी आंखों में वह दीवानगी थी.. वह हमने दिल से पढ़ ली थी.. सब कुछ छोड़ कर हमसे मिलना चाहती थी.. सहेली न जाने क्यों इतनी पागल होती थी.. लाला...... ©Mahesh Patel सहेली... पागल... लाला...
सहेली... पागल... लाला...
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मुँह चिढ़ाती योजनाएं नीतियां कब्र खोद रही मुद्रा का स्तर डांवाडोल हो गया मंहगाई का दम रुपया अब चौरासी में एक डॉलर को चुनता है सरकारे चुनने का परिणाम जनता को हर दम भुगतना पड़ता है समस्याओं का कारण, सियासतें है जो विभाजन कौमो और धर्मो में करती है निर्भरता जनता की,सरकारों पर बढ़ा दी भर भर कर लूटा जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया
#GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया
read moreSINGER TUSHAR SHARMA
White अब त्यौहार पूरा हो गया अब फिर से लोट जाएंगे परिंदे वापस शहरों की तरफ जहां से मोहलत लेकर वह चले आए थे अपने घर के आंगन की ओर। खैर मन में एक टेस रह जाएगी कि काश थोड़ा सा वक्त और मिल जाता तो घर को जरा और महसूस कर पाते क्योंकि घरों में उनका आना अब बच्चों की तरह नहीं मेहमानों की तरह होता है। ©SINGER TUSHAR SHARMA #love_shayari 😔 अब त्यौहार पूरा हो गया 😔
#love_shayari 😔 अब त्यौहार पूरा हो गया 😔
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी जुनून में है जिंदगी आपाधापी मची हुयी है दौड़ बराबरी की तय करने के लिये मन की मस्ती खोयी हुयी है तन हो गया बीमारियों का घर धन उसमे जा रहा है प्रतिष्ठित होने के लिये आज पैदा होते ही कोमल किशोरों को धन की जंग लड़ने के लिये उतारा जा रहा है हावी होता भोगवाद मकड़ी की तरह मानव उसमे फँसता जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari तन हो गया बीमारियों का घर #nojotohindipoetry
#love_shayari तन हो गया बीमारियों का घर #nojotohindipoetry
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