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Stories related to सागर गोल्डन मटका

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Sagar Raj Gupta

दाखिल हुए कुछ इस कदर हम गालियारे इश्क़ में... की नीलाम हो गई जिंदगी सागर के बीच में। Sagar Raj Gupta सागर सर बेतिया दर्द-ए- सागर @highligh #शायरी #Sagar_the_king_of_words #_Sagar_the_shayar #lonely_Sagar #_Sagarsirbettiah #_Sagar_name_is_Brand #_अधूरे_अल्फाज़ो_के_शहंशाह__सागर_राज_गुप्ता #_लफ़्ज़ों_के_बादशाह__सागर_राज_गुप्ता

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Karishma gujjar quote

थोड़ा समय मिले तो जरूर इन बेजुबान जानवरो के लिए भी पानी का एक मटका भरकर रखे #karishmagujjarquote #Motivational #Inspiration #Life #Education #विचार

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Praveen Jain "पल्लव"

#Free अपेक्षा के सागर इतने बड़े #nojotohindi #कविता

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Raushan Raj

मटका मेरा दूध मेरा...😭😜funny #कॉमेडी

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सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र

Sandeep Sagar

#maa सागर की डायरी से 📖🖋😊❤️ #कविता

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मैं थी एक नदी,तुम धार हो 
मैं पायल तुम झंकार हो 
मैं खुली आसमाँ के रातों सा 
तुम ठंडी पवन बयार हो 
मैं एक उपवन में लगी हुई 
तुम मुझ में खिली सिंगार हो 
मैं गानों से भरी हुई 
तुम राग छेड़ वो सितार हो 
मैंने तुमको प्यार किया 
जैसे रुत सावन की बहार हो।
मैं अब तेरे पास नहीं पर 
मेरे अक्स का हिस्सा है तू 
एक कहानी बुनी थी मैंने 
उस प्यार का किस्सा है तू।
मैंने बस जग़ छोडा है 
तेरी याद बसा के सीने में
तू खिलती रहे तू हस्ती रहे 
तेरी खुशी का मोल नगीने में।
जब भी आए याद मेरी 
तुम रोना ना इतना करना 
कि आसमान को देख जरा 
बस थोड़ा सा मुस्का लेना।
मैं साथ हमेशा हूँ तेरे 
मैं पास हमेशा हूँ तेरे 
तुम ना सोचो मैं चली गई 
मैं हर एक आस में हूँ तेरे।

©Sandeep Sagar #maa सागर की डायरी से 📖🖋😊❤️

Sandeep Sagar

#Moon सागर की डायरी से #शायरी

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White आधा चांद आधा सूरज 
आधा मैं बंजारों सा 
आधी आधी दुनिया फिर भी 
पूरी तुम इन तारों सा।।

©Sandeep Sagar #Moon सागर की डायरी से

Sandeep Sagar

#Road सागर की डायरी से #शायरी

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White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ 
कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ 
वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा
नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ।

मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से 
की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से 
तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा
मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से।

मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है 
पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है 
वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है 
वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।।

©Sandeep Sagar #Road सागर की डायरी से

Sagar Shayar mathura Dil ki aawaz

ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

पेशेखिदमत है एक गजल सागर मे भी दिखता..गजल

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