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Best कार Shayari, Status, Quotes, Stories

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AbhiJaunpur

#retro #व्यंयात्मक_टिप्पणी #राजनीति #कार #राजनीतिज्ञ #ड्राइवर शिवम् सिंह भूमि Sm@rty divi p@ndey Anshu writer Rakesh Srivastava sing with gayatri sana naaz muskan Kumari Neelam Modanwal Ashish kumar official Ritu Tyagi *...shree...* Parul rawat Sanjana Pushpa Rai... Ashutosh Mishra Ashutosh Mishra अदनासा- sakshi yadav Bhanu Priya Munni Dr.Mahira khan ~Anshika Sharma Miss Anu.. thoughts Madhu Kashyap pooja mourya Shalu Sharma simple_dimple girl Anjali Verma Kirti Pandey Anjali Yadav अहिरानी

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Amit Singhal "Aseemit"

Wallflower Wallflower

#कार ये मुहब्बत

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कार ए मोहब्बत 
 मैउफ है
रूहों को बहसत किसकी।
उफानो  अरमानी में
साहिल से लौटा करती है
 लहेरे रूहे इश्क  समुंदर की।
जिदंगी देती है 
ना ये कभी ये किसी से लेगी।
सौगात खुशियो
हमेशा देती है रूहे इश्क जिंदगी। #कार ये मुहब्बत

Anand Prakash Nautiyal tnautiyal

#MessageOfTheDay मैं कार में बैठा बेकार नही,
सोच रहा हूं, प्रकृति तेरा आकार नही,
सब कुछ बिकता है, पर तेरा कोई व्यापार नही,
रंग बिरंगे रूप सुनहरे, देता कोई इतना प्यार नही,
पालन पोषण करने वाली,कोई करता इतना सत्कार नही,
तूफानों से लडी सदा, पर मानी कभी भी हार नही,
अपने पर आ जाए तो फिर,खाली तेरा वार नही,
ममता में मां के जैसी,देता इतना कोई प्यार नही।

©Anand Prakash Nautiyal #कार#प्रकृति

#Messageoftheday

Er.Shivampandit

#संस्कार... nojoto #Love #sayari #Hindi #nojotopeom s #yar Divya Jain Satyaprem Ayushi Rai mishrariya1104 Preeti Shukla ( Bitti ) Shivangi Mishra

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बैठ जाते थे अपने पराये सब बैलगाडी में,
पूरा परिवार भी न बैठ पाये उसे तू #कार कहता है___
अब #बच्चे भी बड़ों का #अदब भूल बैठे हैं,
तू इस #नये_दौर  को   #संस्कार कहता है______

••••• #संस्कार...
#nojoto #love #sayari #hindi #nojotopeom ##nojotoquotes #yar
 Divya Jain Satyaprem Ayushi Rai mishrariya1104 Preeti Shukla ( Bitti ) Shivangi Mishra

Rakesh Kumar Dogra

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बिल्कुल ऐसा ही फूल था
मै कार रोककर बाहर उदासी में झांक रहा था

और वो कीचड़ में से मुंह निकाल कर 
मुस्कुराता टुकर-२ मुझे देख रहा था।

जैसे कह रहा हो मुस्कुराने के पैसे थोड़े लगते हैं,
मुट्ठी भर मुस्कुराहट है दाने फैलाकर देख रहा था।



मैने भी कार में से कुछ झुठे पर खालिस फलों की गुठलियां,
बाहल उछाली और सारा जंगल अपनों की मिलने की खुशी में मुझे शामिल कर रहा था

RV Chittrangad Mishra

चींटा की मिस चींटी के संग, जिस दिन हुई सगाई। चींटीजी के आंगन में थी, गूंज उठी शहनाई। घोड़े पर बैठे चींटाजी,  बनकर दूल्हे राजा। आगे चलतीं लाल चींटियां,

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आर वी चित्रांगद के कलम से 

चींटा की मिस चींटी के संग,जिस दिन हुई सगाई।
चींटीजी के आंगन में थी,गूंज उठी शहनाई।
घोड़े पर बैठे चींटाजी, बनकर दूल्हे राजा।
आगे चलतीं लाल चींटियां,बजा रहीं थीं बाजा।
दीमक की टोली थी संग में,फूंक रहीं रमतूला।
खटमल भाई नाच रहे थे,मटका-मटका कूल्हा।
दुरकुचियों का दल था मद में,मस्ताता जाता था।
पैर थिरकते थे ढोलक पर,अंग-अंग गाता था।
घमरे, इल्ली और केंचुएं,थे कतार में पीछे।
मद में थे संगीत मधुर के,चलते आंखें मींचे।
जैसे ही चींटी सजधज कर,ले वरमाला आई।
दूल्हे चींटे ने दहेज में,महंगी कार मंगाई।
यह सुनकर चींटी के दादा,गुस्से में चिल्लाए।
'शरम न आई जो दहेज में,कार मांगने आए।
धन दहेज की मांग हुआ,करती है इंसानों में।
हम जीवों को तो यह विष-सी,चुभती है कानों में।' 
मिस चींटी बोली चींटा से,'लोभी हो तुम धन के।
नहीं ब्याह सकती मैं तुमको,कभी नहीं तन-मन से।
सभी बाराती बंधु-बांधवों,को वापिस ले जाओ।
इंसानों के किसी वंश में,अपना ब्याह रचाओ चींटा की मिस चींटी के संग,
जिस दिन हुई सगाई।
चींटीजी के आंगन में थी,
गूंज उठी शहनाई।

घोड़े पर बैठे चींटाजी, 
बनकर दूल्हे राजा।
आगे चलतीं लाल चींटियां,

Poonam bagadia "punit"

"आज फिर वो माँ की डांट सुनकर गुस्से में, घर से बाहर निकल आया, आज फिर उसने सोच लिया कि अब कुछ भी हो घर नही जाऊगा.... भला ऐसा कोई करता है? मेरे सभी दोस्तों को आज़ादी है पर मुझे ही नही है.. सब अपनी ज़िंदगी जीते हैं पर.. मैं... मैं क्यों नही अपनी मर्जी से, खुल कर जी सकता हर समय, मम्मी की बंदिशें... घर जल्दी आया करो, रात को जल्दी सोया करो, स्कूल से सीधा घर आओ, ये नही कहना वो नही खाना, यहाँ नही जाना, इससे दोस्ती नही करनी, उससे नही बोलना.... उफ्फ ! कितनी बंदिशें..?? वो अपनी इसी सोच में उलझा चला जा रहा था

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उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था।  कृप्या कैप्शन में पढ़ें 🙏🏻 "आज फिर वो माँ की डांट सुनकर गुस्से में, घर से बाहर निकल आया, आज फिर उसने सोच लिया कि अब कुछ भी हो घर नही जाऊगा.... भला ऐसा कोई करता है? मेरे सभी दोस्तों को आज़ादी है पर मुझे ही नही है.. सब अपनी ज़िंदगी जीते हैं पर.. मैं... मैं क्यों नही अपनी मर्जी से, खुल कर जी सकता हर समय, मम्मी की बंदिशें... घर जल्दी आया करो, रात को जल्दी सोया करो, स्कूल से सीधा घर आओ, ये नही कहना वो नही खाना, यहाँ नही जाना, इससे दोस्ती नही करनी, उससे नही बोलना.... उफ्फ ! कितनी बंदिशें..??
वो अपनी इसी सोच में उलझा चला जा रहा था

खामोशी और दस्तक

जाम हटने वाला हैं शायद ....archu असमंजस में थी क्या करे अब जाये या रुके । एक बार फ़िर आवाज़ आई मैडम अन्दर बैठ जाइये ऐसे खड़ी हैं आप अच्छा नही लगता पर archu को जैसे कुछ सुनाई ही नही दिया , अनेको विचार उसके दिमाग में कौंध रहे थे , आज फ़िर देर हो गईं , कब तक हटेगा ये जाम , एंबुलेंस में कौन होगा और वो लड़का कर क्या रहा हैं .... फ़िर से एक बार हॉर्न की आवाज़ आई और archu अपने विचारो से बाहर आई , झट से अन्दर बैठ गईं और ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी आगे की , फ़िर पीछे सड़क के नीचे करने की कोशिश करने लगा , archu ने

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तड़प   -  2 #NojotoQuote जाम हटने वाला हैं शायद ....archu असमंजस में थी क्या करे अब जाये या रुके । एक बार फ़िर आवाज़ आई मैडम अन्दर बैठ जाइये ऐसे खड़ी हैं आप अच्छा नही लगता पर archu को जैसे कुछ सुनाई ही नही दिया , अनेको विचार उसके दिमाग में कौंध रहे थे , आज फ़िर देर हो गईं , कब तक हटेगा ये जाम , एंबुलेंस में कौन होगा और वो लड़का कर क्या रहा हैं ....
फ़िर से एक बार हॉर्न की आवाज़ आई और archu अपने विचारो से बाहर आई , झट से अन्दर बैठ गईं और ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी आगे की , फ़िर पीछे सड़क के नीचे करने की कोशिश करने लगा , archu ने

खामोशी और दस्तक

#तड़प .....1

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आज archu ऑफीस के लिये तय समय से पहले निकली , कम से कम आज तो वक्त पर पहुंच जाये । 
जैसे ही बस स्टॉप पर पहुँची एक सहकर्मी अपनी कार से जाती दिखाई दी , कुछ आगे जा कर उसने कार रोक दी और archu को अपने साथ बुला लिया  archu भी बेझीझक उसके संग हो गईं काफ़ी वक्त के बाद उन्हें आपस में  बाते करने का , हाल चाल मालूम करने का अवसर मिला था ऑफिस में बस काम की व्यस्तता होती थी , बातों में कब आधा रास्ता तय कर लिया पता उन्हें पता ही नही चला , ऑफिस से क़रीब 10 मिनट की दूरी थी सिग्नल से कुछ पहले काफ़ी बड़ा या दूरी तक जाम लग गया था , archu की गाड़ी भी रूक गईं दोनो बातों में व्यस्त थी , अचानक archu की नज़र सड़क पर एक लड़के पर गईं क़रीब 20-22साल का होगा , हैंड्सम , शिक्षित किसी अच्छे खासे धनाड्य परिवार का लग रहा था , हर गाड़ी के वाहन चालक के पास जाता हाथ जोड़कर कुछ कहता और गाड़ी थोड़ी हट जाती या आस पास के लोग अपनी अपनी गाड़ी हटाने की कोशिश करते
क्या कार , क्या बाइक , बस , यहां तक की पैदल चलने वालो से भी वो रास्ता देने की गुज़ारिश करता ,  archu की कार काफ़ी दूरी पर थी और उसकी कार के पीछे एक एम्बूलैंस थी जो लगातर हॉर्न बजाए जा rhi थी , कुछ ही मिनटो में archu और उसकी सहकर्मी का हृदय विचलित होने लगा जाने कौन है एंबुलेंस में किस स्थिति में है कुछ तो गंभीर बात है और उनसे रहा नही गया वो दोनो कार से नीचे उतरी , तभी ड्राइवर ने कहा मैम आप दोनो अन्दर बैठ जाइये जाम हटने वाला है शायद .....
क्रमश..... #NojotoQuote #तड़प .....1
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