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हिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कर के मोहब्बत भरपूर तुमसे .. हिस्से में सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. ख़बर भी ना लगी कब दिल खो गया कब तेरी चाहतों के शिद्दत से तलबगार हुए .. ©हिमांशु Kulshreshtha कर के..
कर के..
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
Girl quotes in Hindi नैनों की चमक में सभी दीवाने हो गए चेहरे के दर्द के पीछे हसीं फ़ीकी हो गई प्रयागराज़ में एक लड़की के पीछे घर का गुज़ारा करना मुश्किल हो गई ©Nitu Singh जज़्बातदिलके नैनों की चमक में सभी दीवाने हो गए चेहरे के दर्द के पीछे हसीं फ़ीकी हो गई प्रयागराज़ में एक लड़की के पीछे घर का गुज़ारा करना मुश्किल हो गई @N
नैनों की चमक में सभी दीवाने हो गए चेहरे के दर्द के पीछे हसीं फ़ीकी हो गई प्रयागराज़ में एक लड़की के पीछे घर का गुज़ारा करना मुश्किल हो गई @N
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreअनिल कसेर "उजाला"
मौसम बदल रहा है सम्हल के चल, दिल से दिल मिल रहा है सम्हल के चल। तूफां तो बहुत आयेंगे जिंदगी में तेरे, वक़्त भी निकल रहा है सम्हल के चल। ©अनिल कसेर "उजाला" सम्हल के चल
सम्हल के चल
read moreRuhi
Unsplash एक दिन मैं सब कुछ छोड़ जाऊंगी तुमसे दूर और अपनों से मु मोड़ जाऊंगी ज़माने भर से क्या मतलब.... मैं जहां से आई थी फ़िर उन्हीं राहों से लौट जाऊंगी । एक दिन मैं यूं ही किसी मिट्टी में हवा बन उड़ जाऊंगी,, एक दिन तुम सब देखोगे और मैं सबके आंखों से धार बन कर बह जाऊंगी,, एक दिन मैं इस दुनियां को अपनी से पराई कर जाऊंगी। एक दिन तुम देखोगे लाश मेरी और मैं कब्र में आंखे मूंद सो जाऊंगी। ©Ruhi मेरे बहते आंखों के अश्क कह रहे हैं तुमने मजबूरियां देखी है और लोगों ने तुम्हें मजबूर किया है।
मेरे बहते आंखों के अश्क कह रहे हैं तुमने मजबूरियां देखी है और लोगों ने तुम्हें मजबूर किया है।
read moreGhanshyam Ratre
शीत लहरें कोहरे का ठंडा का महिना है । गरम वाले सुती ऊनी वस्त्र लगते सुहाने हैं।। बहुत ठंडा लगता है ठंड से शरीर कांपते हैं। ठंडा में गर्मागर्म खाने के चीजें अच्छे लगते हैं।। ©Ghanshyam Ratre ठंडा के महिने
ठंडा के महिने
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क ओले राशन पानी पर गिराकर महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है मानक सफ़लता के सरकारों के पास है गफलत में हम, दम तोड़े जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
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