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Pooja
White एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था जिसका नाम रोहन था। रोहन बहुत ही जिज्ञासु और मेहनती था। उसके पास बहुत से सवाल होते थे, जिनका जवाब उसे जानने की उत्सुकता रहती थी। एक दिन रोहन गांव के पास वाले जंगल में गया, जहाँ उसे एक बुजुर्ग आदमी मिला। वह आदमी बहुत ही शांत और ज्ञानी लग रहा था। रोहन ने सोचा कि वह उसके सवालों का जवाब दे सकता है। रोहन ने बुजुर्ग से पूछा, "दादा जी, सफलता का रहस्य क्या है?" बुजुर्ग ने मुस्कुराते हुए कहा, "सफलता का कोई सीधा रास्ता नहीं है, बेटे। इसे पाने के लिए धैर्य, मेहनत और सही दिशा में प्रयास करना होता है। जीवन में हर कदम सोच-समझकर उठाना चाहिए, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि जब भी गिरो, उठने का हौसला कभी मत खोना।" रोहन ने यह सीख ध्यान में रख ली। उसने अपने जीवन में कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी। धीरे-धीरे वह गांव का सबसे सफल व्यक्ति बन गया। इस तरह, रोहन ने यह सिखा कि सफलता केवल मेहनत से ही नहीं, बल्कि धैर्य और निरंतर प्रयास से भी मिलती है। ©Pooja #Moral story
#moral story #मोटिवेशनल
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The foundation of the world will be shaky until the moral props are restored... Good Morning 🌄 ©Ds... pooja.... Moral#
Moral# #Life
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White बनारस के गंगा किनारे पर एक छोटा सा गाँव था। उस गाँव में एक गरीब किसान, रामू, अपने परिवार के साथ रहता था। रामू की ज़िन्दगी बहुत कठिनाईयों से भरी थी, पर उसके मन में हमेशा एक उम्मीद की किरण जलती रहती थी। एक दिन, रामू को अपने खेत में एक अनोखा पौधा मिला। पौधा बहुत ही सुंदर और चमकदार था। गाँव के बुजुर्गों ने बताया कि यह पौधा जादुई है और इसे सही तरीके से संभालने पर यह किसी भी मनोकामना को पूरा कर सकता है। रामू ने बड़ी ध्यान से उस पौधे की देखभाल की। पौधा धीरे-धीरे बढ़ता गया और उसमें एक सुंदर फूल खिला। रामू ने अपनी आँखें बंद कर अपनी मनोकामना माँगी - "हे भगवान, मुझे इतना धन दे दो कि मैं अपने परिवार को खुशहाल जीवन दे सकूँ।" अगले ही दिन, रामू के खेत में सोने की बारिश होने लगी। रामू और उसका परिवार खुशी से झूम उठा। उन्होंने अपनी गरीबी को अलविदा कहा और गाँव में सबसे सुखी परिवार बन गए। रामू ने कभी भी अपनी मेहनत और ईमानदारी का दामन नहीं छोड़ा। वह हमेशा दूसरों की मदद करता और गाँव के सभी लोग उसे आदर से देखते। जादुई पौधा रामू की मेहनत और उसके नेक दिल का इनाम था। इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि सच्ची मेहनत और नेक इरादे से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है, और भगवान हमेशा उन लोगों की मदद करते हैं जो खुद अपनी मदद करने को तैयार होते हैं। ©Pooja #Moral story
#moral story #मोटिवेशनल
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Red sands and spectacular sandstone rock formations Unhelpful Friends: Bunny rabbit lived in the forest. He had many friends. He was proud of his friends. One day Bunny rabbit heard the loud barking of wild dogs. He was very scared. He decided to ask for help. He quickly went to his friend deer. He said, "Dear friend, some wild dogs are chasing me. Can you chase them away with your sharp antlers?" The deer said, "That is right, I can. But now I am busy. Why don't you ask bear for help?" Bunny rabbit ran to the bear. "My dear friend, you are very strong. Please help me. Some wild dogs are after me. Please chase them away," he requested to the bear. The bear replied, "I am sorry. I am hungry and tired. I need to find some food. Please ask the monkey for help." Poor Bunny went to the monkey, the elephant, the goat and all his other friends. Bunny felt sad that nobody was ready to help him. He understood that he had to think of a way out by himself. He hid under a bush. He lay very still. The wild dogs did not find the bunny. They went chasing other animals. Bunny rabbit learnt that he had to learn to survive by himself, not depending on his unhelpful friends. Moral: It is better to rely on yourself than depend on others. ©SANJAY....... #Stories motivational thoughts in hindi on success motivational quotes in hindi motivational thoughts in hindi motivational thoughts in en
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White **कठिनाई और समाधान** एक गाँव में एक छोटे किसान, रामू, की कहानी है। रामू के पास एक छोटा सा खेत था, जिसमें वह कठिन मेहनत करता था। उसकी फसल अच्छी होती थी, लेकिन अचानक एक साल बारिश नहीं हुई और सूखा पड़ गया। रामू की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। वह बहुत परेशान हो गया। उसके पास कर्ज चुकाने का भी कोई साधन नहीं था। वह सोचने लगा कि अब क्या किया जाए। एक दिन रामू ने गाँव के बुजुर्ग पंडित जी से सलाह मांगी। पंडित जी ने कहा, "रामू, हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हर समस्या का समाधान होता है। अगर तुम अपनी मेहनत को नहीं छोड़ोगे, तो सफलता जरूर मिलेगी।" रामू ने पंडित जी की बात पर विश्वास किया और मेहनत करने का निश्चय किया। उसने अपने खेत में नए तरीके से खेती शुरू की। उसने बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए तालाब बनाया और सूखे समय में भी पानी की व्यवस्था की। कुछ समय बाद, उसकी मेहनत रंग लाई। उसकी फसल फिर से अच्छी होने लगी और वह अपने कर्ज भी चुका सका। गाँव के लोग रामू की मेहनत और हिम्मत की तारीफ करने लगे। इस तरह रामू ने कठिनाईयों का सामना करते हुए अपनी मेहनत और विश्वास से सफलता हासिल की। **शिक्षा:** इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कठिनाईयों का सामना करने के लिए हिम्मत और मेहनत से काम लेना चाहिए। हर समस्या का समाधान होता है, बस हमें उसे ढूंढने और उस पर काम करने की आवश्यकता होती है। ©Pooja #Moral story
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White **अनोखी दोस्ती** एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम राहुल था। राहुल को जानवरों से बहुत प्यार था। उसके पास एक प्यारा कुत्ता था, जिसका नाम शेरू था। राहुल और शेरू पूरे दिन साथ खेलते थे और एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। एक दिन, गाँव में मेला लगा। राहुल ने अपने माता-पिता से मेले में जाने की इजाजत मांगी। माता-पिता ने कहा, "तुम जा सकते हो, लेकिन शेरू को भी साथ ले जाना।" राहुल खुशी-खुशी शेरू को साथ लेकर मेला गया। मेले में बहुत सारी चीजें थीं - झूले, मिठाई, खिलौने, और बहुत सारे लोग। राहुल और शेरू ने खूब मजा किया। लेकिन अचानक, शेरू भीड़ में कहीं खो गया। राहुल घबरा गया और शेरू को ढूंढने लगा। राहुल ने मेला का चक्कर लगाया, लेकिन शेरू कहीं नहीं मिला। आखिरकार, राहुल ने हार मान ली और एक पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगा। तभी, एक बूढ़ी औरत वहां से गुजरी और राहुल से पूछा, "बेटा, क्या हुआ?" राहुल ने अपनी पूरी कहानी सुनाई। बूढ़ी औरत ने मुस्कुराते हुए कहा, "डरो मत, मैं तुम्हारी मदद करूंगी।" उन्होंने अपने साथ लाए हुए एक छोटे से बक्से को खोला और उसमें से एक जादुई सीटी निकाली। उन्होंने कहा, "इस सीटी को बजाओ, तुम्हारा दोस्त वापस आ जाएगा।" राहुल ने सीटी बजाई, और कुछ ही पलों में शेरू दौड़ता हुआ राहुल के पास आ गया। राहुल ने खुशी से शेरू को गले लगा लिया और बूढ़ी औरत का धन्यवाद किया। बूढ़ी औरत ने कहा, "याद रखना, सच्ची दोस्ती में जादू होता है।" राहुल और शेरू खुशी-खुशी घर वापस आ गए। उस दिन के बाद, राहुल ने सीखा कि सच्ची दोस्ती कभी भी टूट नहीं सकती, चाहे कुछ भी हो जाए। ©Pooja #Moral story
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White **ईमानदारी की जीत** एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक ईमानदार किसान रहता था। राम का परिवार बहुत गरीब था, लेकिन राम ने कभी भी किसी की चीज़ चुराने या गलत तरीके से पैसे कमाने की कोशिश नहीं की। एक दिन, राम खेत में काम कर रहा था जब उसे एक चमचमाती सोने की अंगूठी मिली। राम ने सोचा कि यह अंगूठी किसी गाँववाले की हो सकती है। उसने गाँव में सभी से पूछा, लेकिन किसी ने दावा नहीं किया कि वह अंगूठी उनकी है। राम ने तय किया कि वह उस अंगूठी को गाँव के सरपंच के पास ले जाएगा। सरपंच ने भी गाँव में घोषणा कराई, लेकिन कोई भी अंगूठी का मालिक नहीं मिला। सरपंच ने राम से कहा, "राम, तुम इस अंगूठी को अपने पास रख लो। यह तुम्हारी ईमानदारी का इनाम है।" राम ने अंगूठी ले ली, लेकिन उसने सोचा कि उसे इस अंगूठी से किसी की मदद करनी चाहिए। उसने अंगूठी को बेच दिया और उससे मिले पैसे से गाँव के स्कूल की मरम्मत करवा दी और कुछ पैसे गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर दिए। कुछ महीनों बाद, गाँव में एक अमीर व्यापारी आया। उसने सरपंच से कहा, "मैंने यहाँ कुछ महीने पहले एक सोने की अंगूठी खो दी थी। क्या किसी को वह मिली है?" सरपंच ने राम को बुलाया और व्यापारी से मिलवाया। राम ने व्यापारी को पूरी कहानी सुनाई। व्यापारी ने राम की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे इनाम के रूप में दस सोने की मुद्राएँ दीं। राम ने वह मुद्राएँ भी गाँव के विकास और गरीबों की मदद के लिए खर्च कर दीं। इस प्रकार, राम की ईमानदारी और निस्वार्थता ने उसे गाँव में एक आदर्श बना दिया और सभी ने उसकी प्रशंसा की। ईमानदारी की जीत ने गाँव में एक नई दिशा दिखाई और सबने राम के पदचिन्हों पर चलना शुरू किया। **शिक्षा:** इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईमानदारी और निस्वार्थता हमेशा जीतती है और समाज में आदर व सम्मान दिलाती है। ©Pooja #Moral story
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White ### गाँव की बचपन की यादें गाँव का नाम स्नेहपुर था। वहाँ एक छोटा सा बच्चा, रवि, अपने माता-पिता और दादी के साथ रहता था। स्नेहपुर एक शांत और सुंदर गाँव था, जहाँ हरियाली और प्यार की कोई कमी नहीं थी। रवि की उम्र केवल दस साल थी, पर उसकी चंचलता और मासूमियत सबका दिल जीत लेती थी। हर सुबह, रवि अपनी दादी के साथ गाँव के मंदिर जाता था। मंदिर के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ था, जिसकी छाँव में बैठकर दादी उसे पुरानी कहानियाँ सुनाया करती थी। रवि को उन कहानियों में बहुत मज़ा आता था। उसकी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते वह सपनों की दुनिया में खो जाता था। एक दिन, रवि ने सुना कि गाँव में मेला लगने वाला है। वह बहुत खुश हुआ और तुरंत अपनी माँ के पास दौड़ता हुआ गया। माँ ने उसे बताया कि मेले में बहुत सारी मिठाइयाँ, खिलौने, और झूले होंगे। रवि की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेले वाले दिन, रवि ने अपनी सबसे प्यारी शर्ट पहनी और पूरे परिवार के साथ मेले गया। वहाँ उसने गुब्बारे, चाट और अपनी पसंदीदा मिठाई, जलेबी खाई। मेले में उसने एक खिलौना भालू देखा, जो उसे बहुत पसंद आया। उसके पिता ने उसकी खुशी देखकर वह भालू उसे दिला दिया। शाम को, जब रवि अपने खिलौने के साथ घर लौटा, तो वह बहुत थक गया था। उसने भालू को अपने पास रखा और अपनी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते सो गया। उस रात, रवि ने सपने में देखा कि वह अपने नए भालू के साथ जादुई जंगल में घूम रहा है, जहाँ पेड़ों पर चॉकलेट और जमीन पर मिठाईयाँ बिखरी हुई हैं। इस तरह, स्नेहपुर में रवि का बचपन हँसी-खुशी और प्यारी यादों से भरा हुआ था। गाँव की सरलता और दादी की कहानियाँ उसके जीवन को खास बनाती थीं। और इस तरह, रवि के बचपन की मीठी यादें हमेशा उसके दिल में बसी रहीं। ©Pooja #Moral story
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White ### एक छोटी सी कहानी: **दोस्ती का अनमोल तोहफा** एक छोटे से गाँव में, दो दोस्त रहते थे - राम और श्याम। दोनों की दोस्ती बचपन से ही थी और उनकी एक-दूसरे के प्रति निष्ठा और प्रेम अद्वितीय था। एक दिन, गाँव के पास के जंगल में आग लग गई। आग तेजी से फैल रही थी और गाँव के लोग भयभीत थे। राम और श्याम दोनों ने मिलकर गाँववालों की मदद करने का निश्चय किया। वे अपने घरों से बाल्टियाँ लेकर पानी भर-भर कर आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। श्याम की एक टांग थोड़ी कमजोर थी, लेकिन उसने हार नहीं मानी और राम के साथ-साथ आग बुझाने में जुट गया। वे दोनों बिना रुके, बिना थके, गाँव के लोगों की मदद करते रहे। राम ने देखा कि श्याम थक गया है, लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। राम ने श्याम को अपने कंधे पर बैठा लिया और दोनों मिलकर आग बुझाने लगे। उनकी इस निष्ठा और साहस को देखकर गाँव के बाकी लोग भी प्रेरित हुए और सब मिलकर आग बुझाने लगे। थोड़ी देर में आग बुझ गई और गाँव के लोग सुरक्षित हो गए। सभी ने राम और श्याम की तारीफ की और उनकी दोस्ती का आदर किया। इस घटना के बाद, राम और श्याम की दोस्ती और भी गहरी हो गई। वे दोनों समझ गए कि सच्ची दोस्ती वह होती है, जो कठिन समय में एक-दूसरे के साथ खड़ी रहती है। गाँव के लोग उनकी इस दोस्ती की मिसाल देने लगे और दोनों को सच्चे मित्रों के रूप में सम्मानित किया। इस प्रकार, राम और श्याम की दोस्ती ने सबको यह सिखाया कि सच्चा मित्र वही होता है, जो मुश्किल समय में साथ खड़ा रहता है और बिना किसी स्वार्थ के मदद करता है। ©Pooja #Moral story
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