Find the Latest Status about लादुराम नायक के भजन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लादुराम नायक के भजन.
करन सिंह परिहार
राजपथों के ढोंगी नायक चंदन चाहे जितना मल लो। सत्ता हथियाने की खातिर चाहे जितनी चालें चल लो। पर मैं अपनी रचनाओं से तुम्हें पराजित सदा करूंगा। और पसीने से लथपथ हर माथे के मैं गले लगूंगा। जो खेतों के संन्यासी हैं सूर्य ताप से नित मिलते हैं। फटी कमीजों में अपने जो ओस बूंद के कण सिलते हैं। जिसके साथ हमेशा रहता धुंध कुहासे का अपनापन। जिसके आगे झूम - झूम कर मोर नित्य करते हैं नर्तन। मैं उन मेहनतकश अंगों में फूलों का मकरन्द भरूंगा। और पसीने की-------------------------------------(१) जाति-पांति का जहर घोलकर तुमने अपने भाग्य संवारे। और तुम्हारी कूटनीति से जगह -जगह दहके अंगारे। धर्मवाद की दग्ध चिता मानवता को झोंका तुमने। आम - जनों को मिलने वाले अधिकारों को रोंका तुमने। पर मैं अपने हर गीतों में तुम्हें धरा का बोझ कहूंगा। और पसीने-------------------------------------------(२) जिन हाथों की गीली मेंहदी सीमाओं पर हुई निछावर। भरी जवानी विलग हो गया जिन पैरों से नेह महावर । जिनकी कच्ची उम्र जवानी के दर्पण को त्याग चुकी है। और नींद जिन-जिन आंखों से अगणित रातें जाग चुकी है। उन आंखों से बहते आंसू का जीवन संग्राम लिखूंगा। और पसीने------------------------------------------(३) ©करन सिंह परिहार #राजपथों के ढोंगी नायक
Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777
शीर्षक-राष्ट्रगान के नायक हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ मैं राष्ट्र गीत तुम्हारे गाता हूँ दिया जो भारत को राष्ट्रगान, याद उसे फिर मैं करता हूँ हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |1| दी पहचान इस भारत को हे जन गण मन के नायक आव्हान तुम्हारा करता हूँ हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |2| भारत की संस्कृति,सभ्यता से गहरा नाता है किया दौरा विश्व का फिर भी कोई न भाता है दिलाई एक नई पहचान भारत को विश्व मे, हर भारतीये जन गण मन गण गीत गाता है |3 | हे देवेंद्र के लाल,तुम हो शान-ऐ-बंगाल बंगाल प्रान्त की तुम हो शान भारत देश की हो तुम पहचान लिखा जो राष्ट्रगान आपने वही मैं गाया करता हूँ हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |4| रचनाकार-अरुण चक्रवर्ती ©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 हे राष्ट्रगान के नायक #RABINDRANATHTAGORE
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी जन गण मन के अधिनायक बने भारतीयता के नायक जन जन को कर्तव्यों से बांधा उनके अधिकारों के लिये सारी शक्तियों को चार भागो में बांधा निरंकुश न हो जाये सत्ता और प्रशासन संविधान को पारखी नजरो से भीमराव अंबेडकर ने कई अनुच्छेद में ढाला प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" जनमन के अधिनायक बने भारत के नायक #nojotohindi