Nojoto: Largest Storytelling Platform

New अनपढ़ नौकरी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about अनपढ़ नौकरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अनपढ़ नौकरी.

बेजुबान शायर shivkumar

माता -पिता भले ही अनपढ़ क्यों न हो, लेकिन..... #शिक्षा और #संस्कार दोनो देने की जो क्षमता उनमें है वो दुनिया के किसी #स्कूल में नहीं है

read more
माता -पिता भले ही अनपढ़ क्यों न हो, 
लेकिन..... शिक्षा और संस्कार 
दोनो देने की जो क्षमता उनमें है 
वो दुनिया के किसी स्कूल में नहीं है  !!

©बेजुबान शायर shivkumar माता -पिता भले ही अनपढ़ क्यों न हो, 
लेकिन..... #शिक्षा  और #संस्कार 
दोनो देने की जो क्षमता उनमें है 
वो दुनिया के किसी #स्कूल  में नहीं है

Sarfaraj idrishi

#VoteForIndia जब नौकरी देने में फेल, तो खेलो हिंदू मुस्लिम खेल दे नहीं सकते रोटी कपड़ा और मकान, तो करो हिंदुस्तान पाकिस्तान ! Islam Krisswri

read more
White जब नौकरी देने में फेलतो खेलो हिंदू मुस्लिम खेल
 दे नहीं सकते रोटी कपड़ा और मकान, 
तो करो हिंदुस्तान पाकिस्तान !

©Sarfaraj idrishi #VoteForIndia जब नौकरी देने में फेल, तो खेलो हिंदू मुस्लिम खेल दे नहीं सकते रोटी कपड़ा और मकान, तो करो हिंदुस्तान पाकिस्तान ! Islam Krisswri

AbhiJaunpur

#‌AbhiJaunpur सुरेश अनजान अदनासा- शिवम् सिंह भूमि कवि आलोक मिश्र "दीपक" अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर

read more
विश्व हिन्दी दिवस को 
अंग्रेजी मे लिखकर 
बधाई देने वालो को भी 
विश्व हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं

©AbhiJaunpur #‌AbhiJaunpur  सुरेश अनजान  अदनासा-  शिवम् सिंह भूमि  कवि आलोक मिश्र "दीपक"  अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर

Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ

मोहब्बत और नौकरी #advice&Motivation #subichar

read more
White मोहब्बत और नौकरी में कोई फर्क नहीं ! इंसान करता रहेगा, रोता रहेगा पर छोड़ेगा नहीं !!

©Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ मोहब्बत और नौकरी 
#Advice&Motivation #subichar

अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

नौकरी बजानी होती है सहाब

read more
White नौकरी बजानी होती है सहाब,
झोला उठाकर निकल जाता हूं 
लौट आता निस्तेज 
मै क्या करूं,
पेट बडा हो गया है मेरा 
सब डकार जाता है 
रद्दी हो या बेकार,
नौकरी बजानी होती है सहाब
पकने लगे है अब बाल मेरे ,
सब पता है फिर भी चलायमान तन मन,
रूकता कहां है थमता कहां है 
हा ठिकाना भी जानता हूं 
साठ के बाद का 
वही पिछले का पुराना पलंग ,
गंदी तकिया  और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना।
हास्यपद है फिर भी 
नौकरी बजानी पडती है सहाब।

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब

Anuradha T Gautam 6280

#अनपढ़ वैसे तो तुम अनपढ़ थे क्योंकि School join जो नहीं किया मुझे पढ़ पाओगे शायद नहीं क्योंकि मुझे पता है तुम उस वक्त भी एक अनपढ़ बन ज

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile