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Chinka Upadhyay
तहज़ीब में भी उसकी, क्या खूब अदा थी.! 'नमक' भी अदा किया, तो ज़ख्मों पे छिड़क कर। ©Chinka Upadhyay नमक भी अदा किया तो जख्मों पे छिड़क कर 😊 #matangiupadhyay #Nojoto #thought #Love
Shivkumar
मेरा तो जीना हराम कर रखा है , पूरे शहर में ही यु तो जाम लग रहा है । पेट्रोल-डीज़ल वैसे ही नहीं रहा सस्ता, 10 मिनट का रस्ता तो यु 1-1 घंटे में तय होता है। और अगर किसी का स्कूटर जाम मे बंद पड़ जाता है, तो हर कोई हॉर्न बजा-बजा के उसी पे चढ़ जाता है । जाम से बचने के लिए जो दूसरा रास्ता अपनाया , तो वहाँ तो उससे भी बड़ा जाम पाया । इसकी ना जाने कब युक्ति निकलेगी , ©Shivkumar #trafficcongestion #traffic #Signal #Nojoto मेरा तो #जीना हराम कर रखा है , पूरे #शहर में ही यु तो #जाम लग रहा है । #पेट्रोल डीज़ल व
AJAY NAYAK
बताकर धोखा देना हमारे जख्मों को देखने आयी हो या हमे जो भी हो............ जाते जाते............. नमक भी छिड़कना तो बताकर छिड़कना अंदर का घाव, ठंडियों में बहुत दुखता है –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #lakeview #batakardhokadena बताकर धोखा देना हमारे जख्मों को देखने आयी हो या हमे जो भी हो............ जाते जाते............. नमक भी छिड़कन
Himanshu Prajapati
वह हर बात में अपने बातों से चमक लाती है, उसकी यही अदा मुझे बहुत भाती है, जब से देखा है उसका अंदाजे कारनामा हम होश गवा बैठे है, वह तो केक में भी नमक डालकर खाती है..! ©Himanshu Prajapati #longdrive वह हर बात में अपने बातों से चमक लाती है, उसकी यही अदा मुझे बहुत भाती है, जब से देखा है उसका अंदाजे कारनामा हम होश गवा बैठे है, व
ਸੀਰਿਯਸ jatt
ਸੀਰਿਯਸ jatt
Devesh Dixit
महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये सुर ताल।। बीच वर्ग के हैं पिसे, देख हुए नाकाम। अब सोचें वह क्या करें, बढ़ा सकें कुछ काम।। फिर भी हैं कुछ घुट रहे, मिला न जिनको काम। महँगाई के दर्द में, जीना हुआ हराम।। चिंतित सब परिवार हैं, दें किसको अब दोष। महँगाई ऐसी बढ़ी, थमें नहीं अब रोष।। विद्यालय व्यवसाय हैं, दिखते हैं सब ओर। शुल्क मांँगते हैं बहुत, पाप करें ये घोर।। मुश्किल से शिक्षा मिले, कहते सभी सुजान। महँगाई की मार है, यही बड़ा व्यवधान।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #महँगाई_की_मार #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये