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Ashutosh Mishra
Unsplash आज हरियाली ने ओढी क्या स्वेत चादर मानो धरती पर स्वर्ग लोक का निर्माण हुआ शीत रितु की शीतल झकोरे हर मानव को झकझोरे कुछ सिमट गए रजाई में तो कुछ प्रकृतिक की छटा निहारे कही अनुपम अद्भुत अदुतीय का स्वर गुंजायमान हो रहा कोई आसमान से गिरते बर्फ के फुहारों की स्मृतियों को अपने मानस पटल पर इंगित कर रहा है अनोखी अदा अनोखी छटा अनोखा अंदाज है प्रकृतिक का हर सम्भव करो रक्षा प्रकृतिक की नही तो ये नज़रे केवल तस्वीर बन जाएगी अल्फाज मेरे✍️🏽🙏🏼🙏🏼 ©Ashutosh Mishra #snow #हिंदीनोजोटो #हिंदी_कविता #प्रकृति #नजारा #आशुतोषमिश्रा Mahi Aman Singh unnti singh SHIVAM tomar "सागर" Kamlesh Kandpal
#snow #हिंदीनोजोटो #हिंदी_कविता #प्रकृति #नजारा #आशुतोषमिश्रा Mahi Aman Singh unnti singh SHIVAM tomar "सागर" Kamlesh Kandpal
read moreJeetal Shah
White दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा। साग-सब्जियों की बहार, और गरमा-गरम सूप का आनंद, सर्दियों की रातों में भी, दिल को गरम रखने का मौसम। क्रिसमस की धूम, और सांता क्लॉज़ की कहानी, एक्समास ट्री की सजावट, और चर्च में प्रार्थना की धुन। साल के अंत में, नए साल का स्वागत, 365 नए दिन, नए विचार, नए लक्ष्य, और नए सपने। भूल जाने को पुराने दिन, और नए साल की शुरुआत, नए संकल्पों के साथ, और नए जोश के साथ। दिसंबर की सर्दियों का जादू, हमें नए साल की ओर ले जाने का एक मौसम। ©Jeetal Shah #poem दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।
#poem दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।
read moreAnuradha T Gautam 6280
#भाईचारा कुछ इस तरह से बदल रहा है मेरे शहर का नजारा किसी अपने को सच बोल दू तो खत्म हो रहा है भाईचारा..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ १३/१२/२४
read moreSatish Kumar Meena
शादी का बंधन पवित्र होता है क्योंकि इसके साक्षी भगवान होते हैं जिनसे कुछ छुपा नहीं है। ©Satish Kumar Meena शादी का बंधन
शादी का बंधन
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreashita pandey बेबाक़
कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
read moreDev
वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।। ©Dev दिल का अहसास
दिल का अहसास
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