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Parasram Arora
White दिल और दिमाग़ मे एक अघोषित युद्ध चल रहा है कई दिनों से मुझे लगता है ये युद्ध तब तक नही थामेगा ज़ब तक मै इन दोनो केबींच से हट नही जाता ©Parasram Arora अघोषित युद्ध
अघोषित युद्ध
read morePrakash writer05
White मेरी बहन सब की बहन है मगर सामने वाले की बहन क्या माल है यार यार तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार? पीछे वाली गली में रहने वाली लड़की के देखो घुंघराले बाल हैं यार लेकिन शायद तू यह नहीं जानता कि उसके लिए भी तेरी बहन के मस्त गुलाबी गाल हैं यार चल यार चल रहे नुक्कड़ वाली दुकान पर वहां ठेले पर तो एक से बढ़कर एक आइटम आते हैं मगर हम भूल जाते हैं कि हमारी बहन भी उसी ठेले वाले के यहां किसी के लिए मस्त आइटम बन जाती है यही हकीकत है आज की यही सच्चाई है समाज की तेरी बहन को किसी ने माल कहा तो हो जाएगा बवाल यार लेकिन नुक्कड़ वाली माल है यह तो मचाया तुमने ही धमाल है यार तेरी यह सोच क्या है?? यह सोच ही तो कमाल है यार तेरी बहन को जब यह पता लगेगा तब तुमने सोचा है कि तू उसकी नजरों में क्या रह जाएगा झूठ फरेबी कितनी चालें चलता है ना जाने किस किस की बहनों को तू छलता है मगर अफसोस है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन तेरी खुद की बहन भी छली जाएगी उसके दर्द की दास्तान भी तेरे खुद के सिर पर ही मढ़ी जाएगी खुद की बहन को बचाना है तो सोच में परिवर्तन लाना है अगर सामने वाले की बहन तेरी बहन होगी तभी गली नुक्कड़ में तेरी बहन किसी की बहन होगी खुद को बदलो सोच को बदलो नजर को बदलो नजरिए को बदलो नजारा तो खुद ही बदल जाएगा फिर कोई किसी की बहन को माल नहीं कह पाएगा किसी की बहन तेरे लिए क्या माल है यार? वाह तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार! ©Prakash writer05 मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
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White दहलीज़ पर कविता" बहुत पछताए ,घर की लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में, बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे, मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में। अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय © # दहलीज़ पर कविता"
# दहलीज़ पर कविता"
read moreNarendra Vyawhare
लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून 'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली, पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी. ©Narendra Vyawhare महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
read moreAnisha Kiratkarve
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आज असा कसा खेळ रंगला माझा माझ्याच मनावर्ती, उगाच भांडते उगाच रुसते, नेमक बोलू कोणावरती... खूप काही आहे बोलण्यासारखे ,पण बोलावेसे वाटत नाही, कठीण होत आहे जगणे,जगता मला येतच नाही..... आज पुन्हा वाटते तीच भीती पुन्हा आवडतोय एकांत प्रेम कसे हे वाढत जाते काय कळेना दोघांत.... ©Anisha Kiratkarve #SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह
#SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह
read morefunny jokes
Google एक ही जिंदगी मिली है ढ़ंग से बर्बाद करो !!😄😂😂 ©funny jokes #Manmohan_Singh_Dies मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination
#Manmohan_Singh_Dies मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination
read moreRam Prakash
Unsplash मौज मस्ती से जो ऊबे हैं लालच के युद्ध में डूबे हैं ©Ram Prakash #traveling युद्ध
#traveling युद्ध
read moreWriter Mamta Ambedkar
White इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है, जहाँ दिल का रिश्ता गहरा हो जाता है। एक वो जगह, जहाँ प्यार बसा होता है, दूसरी, जहाँ परिवार का साया होता है। प्यार में हार, मगर जीत सी लगती है, आँखों में आँसू, पर खुशी छलकती है। दिल देता है सब कुछ बिना हिसाब के, चाहत की ये डोर, कभी न टूटने वाले ख्वाब के। परिवार में हार, समर्पण कहलाता है, हर त्याग में स्नेह छिपा नज़र आता है। अपनों की खुशी में अपनी खुशी पाता है, हर मुश्किल में साथ, बस वही साथ निभाता है। दोनों हारें हैं, पर दिल से स्वीकार हैं, प्यार और परिवार, जीवन के आधार हैं। इन्हीं में बसी है जीवन की मिठास, इन्हीं के बिना अधूरी है हर सांस। इसलिए इंसान यहाँ हारने से डरता नहीं, क्योंकि ये हार ही असली जीत कही जाती है। ©Writer Mamta Ambedkar #Romantic मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
#Romantic मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
read moreShiv Narayan Saxena
White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा मन से ही तो होता है। मन के ऐसे हालातों का मन खुद आप विजेता है।। मन में ठान लिया सरिता को सागर से मिलवाता है। निरुद्देश्य नालों में बहता जल बस सड़ता जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi
#GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi
read moreShiv Narayan Saxena
White सबसे बड़ी विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।। अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत। खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।। अंतर के गृह - युद्ध से, बल-मद टूटा जाय। हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
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