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seema patidar
White याद किया है मैने उदासी में आ जाए चेहरे पर मुस्कान जरा सी तो समझना याद किया है मैने सब अपनो के बीच रहकर खाली सा महसूस करो तो समझना याद किया।है मैने बारिश की बूंदे जब भीगोदे मन को अंदर तक तब समझना याद किया है मैने संगीत को सुनते हुए जब दिल प्रेम से भर जाएं तो समझना याद किया है मैने अकेलेपन में जब आखें नम हो जाए तो समझना याद किया है मैने मेरे शब्दो का स्वर अगर मन में सुनाई देने लगे तो समझना याद किया है मैने ©seema patidar याद किया है मैने
याद किया है मैने
read moreF M POETRY
Unsplash दिल तड़पता है जांन जाती है.. आपकी याद ऐसे आती है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #आपकी याद ऐसे आती है...
#आपकी याद ऐसे आती है...
read morePriyanka pilibanga
White हंसाकर ऐ ज़िन्दगी, तू इतना रुलाती क्यूं है। सब पास है मेरे, फिर उसका अहसास दिलाती क्यूं है। जब सब कुछ बिखर जाता है, तो आखिर संभालती क्यूं है। जो मेराकभी हो ही नहीं सकता, फिर उस से मिलाती क्यूं है। हंसाकर ऐ ज़िन्दगी, तू इतना रुलाती क्यूं है। शहद का घूंट पिलाकर, तू ज़हर देती क्यूं है। कभी दुःख कभी सुख, यह पड़ाव जीवन में लातीं क्यूं है। जब अन्दर से टूट जातीं हूं, तो आकर समझाती क्यूं है। हंसाकर ऐ ज़िन्दगी, तू इतना रुलाती क्यूं है। ©Priyanka Poetry रुलाती क्यूं है 😌
रुलाती क्यूं है 😌
read moreआधुनिक कवयित्री
White जिंदगी में घुटन सी होती हैं, जब ये दुनिया रुलाती है। कह भी नहीं सकते ये दर्द किसी को, यहां दोस्ती भी मतलबी कहलाती है। ए खुदा बस तेरा ही ख्याल आता है , अकेले में तो आंखें भी भर जाती हैं। मुस्कुराना ही भूल गए, बस यादें ही सताती हैं। बिन अपराध की सजा मिलती है, बस तेरे भरोसे सहन हो जाती हैं। ए _खुदा तूने ही ये दुनियां बनाई, ये दुनिया क्यों भूल जाती हैं। सीने में रहती हैं सांसे, फिर भी साथ छोड़ जाती हैं। कोई दवा नहीं है दिल के घावों की, ये जिंदगी भी मरहम ना लगाती है। जिंदगी में घुटन सी होती है...... जब ये दुनियां रुलाती है......... ©आधुनिक कवयित्री दुनिया बहुत रुलाती है......
दुनिया बहुत रुलाती है......
read moreनवनीत ठाकुर
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अपने ही साए से जल गया। इज्जत अब बस नामों तक रह गई है, असलियत झूठ की चादर में ढह गई है। जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे, अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं। हर ख्वाब जो आँखों में पलता था, उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है। मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा, हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा। ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी, और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी। ©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
#ये दौर कितना बदल गया है
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